तेल ,आटा , दाल , चावल की मीलों सहित राज्य की 247 मंडियां बंद रहेंगी
कृषक कल्याण शुल्क समाप्त करने की मांग, अतिरिक्त आर्थिक बोझ डालने का आरोप लगाया
जयपुर , 30 नवम्बर। राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ ने जयपुर में आयोजित आमसभा में कृषक कल्याण फीस बढ़ाने, आयातित माल पर मंडी सेस वसूलने और पुरानी मिलों को रिप्स में छूट न देने के विरोध में 1 से 4 दिसंबर तक राज्य की 247 मंडियों को बंद रखने का निर्णय लिया है। इस बंद के दौरान दाल मिल, आटा मिल, तेल मिल, मसाला उद्योग और चावल मिल शामिल होंगे।
आमसभा में विभिन्न जिलों से आए व्यापारिक संगठनों और उद्योग प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। संघ के चेयरमेन बाबूलाल गुप्ता ने सभी मंडियों को निर्देश दिया कि वे इस अवधि में अपना व्यापार बंद रखें। संबंधित जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपें। संघ ने चेतावनी दी कि यदि 30 नवंबर तक राज्य सरकार मांगें पूरी नहीं करती तो आंदोलन की अगली रूपरेखा 4 दिसंबर को होने वाली सभा में तय की जाएगी।
अतिरिक्त आर्थिक बोझ डालने का आरोप लगाया
बैठक में संघ के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेश चंद्र अग्रवाल, महामंत्री रिद्धकरण सेठिया और अन्य वरिष्ठ व्यापारिक प्रतिनिधियों ने राज्य सरकार पर कृषक कल्याण के नाम पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डालने का आरोप लगाया। राजस्थान आटा रोलर फ्लोर मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद ग्रोवर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कहा कि मौजूदा नीतियों से उद्योग टिक नहीं पा रहे हैं। सभी प्रतिनिधियों ने 4 दिन के बंद को सफल बनाने का संकल्प लिया।
राज्यभर से आए व्यापारिक प्रतिनिधियों ने सरकार से कृषक कल्याण फीस समाप्त करने, आयातित माल पर मंडी सेस वसूली रोकने और पुरानी मिलों को भी रिप्स में छूट देने की मांग की है। संघ ने साफ किया कि यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो आंदोलन और तेज होगा।