खेल में जहां गलती हुई उससे सीखे और आगे बढ़े – नरेश श्रीमाली
- स्कूली शतरंज प्रतियोगिता का समापन समारोह
बीकानेर, 31 दिसम्बर। अजित फाउण्डेशन द्वारा आयोजित जिला स्तरीय स्कूली शतरंज प्रतियोगिता के समापन समारोह के अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में निजी सचिव पुलिस महानिरीक्षक बीकानेर संभाग नरेश श्रीमाली ने कहा कि हमें खेल में कभी निराश नहीं होना चाहिए। खेल में जहां गलती हुई है उस पर मंथन करते हुए भविष्य हेतु सीख लेनी चाहिए। प्रत्येक विद्यार्थी को अपने जीवन काल में पढ़ाई के साथ-साथ खेल पर भी ध्यान देना चाहिए क्योंकि खेल ही ऐसा माध्यम है जहां हम अपना सर्वांगीण विकास कर सकते है।
कार्यक्रम मुख्य अतिथि डॉ. कृष्णा आचार्य ने कहा कि वर्तमान समय में अभिभावकों की यह जिम्मेवारी बनती है वह अपने बच्चों के साथ बैठकर बातचीत करें। उसको शिक्षाप्रद कहानियां सुनाएं जिससे बच्चों में संस्कार पैदा होंगे। इस अवसर पर डॉ. आचार्य ने अपने सद्य लिखित गीतों की प्रस्तुति देकर सभी खिलाड़ियों का उत्साहवर्द्धन किया।
कार्यक्रम की अध्यक्ष्यता करते हुए शतरंज खिलाड़ी एवं प्रशिक्षक शंकरलाल हर्ष ने कहा कि शतरंज के खेल में खिलाड़ी कभी नहीं हारता, मोहरे हारते है। बच्चों को खेलते समय हमेशा खुश रहना चाहिए हार एवं जीत केवल खेल का हिस्सा है न कि जीवन का। साथ ही अभिभावको को भी अपने बच्चें के रूचि अनुसार खेल में हिस्सा लेने हेतु प्रेरित करने की बात कही।
दो दिवसीय आयोजित शतरंज प्रतियोगिता में बालक वर्ग में प्रफेक्ट चेस एकेडमी के उदय, खुषाल एवं गौरव पूनिया ने प्रथम स्थान प्राप्त किया वहीं दूसरे स्थान पर कृष्णा पब्लिक स्कूल, उदयरामसर के किसन पंचारिया, महेष एवं अमित जाखड़ रहे। बालिका वर्ग में कवि हृदय चेस एकेडमी की नेन्सी बोड़ा, हीर तंवर एवं कीर्ति व्यास विजेता टीम रही (रनिंग ट्रॉफी) एवं राजकीय हर्षो का चौक टीम की अंजलि व्यास, मोनिका उपाध्याय तथा रजनी कुमारी उपविजेता रही।
शतरंज प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले सभी 100 प्रतिभागियों को पुरस्कार से सम्मानित किया गया। बालक वर्ग में 78 तथा बालिका वर्ग में 21 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। संस्था समन्वयक संजय श्रीमाली ने इस अवसर पर संस्थान की गतिविधियों के बारे में जानकारी देते हुए सभी का आभार एवं धन्यवाद ज्ञापित किया। प्रतियोगिता में आरबिटर की मुख्य भूमिका भानू आचार्य, कपिल पंवार एवं शुभम पुरोहित की रही।