योगाभ्यास को दैनिक जीवनचर्या का हिस्सा बनाने पर ही योग दिवस मनाने की सार्थकता
श्री जैन पब्लिक स्कूल, बीकानेर में योग दिवस
बीकानेर , 21 जून। स्वयं और समाज के लिए योग थीम के साथ 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में श्री जैन पब्लिक स्कूल, बीकानेर के प्रांगण में विद्यार्थियों , अभिभावक एवं अध्यापकगण द्वारा योग के महत्व को जानने तथा स्वयं के साथ-साथ समाज को भी योग को अपनाने हेतु प्रेरित करने के लिए योग साधक कर्मवीर जी के मार्गदर्शन में विभिन्न प्रकार के सूक्ष्म योग एवं प्राणायाम अभ्यास कर शारीरिक एवं मानसिक लाभ के साथ स्वस्थ एवं दीर्घायु जीवन जीने के मूल मन्त्रों को जाना।
शाला परिवार की ओर से प्रधानाचार्या रूपश्री सिपानी ने योग प्रशिक्षक को स्मृति चिन्ह भेंटकर विद्यार्थियों को योग की जानकारी से लाभान्वित करने के लिए विशेष आभार व्यक्त किया। मन की स्थिरता व आत्मिक बल प्रदान के साथ सर्वांगीण विकास के लिए नियमित योगाभ्यास करने के लिए विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया ।
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योगाभ्यास को दैनिक जीवनचर्या का हिस्सा बनाने पर ही योग दिवस मनाने की सार्थकता
बीकानेर, 21 जून । यह देखकर प्रसन्नता होती है कि जिन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए पूरी दुनिया में योग दिवस मनाया जाता है, आज इतनी बड़ी संख्या में लोगों को योग करते हुए देखकर वह उद्देश्य आज सफल हो रहा है’।
यह बात अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर राजस्थान प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र, गंगाशहर और जन शिक्षण संस्थान, बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 10वें योग दिवस पर मुख्य अतिथि योगाचार्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ. वत्सला गुप्ता ने कही। राजस्थान प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र, गंगाशहर के योग भवन में आयोजित इस आयोजन में गुप्ता ने कहा कि योग का प्रचार और प्रसार आज पूरी दुनिया में हो रहा है। विश्वभर में योग को लेकर अद्भुत जागरूकता आई है।
इस अवसर पर जन शिक्षण संस्थान के निदेशक ओमप्रकाश सुथार ने कहा कि अपने कर्म में कुशलता प्राप्त करना ही श्रेष्ठ योग है। आज के योगाभ्यास को दैनिक जीवनचर्या का हिस्सा बनाने पर ही योग दिवस मनाने की सार्थकता है।
बैंक यूनियन नेता वाई.के. योगी ने कहा कि आज का यह दिन हम सबके लिए गौरव का दिन, स्वाभिमान का दिन है और उल्लास व खुशी का दिन है। आज हम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मना रहे हैं और यह तभी संभव हो पाया है जब देश के प्रधानमंत्रा नरेंद्र मोदी के भगीरथ प्रयास से सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामया, सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत् और वसुधैव कुटुंबकम के भाव को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने पर सहमति दी है।
राजस्थान प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र के मंत्रा बनवारीलाल शर्मा ने कहा कि योग का अर्थ होता है जोड़ना, योग की प्राचीन परंपरा हम सभी को स्वस्थ जीवन पद्धति से जोड़ती है। योग की प्रक्रिया हमें आध्यात्म और उच्च जीवन मूल्यों से भी जोड़ती है।
योग गुरू श्रीरतन तम्बोली ने कहा कि योग से समाज का निर्माण होता है। योग केवल स्वस्थ जीवन के लिए ही नहीं बल्कि स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए भी जरूरी है। इसके साथ ही योगगुरु श्रीरतन तम्बोली ने प्राणायाम, सूक्ष्म क्रियाएं और विभिन्न योगों का अभ्यास भी कराया।
समाजसेवी पूनमचंद खत्रा ने आभार प्रकट किया। इस अवसर पर संस्थान के कार्यक्रम अधिकारी महेश उपाध्याय, सहायक कार्यक्रम अधिकारी उमाशंकर आचार्य और तलत रियाज, सीताराम कच्छावा आदि उपस्थित थे।
इस अवसर पर महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने उपस्थित महिलाओं और योगचार्यों का सम्मान किया गया। जिनमें राष्ट्र स्वयं सेवक संघ के नगर संघ चालक ब्रहमदत्त आचार्य , प्रशिक्षिका श्रीमती ममता पंवार, योग गुरू श्रीरतन तम्बोली, योगाचार्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ. वत्सला गुप्ता, शिक्षिका सरला प्रजापत, उपचारक सुनीता प्रजापत एवं ओम प्रकाश सुथार आदि का स्मृति चिन्ह देकर और शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया गया।