इंदिरा गांधी पर टिप्पणी, जयपुर में कांग्रेसी पुलिस से भिड़े


- विधानसभा घेराव के दौरान कई कार्यकर्ता हिरासत में, 6 विधायक निलंबित हुए थे
जयपयर , 24 फ़रवरी। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर की गई विवादित टिप्पणी और 6 विधायकों के निलंबन के विरोध में आज जयपुर में तनावपूर्ण स्थिति बनी। विधानसभा घेराव करने जा रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई। कार्यकर्ताओं को उग्र होता देख पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल शुरू किया।



पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर मार्च को रोक दिया। भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। बैरिकेडिंग के बीच बने नेताओं ने लगातार कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। प्रदर्शनकारियों को बैरिकेडिंग से खदेड़ा गया और एक-एक कर कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया जा रहा है।



मंत्री के बयान पर विवाद, 3 पॉइंट में समझिए…
1. कांग्रेस ने वेल में आकर हंगामा किया
विधानसभा में 21 फरवरी को प्रश्नकाल के दौरान सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत की इंदिरा गांधी पर की गई टिप्पणी पर कांग्रेस ने वेल में आकर हंगामा किया था। अविनाश गहलोत ने सवाल के जवाब में कहा था कि 2023-24 में आपकी दादी इंदिरा गांधी के नाम पर योजना का नाम रखा था।
2. दिनभर में कार्यवाही चार बार स्थगित करनी पड़ी
संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने कहा था कि दादी सम्मानित शब्द है। पटेल बोल रहे थे इसी दौरान हंगामा बढ़ गया था। कांग्रेस विधायक स्पीकर की टेबल तक पहुंचने लगे थे। इसी दौरान स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया था। इस मुद्दे पर बने गतिरोध के कारण सदन की कार्यवाही चार बार स्थगित हुई थी।
3. कांग्रेस के 6 विधायकों को सस्पेंड किया
मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कांग्रेस विधायकों के सस्पेंशन का प्रस्ताव रखा था। स्पीकर वासुदेव देवनानी ने गोविंद सिंह डोटासरा, उप नेता प्रतिपक्ष रामकेश मीणा, अमीन कागजी, जाकिर हुसैन गैसावत, हाकम अली खान और संजय कुमार को बजट सत्र की बची हुई अवधि के लिए निलंबित कर दिया था।
कांग्रेस का विधानसभा में सोमवार को भी हंगामा
इधर, सोमवार को जब विधानसभा की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई, तो कांग्रेस विधायकों ने ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ के नारे लगाते हुए हंगामा कर दिया। इस पर स्पीकर ने कहा कि जो विधायक निलंबित किए गए हैं, वे सदन छोड़ दें और आसन का सम्मान करें।
कांग्रेस ने सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। कांग्रेस विधायकों का कहना है कि यह सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों का गला घोंट रही है। निलंबन के जरिए विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन हम पीछे नहीं हटेंगे।