बीकानेर में देशभर से आए दिव्यांग अपने दम पर जीना सीख रहे

  • जम्मू-कश्मीर और छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बच्चे ट्रेनिंग ले रहे; नेल आर्ट और साबुन बनाना सीख रहे
  • मूक बधिर बच्चों के लिए लक्ष्मी निवास पैलेस में लगाया गया स्किल डेवलपमेंट शिविर

 

बीकानेर , 29 सितम्बर। बीकानेर के लक्ष्मी निवास पैलेस में रविवार को मीसो द्वारा स्किल डेवलपमेंट शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में तकरीबन एक हजार से अधिक मूक – बधिर बच्चों ने भाग लिया और स्किल डेवलपमेंट के बारे में जानकारी ली।

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L.C.Baid Childrens Hospiatl

मीसो फाउंडेशन की तरफ से आए लोगों ने यहां बच्चों की काउंसलिंग की और उन्हें अनेकों स्किल्स के लिए गाइड किया। लक्ष्मी निवास पैलेस के मैनेजर विकास सिंह तंवर ने बताया की मीसो फाउंडेशन के तहत आयोजित इस शिविर में MRS ग्रुप के CMD मेघराज सिंह रॉयल बतौर मुख्य अतिथि शामिल रहे।

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इस दौरान बच्चों ने लक्ष्मी निवास पैलेस होटल का भ्रमण किया और राजस्थान के इतिहास संस्कृति और विभिन्न कलाओं को जाना। इस दौरान इन बच्चों ने मेघराज सिंह रॉयल के साथ होटल परिसर में पौधा रोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। कार्यक्रम में पीटर साहब, दयाल सिंह कात्यासनी सहित मीसो फाउंडेशन के लोग मौजूद रहे।

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CHHAJER GRAPHIS

ज्ञात रहे कि बीकानेर के गंगाशहर में डागा पैलेस और आर्शीवाद पैलेस में 700 से ज्यादा लड़के और लड़कियां देशभर से पहुंचे हैं। डागा पैलेस के लंबे-चौड़े प्रांगण में करीब बीस तरह की स्टॉल लगी है। जिसमें ये लड़के और लड़कियां तरह-तरह की चीजें बनाना सीख रहे हैं। भारी भीड़ के बाद भी यहां शोर बहुत कम है। कारण ये है कि कुछ न कुछ सीखने के लिए पहुंचे ये लड़के-लड़कियां दिव्यांग हैं। इनमें कोई भी बोल नहीं सकता, सुन नहीं सकता। इसके बाद भी कुछ न कुछ सीखने की इनकी ललक देशभर के कई हिस्सों से इन्हें यहां खींच लाई है।

गढ, महल और चुहों की माता करणी के दर्शन कर अभिभूत हुए दिव्यांग

मीसो और अनाम मुम्बई द्वारा प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन प्रशिक्षाणिर्थीयों ने किया बीकानेर दर्शन

बीकानेर, 29 सितम्बर। एक ऐसा मंदिर जहां चुहे ही चुहे और इस बीच देवी का दर्शन, देश भर के 1000 मूक बधिर बच्चे देशनोंक के करणी माता मंदिर में यह दृश्य देखकर आश्चर्य मे पड़ गये। अलग अलग क्षेत्रों से आए इन बच्चों के शिक्षकों ने करणी मंदिर प्रन्यास के अध्यक्ष बादल सिंह से जानकारीयां लेते हुए बच्चों को यहंा पर चुहों की होने की कहानी तथा करणीमाता की महिमा बताई।
इस शिविर के मुख्य संयोजक लोकेश कावड़िया ने बताया कि जूनागढ़ से रवाना होकर सभी मेहमान, कार्यकर्ता देशनोक पहुंचे जहां पर सरदारमल मोहनलाल सोनी परिवार तथा सुन्दर लाल दुग्गड़ के आतिथ्य में सभी ने स्वागत भोज लिया फिर माता करणी के दर्शन किये। इस दौरान मीसो अंतर्राष्ट्रीय के अध्यक्ष पुष्पवीर जैन, कार्यक्रम संयोजक वीर विजयसिंह डागा सहित सहयोगी संस्थाओं प्रतिनिधि भी यात्रा मे साथ रहे ।
कार्यक्रम के संयोजक वीर विजय सिंह डागा ने बताया की सभी मेहमानों ने अश्व अनुसंधान केंद्र एवं कैमल फार्म की भी विजित की। अश्व अनुसंधान केंद्र के निदेशक ने सभी अतिथियों को अश्व अनुसंधान केंद्र की oori जानकारी तथा घोड़े के रख रखाव, ब्रीडिंग, स्वास्थ्य सहित विभिन्न तंत्र जानकारियां दी साथ यह भी बताया की यह गुड़सवारी की स्वय ट्रेनिंग लेकर दूसरों को भी दे सकते हे, इसमे बोलने सुनने की ज्यादा आवश्यकता नहीं रहती क्योंकि पशु भी भावनाएं समझता है। इस ट्रेनिंग को रोजगार के रूप में लेकर अपना जीवन यापन कर सकते है ।

मीडिया प्रभारी राजकुमार गोस्वामी ने जानकारी देते हुए बताया कि महावीर इन्टरनेशनल सर्विस आॅर्गनाइजेशन व अनाम प्रेम मुम्बई के द्वारा बीकानेर मे डागा गेस्ट हाऊस मे चल रहे स्वरोजगार प्रशिक्षण हेतु देशभर से आये एक हजार दिव्यांग बच्चों को आज बीकानेर का दर्शन करवाया गया। इन बच्चों की दर्शन यात्रा सुबह 7 बजे ही डागा गेस्ट हाऊस से लगभग 26 बसों मे रवाना होकर होटल लक्ष्मी निवास पहुंची जहां पर हेरिटेज होटल कर्मचारीयों ने सभी दिव्यांगों को तिलक लगाकर स्वागत किया तथा ग्रांड हेरिटज होटल स्तर का नाश्ता किया। नाश्ते के दौरान होटल के विशाल बगीचे में बच्चे अपने अपने शिक्षकों के सान्निध्य मे झूमते नाचते भी रहे। इसके बाद बच्चों लक्ष्मी निवास के महल देखा और इतिहास के बारे जाना। वहां से रवाना होकर सभी जूनागढ़ पहुंचे जहां पर बीकानेर पूर्व की विधायक सिद्धी कुमारी ने सभी बच्चों का शीलत पेय पदार्थो से स्वागत किया। फिर बच्चों जूनागढ़ किला देखा। किले के अन्दर स्वर्ण महल, बादल महल, जनानी ढ्योढी, राजसी ठाटबाट के कपड़े, राजा महाराजाओं की अस्त्र शस्त्र सहित विभिन्न ऐतिहासिक महत्व की प्रदर्शित वस्तुऐं देखकर अभिभूत हो गये।

दिव्यांग बच्चों को स्वागत करते हुए विधायक सिद्धी कुमारी ने बीकानेर के लिए इस तरह के अनूठे आयोजकों और सहयोगी संस्थाओं, कार्यकत्र्ताओं का बीकानेर का मान बढ़ाने के लिए साधूवाद दिया तथा बच्चों की इशारों की भाषा, दैनिक जीवन चर्या तथा आयोजित हो रहे प्रशिक्षण के बारे में प्रतिनिधियों और प्रशिक्षकों से जानकारी ली।

आयोजन के सह सचिव संतोष बांठिाया ने बताया कि बीकानेर पहुंचकर बच्चों ने पुनः 7 बजे प्रशिक्षण कार्यशाला मे हिस्सा लिया तथा रात्रि नो बजे से रात्रि भोज के बाद दिव्यांगों के हिसाब से तैयार की गई सांस्कृतिक संध्या से मनोरंजन किया गया।

खुद के पैरों पर खड़े हो सकें

पाली के पूर्व सांसद पुष्प जैन और महावीर इंटरकांटिनेंटल सर्विस आर्गेनाइजेशन के प्रयासों से देशभर में ये इस तरह के शिविर लगाए जा रहे हैं, जिसमें दिव्यांग लड़के लड़कियों को इतनी ट्रेनिंग दी जा रही है कि वो पंद्रह हजार रुपए से अधिक की कमाई हर महीने कर सकें। स्किल डेवलपमेंट शिविर बीकानेर में शनिवार से शुरू हुआ है और दो अक्टूबर तक चलेगा।

शिविर में आने वाले दिव्यांग अपने मनचाहे कोर्स में हिस्सा ले सकते हैं। चाहें तो साबुन बनाने की ट्रेनिंग लेकर साबुन का बिजनेस कर सकते हैं। चाहें तो लड़कियां ब्यूटी पार्लर की ट्रेनिंग ले सकती हैं। नेल डिजाइनिंग की ट्रेनिंग दी जा रही है तो यहां आने वाले लड़कियों को सिलाई में भी पारंगत किया जा रहा है। पेंटिंग और डिजाइनिंग के साथ ही लकड़ी के सामान से तरह-तरह के आइटम बनाने की ट्रेनिंग भी मिल रही है।

आर्गनाइजेशन के अध्यक्ष पूर्व सांसद पुष्प जैन ने दैनिक भास्कर को बताया- देशभर में हजारों की संख्या में मूक बधिर है। इनकी समस्याओं को समझते हुए देशभर में शिविर लगाये जाते हैं। इस बार बीकानेर के डागा पैलेस में ये शिविर 28 सितम्बर को शुरू हुआ 2 अक्टूबर तक रहेगा। इस दौरान बीस तरह के काम इन युवक युवतियों को सिखाए जाएंगे। ये बच्चे काम सीखकर 15 से 20 हजार रुपए तक हर महीने कमा सकते हैं। शिविर में 18 साल उम्र के स्टूडेंट्स को बुलाया जा रहा है। 50 से ज्यादा ट्रेनर यहां काम सीखा रहे हैं।

देशभर से आए युवक-युवती

जम्मू कश्मीर से कन्याकुमारी तक स्टूडेंट्स इस शिविर में हिस्सा ले रहे हैं। जम्मू कश्मीर और छत्तीसगढ़ के उन हिस्सों से भी बच्चे आए हैं, जहां आतंकवाद और नक्सलवाद के कारण डेवलपमेंट कम हो पाया है। इसके अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, दिल्ली, मध्यप्रदेश सहित कई राज्यों से मूक बधिर बीकानेर पहुंचे हैं।

सभी सुविधाएं दे रहे हैं

यहां आने वाले इन दिव्यांगों को सभी तरह की सुविधा दी जा रही है। आर्गनाइजेशन के बीकानेर अध्यक्ष पुनीत हर्ष ने बताया कि यहां आने-जाने व रहने के साथ ही भोजन की सुविधा निःशुल्क दी जा रही है।

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