मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट से याचिका वापस ली
नयी दिल्ली , 22 मार्च। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में ईडी की गिरफ़्तारी को चुनौती देने वाली याचिका वापस लेने का फ़ैसला किया है. इससे पहले गुरुवार की रात गिरफ़्तारी के बाद आम आदमी पार्टी ने रात में ही सुप्रीम कोर्ट में संपर्क किया था. पार्टी चाहती थी कि रात में ही सुनवाई हो.
केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संजीव खन्ना को सूचित किया है कि केजरीवाल ने अपनी याचिका वापस लेने का फ़ैसला किया है और वो ईडी की रिमांड का सामना करने के लिए तैयार हैं.
Delhi CM Arvind Kejriwal withdraws from Supreme Court his plea against arrest by Enforcement Directorate.
Senior advocate Abhishek Manu Singhvi appearing for Arvind Kejriwal tells Supreme Court that Kejriwal is withdrawing the petition in the Supreme Court as it is clashing with… pic.twitter.com/ARcxfFPIO6
— ANI (@ANI) March 22, 2024
केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की स्पेशल बेंच सुनवाई करने वाली थी, जिसमें जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस एमएम सुंद्रेश और जस्टिस बेला त्रिवेदी शामिल थे. बताय जा रहा है कि झारखण्ड के मुख्यमंत्री रहे हेमन्त सिरोन की याचिका भी जिस बैंच ने सुनी थी उसमे भी जस्टिस बेला त्रिवेदी शामिल थी। बेला त्रिवेदीजुजरात में मोदी सरकार में लॉ सचिव रह चुकी हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स व समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार सुनवाई शुरू होने से पहले अभिषेक मनु सिंघवी ने जस्टिस संजीव खन्ना से कहा कि केजरीवाल पहले निचली अदालत में रिमांड का सामना करेंगे और ज़रूरी हुआ तो एक और याचिका के साथ सुप्रीम कोर्ट का रुख़ कर सकते हैं. सिंघवी ने कहा कि केजरीवाल के ख़िलाफ़ रिमांड मामले में शुक्रवार को निचली अदालत में सुनवाई होनी है और इसी दिन सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हो रही है. ऐसे में उन्हे अपनी याचिका वापस लेने की इजाज़त दी जाए.
सिंघवी ने तारीख़ों का ज़िक्र करते हुए जब याचिका वापस लेने की बात कही तो जस्टिस खन्ना ने कहा कि आप यहाँ से जा सकते हैं. सिंघवी ने जस्टिस खन्ना से कहा कि वह रजिस्ट्री में एक पत्र देना चाहते हैं, जिसे कोर्ट मास्टर तक पहुंचा दिया जाए. इस पर जस्टिस खन्ना ने पत्र सौंपने की इजाज़त दे दी. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब मामले में तेलंगाना की राजनीतिक पार्टी भारत राष्ट्र समिति यानी बीआरएस की नेता के. कविता की ज़मानत याचिका को ख़ारिज कर दिया था.
ऐसे में अरविंद केजरीवाल को भी डर रहा होगा कि उनके मामले में भी ऐसा ही हो सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने के. कविता को कहा कि किसी नेता की ज़मानत याचिका होने भर से निचली अदालत को बाइपास नहीं किया जा सकता. सर्वोच्च अदालत ने के. कविता से ज़मानत के लिए निचली अदालत में जाने को कहा था.
इससे पहले इसी साल फ़रवरी में इसी बेंच ने गिरफ्तारी के ख़िलाफ़ झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने सोरेन से कहा कि था कि इसके लिए उन्हें रांची हाई कोर्ट में जाना चाहिए.
ऐसे में केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बहुत उम्मीद नहीं थी और उन्होंने याचिका वापस लेना ज़्यादा ठीक समझा.