रीको औद्योगिक क्षेत्र करणी,खारा, नापासर और नोखा (विस्तार) में वाणिज्यिक भूखण्डों की ई-नीलामी शुरू


बीकानेर, 26 मई।रीको औद्योगिक क्षेत्र करणी (एसजीसी), औद्योगिक क्षेत्र करणी (विस्तार), औद्योगिक क्षेत्र खारा (आईजीसी), औद्योगिक क्षेत्र नापसर एवं औद्योगिक क्षेत्र नोखा (विस्तार) में वाणिज्यिक भूखण्डों की भव्य ई-नीलामी शुरू हो गई है।रीको इकाई कार्यालय बीकानेर के अधीन औद्योगिक क्षेत्र बीछवाल (एसडब्ल्यूएम) तथा खारा (आईजीसी) में रहवासीय 08 भूखण्डों, औद्योगिक क्षेत्रों बीछवाल (एसडब्ल्यूएम) में 01 संस्थानिक भूखण्ड, नापसर में 01 व्यवसायिक भूखण्ड (धर्मकांटा), करणी (एसजीसी) में 01 व्यवसायिक भूखण्ड (नर्सिंग होम), करणी (विस्तार) में 02 व्यवसायिक भूखण्ड एवं नोखा (विस्तार) में 04 व्यवसायिक भूखण्डों की भव्य ई-नीलामी का आयोजन किया जा रहा है।




बीकानेर रीको के इकाई प्रभारी एस. पी. शर्मा ने बताया कि रीको औद्योगिक क्षेत्र बीछवाल (एसडब्ल्यूएम) तथा खारा (आईजीसी) में रहवासीय 08 भूखण्डों, औद्योगिक क्षेत्रों बीछवाल (एसडब्ल्यूएम) में 01 संस्थानिक भूखण्ड, नापसर में 01 व्यवसायिक भूखण्ड (धर्मकांटा), करणी (एसजीसी) में 01 व्यवसायिक भूखण्ड (नर्सिंग होम), करणी (विस्तार) में 02 व्यवसायिक भूखण्ड एवं नोखा (विस्तार) में 04 व्यवसायिक भूखण्डों को ई-नीलामी में रखा गया है।


बीकानेर रीको के इकाई प्रभारी ने बताया कि इच्छुक आवेदक और राईजिगं राजस्थान के अन्तर्गत राज्य सरकार के साथ एमओयू निष्पादन करने वाले निवेशक निगम की वेबसाईट www.riico.rajasthan.gov.in के माध्यम से दिनाकं 26.05.2025 प्रातः 10:00 बजे से 10.06.2025 को सांय 06:00 बजे तक अमानत राशि जमा करवाकर, दिनांक 11.06.2025 प्रातः 10:00 से दिनाकं 13.06.2025 को सांय 05:00 बजे तक ई-नीलामी में भाग ले सकते है।
रीको प्रबन्धन द्वारा ई-नीलामी में भाग लेने हेतु इच्छुक आवदेकों को भूखण्ड की वास्तविक स्थिति देखने की सुविधा प्रदान करते ई-नीलामी में रखे गये प्रत्येक भूखण्ड के साथ उसके 360 डिग्री व्यू की फोटो अपलोड की है। जिसमें आवेदक इच्छित भूखण्ड की वास्तविक स्थिति के बारे में जान सकेंगे।
शर्मा ने बताया कि इस बार ई-नीलामी प्रक्रिया के नियमों में परिवर्तन किए गए है। आवेदनकर्ता को आवंटन के 2 वर्षों के भीतर अपने उत्पादन को उत्पादन में लाना होगा।जिसमें निर्माण का क्षेत्रफल आवंटित भूखण्ड के क्षेत्रफल का न्यूनतम 30 प्रतिशत होगा। आवेदनकर्ता रिक्त भूखण्ड को नहीं बेच सकेंगे एवं उत्पादन कर के 5 वर्ष बाद ही अपने भूखण्ड को बेच पाएंगे।