कांस्टेबल का रिश्वत के मामले में भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय में चालान पेश

बीकानेर , 4 फ़रवरी। बज्जू पुलिस थाने के तत्कालीन कांस्टेबल ने एक परिवाद में जांच बंद करने और फाइल तैयार करने के लिए 15000 रुपए की रिश्वत ली। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने जांच में कांस्टेबल को दोषी माना है। बज्जू में माणकासर निवासी परिवादी मनीराम बिश्नोई के खिलाफ बज्जू थाने में एससीएसटी का परिवाद दिया गया था। मनीराम और परिवादी लालूराम सांसी के बीच राजीनामा भी हो गया। इसके बावजूद बज्जू थाने के तत्कालीन कांस्टेबल बनवारीलाल बिश्नोई ने मनीराम से जांच बदं करने और फाइल तैयार करने के खर्चे के 20000 रुपए की रिश्वत मांगी।

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इसकी शिकायत मिलने पर ब्यूरो ने सत्यापन करवाया और 19 सितंबर, 23 को बज्जू के सरकारी क्वार्टर में कांस्टेबल को 15000 रुपए की रिश्वत लेते ट्रैप कर लिया। ब्यूरो के इंस्पेक्टर आनंद मिश्रा ने मुकदमे की जांच की और कांस्टेबल को रिश्वत लेने का दोषी माना है। जांच पूरी कर कांस्टेबल के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय में चालान पेश कर दिया है।

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यह था मामला

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परिवादी मनीराम ने सितंबर, 23 में ब्यूरो को शिकायत की थी कि 3डीओबीबी बरसलपुर में उसका 40 बीघा खेत है जो फलौदी निवासी मांगीलाल जाट को काश्त पर दे रखा है। मांगीलाल ने 10 बीघा आरडी 860 निवासी लालूराम सांसी को बिजाई के लिए दे दी। पानी देने पर मनीराम और लालूराम में कहासुनी हो गई।

लालूराम ने बज्जू थाने में एससीएसटी का आरोप लगाते हुए परिवाद दे दिया। जांच कर रहे कांस्टेबल ने 8 सितंबर, 23 को मनीराम को फोन कर थाने बुलाया। समझौते के बाद भी जांच बंद करने के लिए 20000 रुपए की रिश्वत मांगी। ब्यूरो ने 12 सितंबर, 23 को इसकी पुष्टि की और अगले दिन सत्यापन करवाया। 19 सितंबर, 23 को बज्जू में पंचायत समिति के पास सरकारी क्वार्टर में कांस्टेबल 15000 रुपए की रिश्वत लेते ट्रैप हो गया।

 

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