परीक्षा फीस के नाम पर शिक्षा विभाग द्वारा जबरन की जा रही वसूली को तुरन्त रोकने हेतु शिक्षा मंत्री ने दिए निर्देश

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  • पैपा की सभी मांगों के शीघ्र निस्तारण का शिक्षा मंत्री ने दिया आश्वासन

बीकानेर, 24 अप्रैल । राजस्थान के शिक्षा एवं पंचायत राज मंत्री मदन दिलावर के गुरुवार को बीकानेर में एक दिवसीय दौरे के दौरान दोपहर 2:15 बजे प्राईवेट एज्यूकेशनल इंस्टीट्यूट्स प्रोसपैरिटी एलायंस (पैपा), राजस्थान द्वारा प्रदेश समन्वयक गिरिराज खैरीवाल के नेतृत्व में मुलाकात की गयी। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के प्रशासनिक भवन में हुई इस मुलाकात के दौरान समान परीक्षा योजना के अंतर्गत परीक्षा फीस के नाम पर 10/- प्रति विद्यार्थी जबरन की जा रही वसूली की तरफ शिक्षा मंत्री दिलावर का ध्यान आकर्षित किया गया। शिक्षा मंत्री ने प्रदेश समन्वयक गिरिराज खैरीवाल की ओर मुखातिब होकर कहा कि किसी को भी अतिरिक्त फीस रूपी एक रू भी देने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने उसी वक्त शिक्षा निदेशक सीताराम जाट को बुलाकर इस विषय में तुरंत कार्यवाही हेतु निर्देशित किया और कहा कि तुरन्त प्रभाव से इस वसूली को बंद किए जाने के निर्देश जारी किए जाएं।

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पैपा के प्रदेश समन्वयक खैरीवाल ने बताया कि दिए गए ज्ञापन में आरटीई के अंतर्गत यूनिट कॉस्ट में वृद्धि करने तथा बकाया भुगतान शीघ्रता से कराने की मांग पुरजोर रूप से की गई है। सत्र 2024-25 अब अपने अंतिम चरण में है और इस सत्र के अंतर्गत आरटीई के भुगतान का कोई अता पता ही नहीं है, अतः सत्र 2024-25 का आरटीई का भुगतान एक ही किश्त में एक साथ शीघ्रता से किए जाने की मांग ज्ञापन में की गई है। पुस्तकों की राशि स्टूडेंट्स को डीबीटी करने की प्रक्रिया का स्वागत करते हुए ज्ञापन में मांग की गई है कि डीबीटी योजना आगामी सत्र 2025-26 से लागू की जाए। यह सत्र तो अब समाप्ति के कगार पर आ गया है और स्कूलों द्वारा पिछले साल ही अप्रैल से अगस्त तक आरटीई स्टूडेंट्स को निशुल्क पुस्तकें दी जा चुकी थी। मांगपत्र में आरटीई के अंतर्गत लगाए गये सभी बैरियर्स तुरन्त प्रभाव से हटाकर बैरियर्स के कारण बकाया रहे भुगतान को तुरन्त करवाने, सत्र 2020-21 में आफलाइन तरीके से शिक्षण कार्य कराने वाले वाले स्कूलों को बिना शर्त तुरन्त भुगतान करने तथा प्री प्राईमरी कक्षाओं (पी पी 3, पी पी 4, एवं पी पी 5) में अध्ययनरत विद्यार्थियों का भुगतान करने की मांग की गई है।

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खैरीवाल ने शिक्षामंत्री से यह भी आग्रह किया कि लगातार चौथे वर्ष भी यूनिट कॉस्ट में वृद्धि नहीं की गयी है, अभी बिल बनने शुरू नहीं हो सके हैं, इसलिए यूनिट कॉस्ट में यथोचित वृद्धि अभी भी की जा सकती है। खैरीवाल ने शिक्षामंत्री से मांग की कि सत्र 2025-26 से डीबीटी योजना लागू होने के बाद बच्चों को स्कूल द्वारा निशुल्क पुस्तकें उपलब्ध कराने हेतु बाध्य नहीं किया जाए तथा इस संबंध में स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किए जाएं ताकि किसी भी तरह का कन्फ्यूजन न अभिभावकों को रहे और न ही स्कूल्स को रहे। शिक्षा मंत्री ने मांग पत्र में उल्लेखित मांगों के शीघ्र निस्तारण का आश्वासन देते हुए कहा कि शीघ्र ही आरटीई का भुगतान भी शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि वे इस मांग पत्र की प्रत्येक मांग का निस्तारण पूरी गंभीरता से करेंगे। पैपा के प्रदेश समन्वयक गिरिराज खैरीवाल के नेतृत्व में मिले प्रतिनिधि मंडल में लक्ष्मण व्यास, प्रभुदयाल गहलोत एवं लोकेश कुमार मोदी शामिल रहे।

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