राजस्थान में बुजुर्ग माता-पिता को मिलेंगे 3000 रुपए महीना, किसे मिलेगा योजना का लाभ ?

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जयपुर, 22 अप्रैल। राजस्थान सरकार ने प्रदेश के असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों, पथ विक्रेताओं और लोक कलाकारों के लिए एक नई कल्याणकारी योजना की शुरुआत की है। इस योजना का नाम है मुख्यमंत्री विश्वकर्मा पेंशन योजना। इसका उद्देश्य उन लोगों को आर्थिक संबल देना है, जो बुढ़ापे में आजीविका के लिए किसी अन्य साधन पर निर्भर नहीं रह सकते।

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मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना
यह योजना राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग द्वारा संचालित की जा रही है और इसका क्रियान्वयन उसी दिन से हो गया है जिस दिन इसका आदेश जारी हुआ। यह योजना पहले से चल रही मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना से अलग है और इसमें नए पात्र लोगों को शामिल किया जा रहा है।

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किसे मिलेगा योजना का लाभ?
यदि आप राजस्थान के निवासी हैं और असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं, जैसे कि दिहाड़ी मजदूर, ठेले वाले, नाई, लोहार, बुनकर या लोक कलाकार, तो यह योजना आपके लिए है। लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें तय की गई हैं:
आवेदक राजस्थान का स्थायी निवासी हो। मासिक आय ₹15,000 से कम हो। उम्र 18 से 45 वर्ष के बीच हो। ई-श्रम पोर्टल से यूएएन नंबर प्राप्त हो। डीबीटी एक्टिव बैंक खाता हो। किसी अन्य पेंशन योजना का लाभ नहीं ले रहा हो।

कब और कितनी मिलेगी पेंशन?

जैसे ही योजना में रजिस्ट्रेशन होता है, तो पेंशनधारी को 60 वर्ष की उम्र पूरी होने पर हर महीने ₹3000 की पेंशन मिलनी शुरू हो जाती है। अगर पति-पत्नी दोनों पात्र हैं, तो उन्हें संयुक्त रूप से ₹6000 की मासिक पेंशन मिलेगी।
इस राशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा नियुक्त पेंशन फंड मैनेजर के माध्यम से किया जाएगा। पेंशनधारी की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी या परिवार को पेंशन का 50% हिस्सा मिलता रहेगा। यह योजना प्रदेश के लाखों असंगठित श्रमिकों के लिए बुढ़ापे का एक भरोसेमंद सहारा बनने जा रही है।

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