राष्ट्रीय साहित्यिक पुरस्कारों के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित


- मौलिक लेखन, समाज सेवा एवं विविध विषयों में उत्कृष्ट कार्यों को मिलेगा सम्मान
- आवेदन की अंतिम तिथि 15 जून, पुरस्कार वितरण 14 सितम्बर को श्रीडूंगरगढ़ में होगा
बीकानेर, 9 अप्रैल। राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति, श्रीडूंगरगढ़ द्वारा प्रतिवर्ष दिए जाने वाले राष्ट्रीय स्तर के साहित्यिक व सामाजिक पुरस्कारों के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित की गई हैं। समिति अध्यक्ष श्याम महर्षि ने बताया कि ये पुरस्कार हिन्दी भाषा, साहित्य, संस्कृति और समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले रचनाकारों और कर्मयोगियों को प्रदान किए जाते हैं।




इस वर्ष जिन पुरस्कारों के लिए प्रविष्टियां मांगी गई हैं, उनमें शामिल हैं:


-
श्री मलाराम माली स्मृति साहित्यश्री सम्मान
-
डॉ. नंदलाल महर्षि स्मृति हिन्दी साहित्य सृजन पुरस्कार
-
श्री चन्द्रमोहन हाड़ा हिमकर स्मृति उपन्यास लेखन पुरस्कार
-
श्री शिवप्रसाद सिखवाल स्मृति महिला लेखन पुरस्कार
-
श्री श्यामसुन्दर नागला स्मृति बाल साहित्य सृजन पुरस्कार
-
सुरेश कंचन ओझा लेखन पुरस्कार (गैर-साहित्यिक विषयों पर लेखन हेतु)
-
श्री रामकिशन उपाध्याय स्मृति समाज सेवा सम्मान
इस वर्ष से आरंभ किए गए उपन्यास लेखन पुरस्कार में ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित कृतियों को प्राथमिकता दी जाएगी।
पुरस्कार स्वरूप:
‘साहित्यश्री’ सम्मान के अंतर्गत ₹21,000 की नकद राशि, जबकि अन्य पुरस्कारों के लिए ₹11,000, सम्मान-पत्र, स्मृति-चिह्न और शॉल प्रदान किए जाएंगे। पुरस्कार वितरण समारोह 14 सितम्बर, 2025 को समिति के वार्षिकोत्सव में श्रीडूंगरगढ़ में आयोजित होगा।
प्रविष्टि की शर्तें:
संस्था के मंत्री रवि पुरोहित ने बताया कि
-
हिन्दी और राजस्थानी सृजन हेतु कृतियाँ वर्ष 2020 से 2024 के बीच प्रकाशित होनी चाहिए।
-
उपन्यास, महिला लेखन, बाल साहित्य व अन्य विषयों के लिए वर्ष 2018 से 2024 के बीच की कृतियाँ मान्य होंगी।
-
‘साहित्यश्री’ सम्मान हेतु पिछले 20 वर्षों में योगदान को आधार बनाया जाएगा।
कोषाध्यक्ष रामचन्द्र राठी ने बताया कि सुरेश कंचन ओझा पुरस्कार के अंतर्गत शिक्षा, पत्रकारिता, चिकित्सा, विधि, कृषि, मोटिवेशन आदि विविध विषयों पर आधारित पुस्तकें स्वीकार की जाएंगी। समाज सेवा सम्मान के लिए आवेदन के साथ पिछले 10 वर्षों के कार्य का विवरण और साक्ष्य प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। राजनीतिक या वेतनभोगी सेवाओं पर विचार नहीं किया जाएगा।
उपाध्यक्ष बजरंग शर्मा के अनुसार विश्वविद्यालय डिग्री या परियोजनाओं के तहत तैयार की गई कृतियाँ, संपादित ग्रंथ, स्मृति ग्रंथ, अनुवाद, साझा संकलन आदि मान्य नहीं होंगे। कोई भी व्यक्ति एक वर्ष में केवल एक ही श्रेणी में आवेदन कर सकेगा। पूर्व विजेताओं की प्रविष्टियों पर अगले पाँच वर्षों तक पुनः विचार नहीं किया जाएगा।
आवेदन प्रक्रिया
आयोजन समन्वयक महावीर माली ने बताया कि इच्छुक अभ्यर्थी अपनी प्रकाशित कृति की एक प्रति, लेखक परिचय व फोटो के साथ 15 जून 2025 तक मंत्री, राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति, संस्कृति भवन, एनएच-11, जयपुर रोड, श्रीडूंगरगढ़ (बीकानेर) – 331803 पते पर भेज सकते हैं। प्राप्त पुस्तकें वापस नहीं की जाएंगी। चयन समिति का निर्णय अंतिम होगा।
पुरस्कारों की घोषणा अगस्त 2025 में की जाएगी। पूर्व वर्षों में भेजी गई कृतियाँ पुनः नहीं भेजी जाएं।