साहित्यिक रचना करना रचनात्मक कार्य—प्रो. डॉ. बिनानी

बीकानेर , 19 दिसम्बर। पर्यटन लेखक संघ- महफिले अदब के संयुक्त तत्वावधान में होटल मरुधर हेरिटेज में साप्ताहिक त्री भाषा काव्य गोष्ठी आयोजित की गई। इसमें हिंदी, उर्दू व राजस्थानी के अनेक रचनाकारों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. टी के जैन थे ।

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अध्यक्षता पूर्व प्राचार्य, चिंतक व लेखक प्रोफेसर डॉ. नरसिंह बिनानी की। अपने अध्यक्षीय उधबोद्धन में प्रो. डॉ. बिनानी ने कहा कि साहित्यिक रचना करना रचनात्मक कार्य है। इसके लिए बौद्धिक ज्ञान व संवेदना की आवश्यकता होती है।संस्था के संयोजक ज़िया उल हसन क़ादरी ने बताया कि काव्य गोष्ठी में अनेक रचनाकारों ने विभिन्न भाषाओं में अपनी विशिष्ट रचनाएं शानदार ढंग से प्रस्तुत की ।

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संस्था के संयोजक डॉ ज़िया उल हसन क़ादरी ने बताया कि कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए के पूर्व प्राचार्य, चिंतक व लेखक प्रोफेसर डॉ. नरसिंह बिनानी ने वर्तमान समय में युवाओं पर केंद्रित रचना प्रस्तुत की। वरिष्ठ शाइर डॉ.ज़िया उल हसन क़ादरी ने अपनी नवीनतम रचित शायरी बेहद शायराना आवाज में प्रस्तुत कर श्रोताओं का मन मोह लिया। वरिष्ठ शाइर वली मोहम्मद ने आज की स्थिति का बखान करती हुई एक शायरी अपने विशिष्ट अंदाज में प्रस्तुत कर उपस्थित श्रोताओं को तालियां बजाने के लिए मजबूर कर दिया। इस अवसर पर युवा शाइर कासिम बीकानेरी ने बेहद खूबसूरत व शायराना अंदाज में अपनी नवीनतम नज्म प्रस्तुत की।

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काव्य गोष्ठी में राजस्थान उर्दू अकादमी के सदस्य शाइर असद अली असद ने अपनी मनमोहक व आकर्षक वाणी में गजल प्रस्तुत कर खूब वाही वाही लूटी। पीबीएम हॉस्पिटल के पूर्व नर्सिंग अधीक्षक डॉ.जगदीश दान बारठ ने अपने जोशीले अंदाज में कविता प्रस्तुत की। काव्य पाठ को आगे बढ़ाते हुए कवि जुगल किशोर पुरोहित ने अपनी सुमधुर आवाज में गीत प्रस्तुत कर खूब तालियां बटोरी।

इसी प्रकार कवि कमल किशोर पारीक, कवि बासित, रहमान बादशाह आदि सहित अन्य रचनाकारों ने अपनी अपनी शानदार रचनाएं प्रस्तुत कर काव्य गोष्ठी में समां बांध दिया। मुख्य अतिथि डॉ. टी के जैन ने सभी रचनाओं की सराहना की। उन्होंने ऐसी काव्य गोष्ठियों की महत्ता को उजागर किया। अंत में राजस्थान उर्दू अकादमी के सदस्य असद अली असद ने धन्यवाद ज्ञापित किया। संचालन डॉ ज़िया उल हसन क़ादरी ने किया।
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