साध्वीश्री विचक्षणश्री जी के संयम शताब्दी दिवस मनाया

  • तन में व्याधि मन में समाधि, विरल विभूति, समता की मूर्ति थीं साध्वी विचक्षणश्रीजी

बीकानेर, 28 मई। जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ की साध्वीश्री विचक्षण श्रीजी का संयम शताब्दी दिवस मंगलवार को रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में जप, तप, सामयिक, भक्ति गीत, गुणानुवाद सभा के साथ मनाया गया।

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बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने सामयिक के साथ उपवास, एकासना, आयम्बिल, निवि आदि तपस्याएं की। देश के 600 जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ के संघों में भी मंगलवार को ही साध्वीश्री विचक्षणश्रीजी के संयम शताब्दी दिवस मनाया गया।

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साध्वीश्री चंदन बाला ने कहा कि विचक्षण श्रीजी वे सरल स्वभाव की विरल विभूति, समता की मूर्ति तथा 20 वीं सदी की महान साध्वी थी। उनके आचरण में आगम तथा सद्गुणों में समागम था। उन्होंने कैंसर जैसी लाईलाज महा व्याधि की वेदना को समभाव से सहन किया।

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उनका कथन था की शरीर अपना काम करता है, शरीर से आत्मा अलग है, आत्मा के परमात्मा के मिलन से ही रोग, शोक, दुख व तकलीफ सहन की शक्ति मिलती है। उन्होंने कहा कि साध्वीश्री ने जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के साध्वीवृंद व श्रावक-श्राविकाओं में देव, गुरु व धर्म के प्रति अलख जगाई, अनेक मंदिरों, दादाबाड़ियों का जीर्णोंद्धार व विकास कार्य करवाया।

वर्तमान में देश में साध्वीवृंद का बड़ा समूह उनके व उनकी शिष्या महामांगलिक प्रदात्री प्रवर्तनी चन्द्र प्रभा श्रीजी का है। साध्वीश्री ने शिवबाड़ी के गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर परिसर में विचक्षण चन्द्र प्रभा परिसर व भूतल के हिस्से बने हॉल को प्रवर्तनी चन्द्र प्रभा प्रवचन सभागार का नाम की घोषणा की।

श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट, श्री जिनेश्वर युवक परिषद, सामयिक मंडल, विचक्षण महिला मंडल व खरतरगच्छ ज्ञान वाटिका के सहयोग से आयोजित समारोह की शुरुआत साध्वीवृंद की ओर से प्रस्तुत विचक्षण प्रार्थना से की। प्रभंजनाश्रीजी, सुजेष्ठाश्रीजी, साध्वीश्री प्रज्ञा निधि, रत्न निधि श्रीजी, नित्योदयाश्रीजी, चिन्मयाश्रीजी पुण्य निधिजी व कृतार्थ निधि ने भाव व भजनों के माध्यम से विचक्षणश्रीजी के आदर्शों का स्मरण दिलाया।

विचक्षण महिला मंडल, कुशल दुगड़, पूनम जैन, मान्या कोठारी, जिनीशा नाहटा तथा श्री गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर अंजन शलाका प्रतिष्ठा महोत्सव के संयोजक बीकानेर मूल के सूरत प्रवासी पवन पारख, जिनेश्वर युवक परिषद के मंत्री मनीष नाहटा ने साध्वीश्री विचक्षणश्रीजी के व्यक्तित्व व कृतित्व को उजागर किया। श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के मंत्री रतन लाल नाहटा ने ज्ञापित किया।

समारोह स्थल पर सामयिक करने वाले श्रावक-श्राविकाओं का लक्की ड्रा निकाला गया। लक्की ड्रा में चयनित पांच भाग्यशालियों को सुश्राविका श्रीमती सरोज लीलम सिपानी, श्रीमती कुसुम मनीष सिपानी ने चांदी के सिक्के प्रदान कर सम्मानित किया। सम्मानित होने वालों में विजयचंद पारख, हीरा देवी पारख, कंचन कोठारी, कमला देवी डागा, प्रेमलता सिपानी शामिल थी।

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