जलवायु समस्याओं के निस्तारण में हो सभी की भागीदारी- सुराणा

  • जिला कलेक्टर अभिषेक सुराणा की अध्यक्षता में आयोजित हुई जिला हीट एक्शन प्लान कार्यशाला, हीट वेव प्रबंधन को लेकर किया विचार- विमर्श, विभिन्न स्टेकहोल्डर रहे मौजूद

चूरू, 22 नवंबर। जिला कलक्टर अभिषेक सुराणा की अध्यक्षता में शुक्रवार को जिला मुख्यालय स्थित राजकीय लोहिया महाविद्यालय में जिला प्रशासन, महाविद्यालय की आईक्यूएसी सेल व भूगोल विभाग तथा महिला हाउसिंग ट्रस्ट जयपुर के सयुंक्त तत्वावधान में जिला हीट एक्शन प्लान की कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला कलक्टर सुराणा ने कहा कि जलवायु समस्याओं के निराकरण में सभी का सम्मिलित सहयोग रहे। पर्यावरण समस्याओं के बहुत सारे अप्रत्यक्ष प्रभाव रहते हैं, जो दृष्टिगोचर नहीं हो पाते। अप्रत्यक्ष प्रभावों से निपटने की आवश्यकता है। दृष्टिगोचर हो जाने वाले प्रभाव बहुत कम होते हैं।

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उन्होंने कहा कि जिले की जलवायु के अनुसार गर्मी एवं सर्दी रिकॉर्ड रहती है। हमें इन पर्यावरण समस्याओं से निपटने के लिए एक टीम के रूप में काम करना होगा ताकि हम अधिकतम सफलता अर्जित कर सके तथा लोगों के जीवन व स्वास्थ्य की सुरक्षा कर सकें। उन्होंने कहा कि समस्त स्टेकहॉल्डर्स सहित महाविद्यालय स्टाफ पर्यावरणीय समस्याओं के बारे में अध्ययन करें तथा ज्योग्राफी, भौतिक विज्ञान व पर्यावरण विज्ञान के विद्यार्थियों को भी जोड़ें। सभी की स्टडी के सकारात्मक आउटपुट हमारे सामने आएंगे। विद्यार्थियों के लिए यह प्रैक्टिकल गतिविधि होगी।

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सुराणा ने कहा कि आजकल वायु प्रदूषण, हीट वेव और हैवी रेनफॉल आदि बढ़ती हुई जलवायु समस्या है। हाल में एयर क्वालिटी बहुत खराब हुई है। बरसात के मौसम में बरसात के दिन कम हुए हैं एवं अधिक बरसात होने से जगह-जगह वाटरलॉकिंग और जल भराव की स्थिति पैदा हो गई है। इसी प्रकार गर्मियों के दिनों में तापमान भी 50 डिग्री से अधिक जाने लगा है। इन समस्याओं से स्वास्थ्य से संबंधित खतरा बढ़ा है। उन्होंने कहा कि हमें हीट वेव के प्रबंधन के लिए पहले से तैयारी करनी होगी। हीट वेव प्रबंधन में सभी की सहभागिता रहे। इसके लिए माइक्रो स्टडी करें और रिस्क कैटेगराइजेशन करते हुए सभी डिपार्टमेंट अपनी गतिविधियों के लिए पूर्व तैयारी करें। उन्होंने कहा कि हमें जलवायु समस्याओं की गंभीरताओं को समझना होगा और प्रबंधित ढंग से पूर्व तैयारी करनी होगी। इसके लिए अपडेटेड प्लान बनाएं और परफेक्शन के लिए काम करें।

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सुराणा ने कहा कि हमने हीट वेव से बचने के लिए एयरकंडीशनर आदि संसाधनों का उपयोग अधिक करने लगे हैं। इन उपायों से हम इंस्टेंट राहत तो प्राप्त कर रहे हैं लेकिन इनसे उत्सर्जित होने वाली सीएफसी से पर्यावरण ओजोन पर होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में हम अनभिज्ञ हैं। हमें इसके बारे में जागरूकता पैदा करनी होगी तथा समाज में एक सिविक सेन्स स्थापित करना होगा। उन्हें कहा कि पिछली गर्मियों में भी जिला प्रशासन की ओर से हीट वेव प्रबंधन के लिए ग्रीन शेड, पानी छिड़काव सहित उपाय बड़े पैमाने पर किए गए थे। आगामी गर्मियों के दौरान हीट वेव प्रबंधन के लिए इन उपायों के अतिरिक्त हीट वेव एक्शन प्लान के तहत प्रभावी कार्यवाही करेंगे।

प्राचार्य डॉ मंजू शर्मा ने हीट वेव एक्शन प्लान की महाविद्यालय स्तरीय गतिविधियों में समुचित भागीदारी सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया। उन्होंने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए हमें सामुदायिक स्तर पर कार्य करना होगा और परिवेश में हरियाली को बढ़ाना होगा।

कार्यशाला समन्वयक प्रो. डॉ एमएम शेख ने चूरू में बढ़ते तापमान के भौगोलिक एवं पर्यावरणीय कारणों पर अपना व्याख्यान दिया। महिला हाउसिंग ट्रस्ट, जयपुर की रचना शर्मा, महिला हाउसिंग ट्रस्ट, अहमदाबाद से बिंदिया पटेल व महिला हाउसिंग ट्रस्ट, जोधपुर से जयेन्द्र चावडा ने जिला हीट एक्शन प्लान को लेकर प्रजेंटेशन दिया। इस अवसर पर डीएफअेा भवानी सिंह, सीडीईओ गोविंद सिंह राठौड़, चूरू नगरपरिषद आयुक्त अभिलाषा सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए। प्रो. डॉ अरविंद शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस दौरान मेडिकल कॉलेज सहायक आचार्य डॉ प्रदीप कस्वां, उद्योग महाप्रबंधक नानुराम गहनोलिया, डॉ प्रशांत शर्मा, डॉ मूलचंद, शांतनु डाबी, एपीआरओ मनीष कुमार, डॉ सुरेंद्र डी सोनी, बीसीएमओ डॉ जगदीश भाटी, प्रो. संतोष बलाई, डॉ पी के शर्मा, डॉ रूपा शेखावत, डॉ मधु चौधरी, डॉ शलिनी हेमकार, डॉ बिपिन मंडार, डॉ अंजू ओझा, डॉ मुकेश मीना, डॉ महेंद्र खारड़िया, मोनिका शेखावत, डॉ मधुसूदन प्रधान, डॉ सुमेर सिंह, डॉ संजू झाझड़िया, डॉ उर्मिला, डॉ पूजा प्रजापत, डॉ करुणा शर्मा, डॉ आदित्य शर्मा, डॉ अशोक कुमार, महेंद्र परसोया सहित अन्य उपस्थित रहे। आईक्यूएसी समन्वयक प्रो. डॉ रविंद्र बुडानिया ने कार्यशाला का संचालन किया।

 

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