डाॅ. मदन केवलिया का व्यक्तित्व-कृतित्व प्रेरणास्पद- प्रो. भादानी

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बीकानेर, 1 जनवरी। शिक्षाविद् प्रो. भंवर भादानी ने कहा कि डाॅ. मदन केवलिया का व्यक्तित्व-कृतित्व प्रेरणास्पद है। शिक्षक व साहित्यकार के रूप में उनकी सेवाएं अविस्मरणीय व अनुकरणीय हैं।प्रो. भादानी बुधवार को वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ. केवलिया के 90वें जन्मदिवस पर उनके निवास स्थान पर समाधान संस्थान की ओर से आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। इस अवसर पर डाॅ. मदन केवलिया ने कहा कि शिक्षक को अपने शिष्यों को सदैव उचित मार्गदर्शन देना चाहिए। उन्होंने भारत विभाजन के समय की विषम परिस्थितियों को बताते हुए कहा कि हमें विपरीत हालातों का साहस व धैर्यपूर्वक सामना करना चाहिए।

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डूंगर काॅलेज के पूर्व प्राचार्य डाॅ. इन्द्रसिंह राजपुरोहित ने कहा कि डाॅ. केवलिया ने अपने सभी शिष्यों को पुत्रवत स्नेह दिया। डूंगर काॅलेज के प्रोफेसर डाॅ. राजनारायण व्यास व डाॅ. एजाज अहमद कादरी ने डाॅ. केवलिया के शिक्षा के क्षेत्र में दिये गये योगदान को रेखांकित किया। पूर्व व्याख्याता कमलनारायण पुरोहित ने कहा कि डाॅ. केवलिया के शिष्य आज देश-प्रदेश में बीकानेर का नाम रोशन कर रहे हैं। डाॅ. नमामीशंकर आचार्य ने बताया कि डाॅ. केवलिया द्वारा राजस्थानी में लिखित आत्मकथा ‘सिंध दरियाव सूं धोरां री धरती तांई’ राजस्थानी की पहली आत्मकथा है। बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल के सचिव वेदप्रकाश अग्रवाल, सहायक आचार्य डाॅ. शशि बेसरवारिया, व्याख्याता चन्द्रेश सिहाग ने डाॅ. केवलिया द्वारा रचित साहित्य की चर्चा की।

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कार्यक्रम का संचालन करते हुए समाधान संस्थान के अध्यक्ष डाॅ. मिर्जा हैदर बेग ने बताया कि डाॅ. केवलिया सात भाषाओं के जानकार हैं। कथाकार शरद केवलिया ने आभार व्यक्त किया। इससे पूर्व डाॅ. केवलिया का श्रीफल, साफा, शाॅल, स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मान किया गया। इस अवसर पर डाॅ. हरिशंकर मारू, मनोज कल्ला, गौतम केवलिया, सरला भादानी, प्रभावती पुरोहित, इंदिरा केवलिया, आशीष पुरोहित, रोहित व्यास, श्रीनिवास थानवी, इन्द्र छंगाणी, कानसिंह, मनोज मोदी, मीनू पुरोहित, सुमित्रा सिहाग, मन्मथ, खुशी, जाह्न्वी उपस्थित थे।

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