COVID-19 केस, क्या भारत तक पहुंच गया है खतरा ?



सिंगापुर में कोरोना की नई लहर, हांगकांग-बैंकॉक में भी बढ़े COVID-19 केस




सिंगापुर, 17 मई। पांच साल पहले दुनिया में कहर बरपाने वाले कोरोना वायरस ने एक बार फिर नई लहर के साथ दस्तक दे दी है। सिंगापुर, हांगकांग और दक्षिण पूर्व एशिया के कई हिस्सों में COVID-19 के मामले बढ़ रहे हैं। सिंगापुर, हांगकांग और बैंकॉक में संक्रमण तेजी से बढ़ा है। ये संक्रमण दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में देखा जा रहा है। ऐसे में मेडिकल एक्सपर्ट की चिंता को इसने बढ़ा दिया है। एशिया के कई देशों में कोरोना की नई लहर से भारत में भी चिंताएं बढ़ी हैं। हालांकि भारत में कोरोना की नई लहर के संकेत नहीं मिले हैं।


सिंगापुर में इस महीने कोविड संक्रमण के 14,200 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। ये पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले 28 फीसदी ज्यादा हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, कोविड मामले में यह उछाल एशिया में फैल रहे वायरस की नई लहर की वजह से आया है। चीन में भी कोविड मामले पिछली गर्मियों के चरम के करीब हैं। थाईलैंड में अप्रैल में हुए सोंगक्रान फेस्टिवल के बाद कोरोने केस बढ़ गए हैं। इसे देखते हुए विशेषज्ञों ने सावधानी बरतने की सलाह दी है। भारत में भी लोगों को सतर्क रहने की सलाह विशेषज्ञ दे रहे हैं।
कोरोना मामलों पर नजर रख रहे एक्सपर्ट
सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि COVID-19 के मामलों में तेजी दिखी है और वह इस पर नजर रख रहे हैं। मंत्रालय ने कहा है कि अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या 102 से बढ़कर 133 हो गई है। ऐसे मरीज भी बढ़े हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है। हालांकि अभी तक ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है, जिससे पता चले कि यह वेरिएंट पिछले स्ट्रेन के मुकाबले ज्यादा संक्रामक या गंभीर है।
सिंगापुर में कोविड मामले में वृद्धि की वजह LF.7 और NB.1 वेरिएंट हैं। ये COVID-19 के वेरिएंट JN.1 स्ट्रेन से संबंधित हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इन दोनों वेरिएंट की वजह से ही संक्रमण के दो-तिहाई से ज्यादा मामले सामने आए हैं। इस वेरिएंट के चलते लोगों में बहती नाक, गले में खराश और बुखार जैसे लक्षण हुए हैं।
भारत में 93 केस, खतरा नहीं
भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय के आधिकारिक COVID-19 डैशबोर्ड के अनुसार, देश में फिलहाल कोविड के 93 सक्रिय मामले हैं। भारत में कोरोना वायरस के मामलों की कोई नई लहर का कोई संकेत अभी तक विशेषज्ञों को नहीं मिला है। डॉक्टरों का कहना है कि चिंता की बात नहीं है लेकिन सर्तकता जरूरी है। खासतौर से बच्चों और बुजुर्गों को एहतियात रखनी चाहिए।
भारत में 3 लहर आई थीं, 3 लाख से ज्यादा मौतें
भारत में कोरोना का पहला मामला जनवरी 2020 में सामने आया था। मार्च 2020 में देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया।
भारत में कोरोना की पहली लहर जनवरी 2020 से फरवरी 2021 तक रही। इस दौरान लगभग 1.08 करोड़ कोरोना के मामले सामने आए। एक दिन में सबसे ज्यादा 98 हजार माले 17 सितंबर 2020 को देखने मिले। इस लहर में 1.55 लाख मौतें हुई। औसतन रोजाना 412 मौतें दर्ज की गईं।
कोरोना की दूसरी लहर मार्च 2021 से मई 2021 तक रही। इस दौरान कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के चलते अप्रैल-मई 2021 में सबसे ज्यादा मामले और मौतें दर्ज की गईं।दूसरी लहर सबसे घातक थी, जिसमें अस्पतालों और ऑक्सीजन की भारी कमी देखी गई। डेल्टा वेरिएंट ने तेजी से संक्रमण फैलाया, और स्वास्थ्य व्यवस्था पर भारी दबाव पड़ा। इस लहर में 1.69 लाख मौतें हुईं। औसतन प्रतिदिन 2,769 मौतें दर्ज की गईं।
कोरोना की तीसरी दिसंबर 2021 से फरवरी 2022 रही। ओमिक्रॉन वेरिएंट के चलते जनवरी 2022 में कोरोना का मामले तेजी से बढ़े। ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण तीसरी लहर में मामले तो बहुत बढ़े, लेकिन यह दूसरी लहर की तुलना में कम घातक थी। मृत्यु दर केवल 0.2% थी। इस लहर में 10,465 मौतें हुईं। लगभग 50.05 लाख नए मामले दर्ज किए गए।