16 फरवरी को भारत बंद का आह्वान

किसान संगठनों के पदाधिकारी बोले- शारदा-यमुना जल समझौता अभी तक लागू नहीं हुआ, आंदोलन होगा

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सीकर , 28 जनवरी। औद्योगिक और ग्रामीण भारत 16 फरवरी को बंद व 14 मार्च को दिल्ली के जंतर मंतर पर होने वाली किसान महापंचायत को सफल बनाने के लिए भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) की ओर से आम सभा का आयोजन किया गया।

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संयुक्त किसान मोर्चा के जिला संयोजक पूर्णमल सुंडा ने बताया कि किसानों और मजदूरों के कई अनसुलझे मुद्दों व लंबित मांगों को लेकर भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, जलशक्ति मंत्री, वाणिज्य मंत्री तथा राजस्थान के मुख्यमंत्री के नाम सोमवार को जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपे जाएंगे।

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ज्ञापन में एमएसपी गारंटी कानून बनाने, एमएस स्वामीनाथन आयोग की सभी सिफारिशों को लागू करवाने, देश भर में किसानों की सम्पूर्ण कर्ज मुक्ति, सीकर संभाग में यमुना जल नहर परियोजना लागू करवाने, प्याज निर्यात पर लगाई गई 800 डॉलर प्रतिटन के एक्सपोर्ट प्राइस को समाप्त करके फ्री ड्यूटी कर प्याज के एक्सपोर्ट को बढ़ाने सहित अनेक मांगें की गई हैं।

भारतीय किसान यूनियन टिकैत के जिलाध्यक्ष दिनेश जाखड़ ने बताया कि सीकर, चूरू, झुंझुनूं और नागौर चारों जिलों की भौगोलिक परिस्थिति और क्लाइमेट भी एक ही तरह का है। साल 2002 में तत्कालीन वाजपेयी सरकार ने शारदा यमुना लिंक नहर परियोजना का प्रस्ताव तैयार किया था। चारों जिलों को पानी की सप्लाई होनी थी, लेकिन 20 साल से ज्यादा का समय बीतने के बाद भी उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

नहर लाओ, जीवन बचाओ अभियान 1994 में राजस्थान और हरियाणा की राज्य व केंद्र सरकार के बीच यमुना के पानी को सीकर, चूरू और झुंझुनूं लाने के लिए समझौता हुआ था। उस पर राजस्थान और हरियाणा सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है। अब वर्तमान में हो रही पानी की कमी को देखते हुए यूनियन ने नहर लाओ, जीवन बचाओ आभियान की शुरुआत की है।

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