चिंतामणि जैन मंदिर में चैत्यवंदन,स्तुति-स्तवन
साध्वीश्री सुजेष्ठा श्रीजी व सुव्रताश्रीजी का 38 वां संयम दिवस मनाया
बीकानेर, 25 मई। साध्वीश्री विजयप्रभा, चंदनबाला, भक्तामर प्रसारिका साध्वीश्री मृगावती श्रीजी व प्रभंजना श्रीजी के सान्निध्य में चल रहे ’’चलो जिन दर्शन से निज दर्शन की ओर ’’धर्म जागरण अभियान के तहत शनिवार को भुजिया बाजार के प्राचीन चिंतामणि जैन मंदिर, डागा मोहल्ला के भगवान महावीर जी, मथैरण चौक के भगवान वासुपूज्य स्वामी के मंदिर में चैत्यवंदन, स्तुति-स्तवन किया गया।
सुगनजी महाराज के उपासरे में बीकानेर मूल की साध्वीश्री सुजेष्ठा श्रीजी व सुव्रताश्रीजी का 38 वां संयम दिवस प्रवचन, भजन, अनुमोदना गीत तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ मनाया गया। दोनों साध्विंयों ने 38 वर्ष पूर्व विचक्षण ज्योति, महामांगलिक प्रदात्रि बीकानेर मूल की साध्वीश्री चन्द्रप्रभा से भागवत दीक्षा दी थी। सुजेष्ठा श्रीजी का सांसारिक नाम संतोष पुत्री माणक चंद केसरदेवी, सुराणा तथा सुव्रताश्री का सांसारिक नाम सुनीता पुत्री मानसिंह दुगड़ मूलाबाई था। संयम साधिका साध्वीवृंद के साथ उनके वीर माता पिता की भी अनुमोदना गीतिकाओं व नृत्य नाटिकाओं के माध्यम से की गई।
जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ युवक परिषद से सम्बद्ध ज्ञान वाटिका के बच्चों ने सुनीता नाहटा की नेतृत्व में साध्वी वृंद के निर्देशन प्रभावी गणवेश में नृत्य नाटिकाएं में प्रस्तुत की।
भक्तामर प्रसारिका साध्वी मृगावती श्रीजी के नेतृत्व में नाहटा चौक के भगवान आदिनाथ मंदिर में सामूहिक भक्तामर पाठ के बाद भगवान आदिनाथ के चिंतामणि स्वरूप, भगवान महावीर स्वामी व वासुपूज्य स्वामी के मंदिरों में भक्ति गीतों के साथ चैत्य वंदन किया। साध्वी मृगावती श्रीजी के साथ साध्वी सुरप्रिया श्रीजी, नित्योदया श्रीजी, कला निधि श्रीजी व अक्षय निधि श्रीजी के नेतृत्व में गुरु इकतीसा का पाठ किया गया तथा भक्ति गीत गाए गए।
रविवार को भगवान आदिनाथ जी के मंदिर में पौने छह बजे भक्तामर पाठ के बाद श्रावक-श्राविकाएं, ज्ञान वाटिका के बच्चे समूह में साध्वी वृंद के साथ भांडाशाह जैन मंदिर, लक्ष्मीनाथ मंदिर परिसर के भगवान नेमिनाथ मंदिर में चैत्यवंदन, दर्शन व स्तुति-स्तवन करेंगे।