टिड्डी दल की तरह घूम रहा ईडी दल- मुख्यमंत्री गहलोत


रामेश्वर लाल डूडी ने हमेशा उठाए किसानों के मुद्दे

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नोखा, 2 नवम्बर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि रामेश्वर लाल डूडी हमेशा किसानों के लिए एक समर्पित नेता रहे हैं। उन्होंने अपने राजनैतिक जीवन में सदैव किसानों से जुड़े मुद्दे प्रमुखता से उठाए हैं। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यवश डूडी 2018 का चुनाव हार गए, अन्यथा वे प्रदेश सरकार के मंत्रिमण्डल में शामिल होते। उनके अनुभवों से प्रदेश सरकार एवं जनता लाभान्वित होती। गहलोत ने कहा कि जब डूडी को अचानक से स्ट्रोक आया एवं उनका स्वास्थ्य खराब हुआ तब उन्होंनेे तुरंत अस्पताल पहुंचकर उनके स्वास्थ्य का जायजा लिया एवं उनके परिवार से मिलेे। आज समय पर इलाज मिलने से डूडी के स्वास्थ्य में निरंतर सुधार हो रहा है। हालांकि इस प्रक्रिया में उन्हें जो पीड़ा सहन करनी पड़ रही है उसे हम सब अपने दिल में महसूस करते हैं।

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गहलोत ने कहा कि यदि डूडी पूरी तरह स्वस्थ होते तो चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे होते। उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सुशीला डूडी ने उनके विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए हामी भरी है। एक जनप्रतिनिधि के रूप में रामेश्वर डूडी के द्वारा किए गए कार्यों का सीधा लाभ श्रीमती सुशीला डूडी को होगा।

टिड्डी दल की तरह घूम रहा ईडी दल

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मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार पड़ोसी देश से टिड्डी दल राज्य में प्रवेश करता है, उसी प्रकार केन्द्र से ईडी दल लगातार राज्य में आ रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिहं डोटासरा के घर बिना किसी केस के छापेमारी की गई है। उनके दोनों बेटो को नोटिस दिया गया है। आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत को भी दुबारा पूछताछ के लिए बुलाया गया है। देश के विभिन्न आर्थिक अपराधी आज विदेशों में बैठे हैं। ये बताता है कि ईडी की मारक क्षमता कम हुई है। हम ईडी की मजबूती चाहते हैं। आर्थिक भगोड़े पकड़े जाने चाहिए, परन्तु आज ईडी का दुरूपयोग राजनीतिक प्रतिद्वंदियों के विरूद्ध किया जा रहा है। विपक्ष द्वारा शासित सभी राज्यों में यह प्रवृत्ती देखने में आ रही है।

चुनी हुई सरकारें की जा रही अस्थिर

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 में प्रायोजित षडयंत्रों के द्वारा भ्रष्टाचार एवं घोटालों के मिथ्या आरोप लगाकर तत्कालीन यूपीए सरकार को हराया गया। आज उन तथाकथित घोटालों की कहीं भी चर्चा नहीं है। वर्तमान केन्द्र सरकार द्वारा मध्यप्रदेश, कर्नाटक, मणिपुर, गोवा सहित विभिन्न राज्यों में चुनी हुई सरकारों को अस्थिर किया गया। जनता के आशीर्वाद से राजस्थान में उनका ये षडयंत्र कामयाब नहीं हो सका। इस तरह की प्रवृत्तियां लोकतंत्र के लिए हानिकारक हैं।

प्रदेश सरकार दे रही 7 गारंटियां

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता का पैसा जनहित में लगाना हमारा ध्येय है। मैंने 7 गारंटी जनता को दी है। माता-बहनों को प्रतिवर्ष 10 हजार रुपए देने की गारंटी इनमें शामिल है। साथ ही, गायोें-भैंसों का गोबर एवं गौमूत्र खरीदने की भी गारंटी दी गई है। इससे पशुपालकों को प्रोत्साहन मिलने के साथ-साथ बेसहारा पशुओं की संख्या में कमी आएगी एवं गौधन का संरक्षण हो पाएगा। तीसरी गारंटी के तहत सरकारी कॉलेज में पढ़ने वाले बǔचों को लैपटॉप एवं टेबलेट दिए जाएंगे। चौथी गारंटी में प्राकृतिक आपदाओं के शिकार लोगों को 15 लाख रुपए तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी। पांचवीं गारंटी में विद्यार्थियों को अंग्रेजी माध्यम में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाएगी। अंग्रेजी आज अंतर्राष्ट्रीय भाषा के साथ-साथ टेक्नोलॉजी की भाषा भी है। आज प्रदेश में 3 हजार अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में 6 लाख से अधिक बच्चे अध्ययनरत हैं। छठी गारंटी के तहत 1.05 करोड़ लोगों को 500 रुपए में गैस सिलेण्डर दिए जाएंगे। सातवीं गारंटी के तहत कर्मचारियों के लिए ओपीएस के संबंध में कानून पारित किया जाएगा ताकि भविष्य में ओपीएस जारी रह सके।

कल्याणकारी योजनाओं से सभी वर्ग लाभान्वित

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से सभी वर्ग लाभान्वित हो रहे हैं। आज प्रदेश में एक करोड़ से अधिक लोगों को न्यूनतम हजार रुपए सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रही है। आमजन को महंगाई की मार से बचाने के लिए महंगाई राहत शिविर लगाए गए। उन्होंने कहा कि चिरंजीवी योजना के तहत आमजन को 25 लाख रुपए तक का निःशुल्क इलाज मिल रहा है। कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया गया है। लम्पी महामारी में मृत पशुओं के लिए पशुपालकों को आर्थिक सहायता दी गई। साथ ही, कामधेनू योजना के तहत प्रति परिवार 2 दूधारू पशुओं का निःशुल्क बीमा करने का प्रावधान किया गया है।

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