कोलायत के कपिल मुनि मंदिर में दर्शन पर रोक
- बाहर तीन से चार फीट पानी भरा, श्रद्धालुओं के डूबने का खतरा
- जिला कलेक्टर की अपील, तालाब की ओर ना जाएं आमजन
बीकानेर, 17 अगस्त। कोलायत क्षेत्र में हुई भारी बारिश से कपिल सरोवर में बड़ी मात्रा में पानी की आवक हुई है। इसके मद्देनजर आमजन की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने आमजन से कपिल सरोवर के आसपास नहीं जाने की अपील की है।
जिला कलेक्टर ने बताया कि कोलायत में एक दिन में 172 एमएम सहित पिछले कुछ समय में लगभग 700 एमएम बरसात हुई है। यह क्षेत्र की औसत बरसात से अधिक है। इससे कपिल सरोवर में बड़ी मात्रा में पानी आया है। इसके मद्देनजर अगले कुछ दिनों तक पूर्ण सावधानी रखने की जरूरत है। इसे ध्यान रखते हुए उन्होंने अपील की है कि कोई भी व्यक्ति तालाब के आसपास नहीं जाए।
उन्होंने बताया कि उपखंड प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पर्याप्त बंदोबस्त किए गए हैं। तालाब के आसपास सुरक्षा मानकों का पूर्ण ध्यान रखा जा रहा है। इसके बावजूद कोई भी तालाब के पास नहीं जाए। उन्होंने उपखंड अधिकारी को इस संबंध में पूर्ण सावधानी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने तालाब के सभी ओर अधिक पानी चेतावनी अंकित करवाने, गोताखोरों की टीम तैनात रखने और तालाब की ओर आवाजाही नहीं होने देने के लिए निर्देशित किया है।
भारी बारिश के बाद कोलायत के कपिल सरोवर का पानी मंदिर तक पहुंच गया है। निज मंदिर से बाहर बरामदे तक तीन से चार फीट पानी आने के बाद प्रशासन ने यहां श्रद्धालुओं के जाने पर रोक लगा दी है। वहीं, झझू की तरफ से आने वाले पानी को रोकने के लिए मिट्टी का बंधा लगाया है। क्षेत्र में कई जगह पानी एकत्र है, जिससे दुर्घटना की आशंका बनी हुई है।
कपिल सरोवर पर दो दिन पहले ही चादर चल गई थी। जिसके बाद पानी निज मंदिर के आगे तक आ गया था। धीरे-धीरे पानी का स्तर तीन से चार फीट हो गया है। निज मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालु को इसी पानी से होकर आना पड़ता है। तीन-चार फीट पानी में श्रद्धालु के आने पर फिसलने व डूबने का खतरा रहता है।
ऐसे में उपखंड अधिकारी ने श्रद्धालुओं को मंदिर में नहीं जाने की सलाह दी है। यहां मंदिर से कुछ कदम की दूरी पर ही सरोवर शुरू हो जाता है। ऐसे में खतरा और भी ज्यादा है। प्रशासन ने दर्शन के साथ ही नहाने पर भी रोक लगाई है। आमतौर पर लोग पिकनिक के दौरान नहाने उतर जाते हैं, जो गहराई में जाकर डूब जाते हैं।
पानी को रोकने का प्रयास
कोलायत में अधिकांश पानी झझू से होकर आता है। ऐसे में कोलायत से दो किलोमीटर पहले ही मिट्टी का बंधा लगा दिया है। इस बंधे से पानी नहीं रुकता है तो एक-दो जगह और लगाए जाएंगे। पिछले सालों में भी जिस रास्ते से पानी आया था,वहीं पर बंधा लगाया गया है।