ब्रैस्ट कैंसर अवेयरनेस सेमिनार सम्पन्न

shreecreates
congrtaulation shreyansh & hiri

बीकानेर , 8 अक्टूबर। राजकीय स्कूल ऑफ नर्सिंग व नर्सिंग कॉलेज के संयुक्त तत्वधान में ब्रैस्ट कैंसर माह के उपलक्षय में ब्रैस्ट कैंसर अवेयरनेस सेमिनार का सफल आयोजन मेडिकल कालेजऑडिटोरियम में किया गया। सेमिनार का उद्धघाटन कैंसर विभाग के विभागाधयक्ष व प्रोफेसर डॉ सुरेंद्र बेनीवाल ने किया।

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl
DIGITAL MARKETING
SETH TOLARAM BAFANA ACADMY

सेमिनार को संबोधित करते हुए डॉ सुरेंद्र बेनीवाल ने बताया कि महिलाओं में ब्रैस्ट कैंसर के बारे में जागृति लाना और उसका जल्द निदान से इसका पूर्ण इलाज संभव है। उन्होंने इसके लिए कुछ वातावरणीय कारको रेडीएसन, हार्मोनल कारणों, आनुवंशिकी कारणों को विस्तार से बताया । उन्होंने बताया कि अमेरिका में हर 8 ब्रैस्ट कैंसर महिला में से एक कि ही मृत्यु होती है , शेष का सुखद भविष्य रहता है। उनहोंने बताया कि हाल ही में रेडीएसन फ्री व दर्द रहित मेमोग्राफी सुविधा पीबीएम अस्पताल में उपलब्ध हो गई है।

pop ronak

सेमिनार को संबोधित करते हुए गायनोकॉलोजी विभाग की प्रोफेसर डॉ स्वाति फ्लोदिया ने बताया कि महिलाओं को छोटी सी गांठ या ब्रैस्ट में असामान्य महसूस होने पर समय पर चिकित्सीय सहायता नही लेती है और बताने में हिचकिचाती है जो कि इसकी गंभीरता बढ़ा देती है। यहाँ तक अपने पति को भी नही बता पति है जो गलत है। इसे जनजाग्रति अभियान के रूप में लिया जाना चाहिए। उन्होंने स्वस्थ दिनचर्या अपनाने पर जोर दिया ।

सेमिनार को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता कैंसर विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ पंकज टांटिया ने सेल्फ ब्रैस्ट एग्जामिनेशन के बारे में विस्तार बसे बताया कि प्रत्येक महिला जो 40 वर्ष से 65 वर्ष के बीच हैं को प्रत्येक माह में कम से कम एक बार स्वयं का ब्रैस्ट परीक्षण करने का तरीका विस्तार से बताया कि अगर परीक्षण में महिला को 2 cm से कम कोई गांठ महसूस हो तो उसका इलाज शत प्रतिशत हो जाता है।उन्होनें ब्रेस्ट की निपल का अंदर धंस जाना , ब्रेस्ट पैन , असामान्य स्राव , आदि इसके लक्षण बताए और आवश्यकता पड़ने पर बायोप्सी जाँच तुरंत करवाने पर ज़ोर दिया ।

सेमिनार को संबोधित करते हुए कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ राजेश सिंवर और डॉ सीताराम महरिया ने पेलिएटिव केयर के बारे में बताया की अंतिम अवस्था के ब्रेस्ट कैंसर मरीज़ों को शेष बची ज़िंदगी सुकून से जीने का तरीक़ा इस्तेमाल किया जाता है जैसे दर्द निवारक दवाएँ और न्यूरोलॉजिकल नर्व ब्लॉक , मॉर्फिन , कोडीन आदि से उन्हें आराम दिया जाता है ।

सेमिनार को संबोधित करते हुए असिस्टेंट प्रोफेसर सर्जन डॉ मोहम्मद रफ़ीक राव ने ऑपरेशन से पहले और बाद की देखभाल विस्तार से बताई । सेमिनार को संबोधित करते हुए नर्सिंग कॉलेज के प्रिंसिपल ने कैंसर कंट्रोल कार्यक्रम के बारे में बताया ।

अंत में सेमिनार को संबोधित करते हुए राजकीय स्कूल ऑफ़ नर्सिंग के प्रिंसिपल अब्दुल वाहिद ने बताया कि ब्रेस्ट कैंसर के मरीज़ों को ऑपरेशन के बाद , 5 kg से ज़्यादा वज़न नहीं उठाना , और स्ट्रेचिंग व्यायाम और ऑपरेशन के बाद होने वाली हाथ में सुजन जिसे लिंफेडेमा कहते है के इलाज के लिए विभिन्न तरह के व्यायाम को प्रदर्शित करके बताया । उन्होंने कहा कि सर्जरी वाले हाथ में किसी प्रकार का प्रिक और प्रोसीजर जैसे बीपी लेना आदि नहीं करना चाहिए और हाई फाइबर डाइट खाने और जंक फ़ूड से बचने की सलाह दी ।

मंच का संचालन डूँगर राम जाम ने किया और सब का धन्यवाद ज्ञापित किया ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *