जैन एकता का भावमय संगम,तेरापंथ व खरतरगच्छ संतों का गंगाशहर में मिलन

shreecreates

गंगाशहर, 30 जून। श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, गंगाशहर द्वारा आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में जैन धर्म की दो प्रमुख धाराओं—तेरापंथ और खरतरगच्छ—के संतों का मिलन हुआ। तुलसी विहार स्थित श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ जैन मंदिर परिसर में हुए इस आयोजन में मुनि श्री कमल कुमार जी, मुनि श्री श्रेयांस कुमार जी (तेरापंथी संप्रदाय) एवं मुनि श्री मेहुल कुमार जी ठाणा-3 (खरतरगच्छ) ने संयुक्त रूप से धर्मचर्चा की। मुनि श्री कमल कुमार जी ने जैन एकता पर बल देते हुए कहा कि यह समय एकजुटता का है। उन्होंने कहा कि आपसी खींचातानी से किसी का कल्याण नहीं होता, बल्कि सद्भाव और समन्वय से भावी पीढ़ियों को दिशा मिलती है। उन्होंने तेरापंथ प्रबोध के पद्य का संगान करते हुए जैन एकता को सौहार्द का प्रथम बिंदु बताया।

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl
SETH TOLARAM BAFANA ACADMY

मुनि श्री मेहुल कुमार जी ने भावप्रवण शैली में कहा कि “पानी एक ही कुएं का है, पात्र अलग-अलग हैं, परंतु स्वाद एक जैसा है।” उन्होंने इस भाव से सम्प्रदायिक विविधता में एकता का संदेश दिया और तेरापंथी संतों के साथ संवाद को ज्ञानवर्धक और आत्मीय अनुभव बताया। इसी क्रम में सोमवार को मुनिवृंद ने तुलसी विहार स्थित श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर में दर्शन वंदन कर प्रवचन दिए। गंगाशहर में जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ के मुनिगण—गणिवर्य श्री मेहुल प्रभ सागर म.सा., मुनि मंथन प्रभ सागर म.सा., एवं बाल मुनि मीत प्रभ सागर म.सा.—का तेरापंथी संतों के साथ धर्मसंवाद हुआ।

pop ronak

प्रवचन में उन्नयन का संदेश
गणिवर्य श्री मेहुल प्रभ सागर म.सा. ने अपने प्रवचन में कहा कि दुर्लभ मानव जीवन में जिन शासन की प्राप्ति, तीर्थ, संत-वृंद और ज्ञान का भंडार मिलता है। उन्होंने आत्मा के कल्याण हेतु पाप प्रवृत्तियों से दूर रहकर धर्म व सुकृत कार्यों की अनुमोदना पर बल दिया। मुनि मंथन प्रभ सागर म.सा. ने भी धर्मशिक्षा से जीवन को सार्थक बनाने की प्रेरणा दी।

भव्य आयोजन और श्रद्धालु सहभागिता
मंगलवार को भगवान आदिनाथ जैन मंदिर में मुनिवृंद के सान्निध्य में प्रातः स्नात्र पूजा होगी, जिसके बाद नवकारसी की व्यवस्था केसरीचंद, झंवरलाल व मनोज कुमार सेठिया तथा महादेव व अनिल सुराणा परिवार द्वारा की गई है।  कार्यक्रम में साध्वीश्री दीपमालाश्रीजी, साध्वीश्री शंखनिधि श्रीजी के साथ गंगाशहर-भीनासर, उदयरामसर व बीकानेर के कई श्रद्धालु भी उपस्थित थे। अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद बीकानेर शाखा के प्रचार मंत्री धवल नाहटा व कमल सेठिया ने बताया कि चिंतामणि प्रन्यास के पूर्व अध्यक्ष निर्मल धारीवाल, वरिष्ठ श्रावक राजेन्द्र लूणिया, ऋषभ सेठिया, शांति लाल बैद, नरेश भंडारी, अशोक गोलछा, अशोक बैद सहित मंदिर व ट्रस्ट पदाधिकारियों ने मुनिवृंद का सादर स्वागत किया।

कविता और अणुव्रत का भावपूर्ण संगम
मुनि श्रेयांस कुमार जी द्वारा प्रस्तुत कविता ने सभी को भावविभोर कर दिया। प्रातः प्रवचन सूरजमल दुग्गड़ निवास पर हुआ, वहीं बोथरा भवन में ग्यारहरंगी का शुभारंभ विधिवत संपन्न हुआ। अणुव्रत समिति के नव निर्वाचित अध्यक्ष करणीदान रांका ने अणुव्रत की वर्तमान महत्ता पर प्रकाश डालते हुए इसे समस्त मानव समाज के लिए उपयोगी बताया। यह संगम कार्यक्रम जैन धर्म की समन्वयात्मक भावना का जीवंत उदाहरण बन गया, जिसमें समर्पण, श्रद्धा और एकता का गहन संदेश समाहित था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *