जीवन प्रवाह – 108 अनमोल सोमवाणी’ डिजिटल संस्करण का हुआ ऑनलाइन विमोचन


स्वामी संवित् सोमगिरिजी महाराज के प्रेरणादायी विचार अब पीडीएफ रूप में निशुल्क उपलब्ध




बीकानेर, 11 जुलाई। गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर स्वामी संवित् सोमगिरिजी महाराज के दिव्य वचनों से समृद्ध ‘जीवन प्रवाह – 108 अनमोल सोमवाणी’ का डिजिटल संस्करण आज ऑनलाइन विमोचित किया गया। इस प्रेरणादायी संकलन को विवेक मित्तल द्वारा तैयार किया गया है, जो अब सभी साधकों के लिए पीडीएफ रूप में निःशुल्क उपलब्ध रहेगा। तीन स्थलों से हुआ ऑनलाइन विमोचन महेश्वर से सप्तमातृका नार्मदीय वेद सेवा मठ के महंत स्वामी समानन्दगिरिजी महाराज ने स्वामी संवित् सोमगिरिजी महाराज के समाधि मंदिर से मानव प्रबोधन न्यास के संरक्षक बी.जी. व्यास ने तथा एसबीएम ट्रस्ट कार्यालय, बीकानेर से संकलक विवेक मित्तल ने संयुक्त रूप से विमोचन किया।


गुरुदेव की स्मृति में भावपूर्ण श्रद्धांजलि
गुरु पूर्णिमा पर गुरुदेव का स्मरण करते हुए स्वामी समानन्दगिरिजी महाराज ने कहा, “आज भले ही पूज्य गुरुदेव का प्रत्यक्ष सान्निध्य नहीं है, परंतु उनका रचित सद्साहित्य आज भी हमारे जीवन की दिशा को प्रकाशित करता है। स्वाध्याय और आत्म सत्संग के माध्यम से हम सूक्ष्म रूप में स्वामीजी के मार्गदर्शन से जुड़ सकते हैं।” बी.जी. व्यास ने कहा कि “‘जीवन प्रवाह’ केवल एक ग्रंथ नहीं, बल्कि स्वामी संवित् सोमगिरिजी महाराज के आशीर्वचनों का जीवंत संकलन है, जो हमें सच्चे कर्म, सद्भाव और सत्पथ की ओर बढ़ने की प्रेरणा देता रहेगा।”
समर्पण से प्रेरणा तक
संकलनकर्ता विवेक मित्तल ने जानकारी दी कि यह डिजिटल संस्करण सभी के लिए निःशुल्क उपलब्ध रहेगा ताकि अधिकाधिक साधक गुरुदेव के अमृतमय विचारों से लाभान्वित हो सकें। यह एक विनम्र प्रयास है गुरुदेव की अमूल्य वाणी को युगों तक जीवित रखने का। ‘जीवन प्रवाह – 108 अनमोल सोमवाणी’ निःसंदेह सदाचार, सेवा और साधना के मार्ग पर चलने वाले हर साधक के लिए प्रेरणा का स्थायी स्रोत बनेगा।