90 साल के होने जा रहे दलाई लामा बोले-उत्तराधिकारी चीन में नहीं जन्मेगा, अमेरिका और भारत की भूमिका अहम

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  • चार मंजिला भव्य केक समारोह का मुख्य आकर्षण बना

Dalai Lama Successor धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश, 30 जून। तिब्बती बौद्ध धर्मगुरु और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता दलाई लामा इस साल 6 जुलाई को 90 वर्ष के होने जा रहे हैं। दलाई लामा ने अपने उत्तराधिकारी (Successor) को लेकर बड़ा बयान दिया है। तिब्बती धर्मगुरु ने साफ कहा है कि उनका पुनर्जन्म चीन (China) में नहीं बल्कि किसी अन्य देश में होगा। उनका यह बयान न केवल धार्मिक बल्कि रणनीतिक रूप से भी भारत (India), अमेरिका (US) और चीन के लिए अहम हो गया है।

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कैसे चुने गए थे मौजूदा दलाई लामा?
1935 में तिब्बत के एक किसान परिवार में जन्मे लामो धोन्दुप (Lhamo Dhondup) को मात्र दो वर्ष की उम्र में 13वें दलाई लामा का पुनर्जन्म मान लिया गया था। उन्होंने 1940 में ल्हासा स्थित पोताला पैलेस में आधिकारिक रूप से तिब्बतियों के आध्यात्मिक नेता के रूप में पदभार संभाला।

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अब उत्तराधिकारी कैसे चुना जाएगा?
दलाई लामा की हालिया किताब Voice for the Voiceless (मार्च 2025) के अनुसार, उनका अगला अवतार चीन में नहीं जन्म लेगा। उन्होंने कहा कि उनके 90वें जन्मदिन के आसपास उत्तराधिकारी चयन प्रक्रिया को लेकर और जानकारी दी जाएगी। धर्मशाला में स्थित तिब्बती संसद-इन-एग्जाइल (Tibetan Parliament-in-Exile) के अनुसार, गदेन फोड्रंग फाउंडेशन (Gaden Phodrang Foundation) के वरिष्ठ अधिकारी उत्तराधिकारी की खोज और पहचान की जिम्मेदारी संभालेंगे।

चीन क्यों है चिंतित?
चीन 1793 में शुरू हुई ‘गोल्डन अर्न’ (Golden Urn) प्रणाली के तहत दलाई लामा के उत्तराधिकारी के चयन का दावा करता है। लेकिन दलाई लामा ने स्पष्ट किया है कि धर्म को नकारने वाला चीनी कम्युनिस्ट नेतृत्व धार्मिक उत्तराधिकार में हस्तक्षेप नहीं कर सकता। दलाई लामा ने अपने अनुयायियों से आग्रह किया कि राजनीतिक उद्देश्य से चुने गए किसी भी उम्मीदवार को स्वीकार न करें, चाहे वह पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (PRC) से ही क्यों न हो।

भारत और अमेरिका की भूमिका
भारत में करीब एक लाख तिब्बती शरणार्थी रहते हैं और धर्मशाला दलाई लामा का निर्वासित निवास स्थल है। भारत के लिए यह चीन पर एक कूटनीतिक दबाव का साधन भी माना जाता है। अमेरिका ने भी चीन को स्पष्ट किया है कि वह दलाई लामा के उत्तराधिकारी के चयन में चीनी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करेगा। 2024 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने एक कानून पर हस्ताक्षर किए थे जो तिब्बत को स्वायत्तता दिलाने की मांग को समर्थन देता है।

बौद्ध धर्म के आध्यात्मिक प्रमुख दलाई लामा आगामी 6 जुलाई को 90 वर्ष के हो जाएंगे. उनके जन्मदिन से पहले तिब्बती समुदाय द्वारा हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में भव्य कार्यक्रम आयोजित कर उनके प्रति श्रद्धा और प्रेम व्यक्त किया गया. इस विशेष अवसर पर एक विशाल सार्वजनिक समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें एक चार मंजिला भव्य केक तैयार किया गया था. यह केक समारोह का मुख्य आकर्षण बना रहा, जिसे खुद दलाई लामा ने काटा. केक को बेहद सुंदर और आकर्षक ढंग से सजाया गया था, जिसने उपस्थित लोगों का ध्यान खींचा. कार्यक्रम के दौरान दो पुस्तकों का विमोचन भी किया गया.

 

 

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