बच्चों ने अपने नन्हें हाथों से बनाए ईको फ्रेंडली मिट्टी के गणेश जी

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बीकानेर , 07 सितम्बर। करूणा क्लब इकाई के द्वारा आज नत्थूसर गेट स्थित नालन्दा पब्लिक सी सै स्कूल के सृजन सदन में 121 से अधिक बच्चों के द्वारा मिट्टी व गोबर से ईको फ्रेंडली भगवान गणेश की मूर्तियेां का सृजन व श्रृंगार कर एक भव्य प्रतियोगिता का आयोजन किया।

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कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार कमल रंगा ने बताया कि बच्चों के द्वारा इस प्रकार की कला का निर्माण आज के युग की महती आवश्यकता है। यह कार्यक्रम हमें आध्यात्मिकता के साथ-साथ प्रकृति के साथ भी जोड़ता है। आज हर बड़ा त्यौहार बड़ा खर्चीला बनता जा रहा है। बच्चों के इस प्रकार के कार्यक्रम से आज समाज को एक नई दिशा का बोध होगा।

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उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयास से  समाज का अन्तिम पड़ाव का व्यक्ति भी हमारे तीज त्यौहार को मना सकता है और यह नालन्दा स्कूल की परंपरा रही है कि वह बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ सह शैक्षणिक गतिविधयों व रोजगारमुखी कार्यक्रमों से जोड़ता है। भगवान गणेश बुद्धी के ज्ञाता के साथ-साथ पशु पक्षी व पर्यावरण  प्रेमी भी थे।  तभी तो उन्होने अपने भारी भरकम शरीर के लिए अपनी सवारी मुश्क (चूहा) को बनाकर यह सिद्ध किया कि आदमी हर आवश्यकता की पूर्ति छोटी-छोटी चीजों से भी कर सकता है। इसके लिए किसी भारी वाहन या ताकत की आवश्यकता नहीं होती।

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शाला प्राचार्य राजेश रंगाने बताया कि आज का यह जो कार्यक्रम है वह हमें बडी सीख देता है अब हमें गणेश विसर्जन के लिए तालाब या नदी की आवश्यकता नहीं हम अपने घरों  के आस-पास के बाग-बगीचों या घर के गमलो में भी इन मूर्तियों का विसर्जन कर सकते हैं तथा पर्यावरण को भी संतुलित रख सकते है। बाजार में मिलने वाली केमिकल युक्त मुर्तियां जिनको बाद में हम तालाब आदि में विसर्जन करते है उससे जल प्रदूषण का खतरा भी मंडराता रहता है। यह मूर्तियां हमारे भावों को दर्शाती है और बाजार में मिलने वाली मूतियों से लाख गुणा ज्यादा अच्छी है।

करूणा क्लब प्रभारी हरिनारायण आचार्य के इस अवसर पर प्रथम,  द्वितीय व तृतीय के साथ-साथ सभी प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन करूणा क्लब सहप्रभारी आशीष रंगा ने किया व सभी का आभार सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रभारी हेमलता व्यास ने किया।

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