चाइल्ड हॉस्पिटल में आग, 6 नवजात की मौत

  • 5 बच्चों का रेस्क्यू; आशंका- ऑक्सीजन सिलेंडर में ब्लास्ट के बाद आग लगी

नए दिल्ली , 26 मई। दिल्ली के विवेक विहार स्थित एक चाइल्ड हॉस्पिटल में शनिवार 25 मई देर रात आग लग गई। हादसे में 6 नवजात की मौत हो गई। 5 का रेस्क्यू किया गया है। दो मंजिला बिल्डिंग के फर्स्ट फ्लोर पर न्यू बॉर्न बेबी केयर सेंटर था। इसमें कुल 12 बच्चे भर्ती थे।

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl

दिल्ली फायर सर्विस चीफ अतुल गर्ग ने ने बताया कि अभी आग लगने के कारणों का पता नहीं चला है। हालांकि, शुरुआती जांच में ऑक्सीजन सिलेंडर ब्लास्ट को आग लगने का कारण बताया जा रहा है। बेबी केयर सेंटर के नीचे ग्राउंड फ्लोर पर अवैध ऑक्सीजन सिलेंडर रीफिलिंग का काम चल रहा था।

mmtc
pop ronak

दिल्ली पुलिस ने चाइल्ड हॉस्पिटल के मालिक नवीन किची के खिलाफ IPC की धारा 336 (दूसरों की निजी सुरक्षा को खतरे में डालना), 304A (लापरवाही से मौत) और 34 (आपराधिक गतिविधि) के तहत FIR दर्ज की है। वह पश्चिम विहार का रहने वाला है। घटना के बाद से वह फरार है।

khaosa image changed
CHHAJER GRAPHIS

दम घुटने से बच्चों की मौत हुई

दमकल अधिकारी ने बताया कि उन्हें रात 11:30 बजे आग लगने की सूचना मिली थी। मौके पर दमकल की कुल 16 गाड़ियां पहुंचीं। तब तक आग की लपटें ऊपर के फ्लोर और पास की दो बिल्डिंग्स में भी फैल चुकी थी। बेबी केयर सेंटर में ऊपर जाने के लिए बाहर की तरफ से लोहे की एकमात्र घुमावदार सीढ़ी है। उसमें भी आग लग गई थी।

बेबी केयर सेंटर में भर्ती 12 बच्चों में से एक की मौत आग लगने से पहले ही हो चुकी थी। धुआं भरने के कारण अन्य 11 बच्चों की हालत गंभीर हो गई। दमकल की टीम और स्थानीय लोगों ने लकड़ी की सीढ़ियों पर चढ़कर खिड़की से अन्य 11 बच्चों को बाहर निकाला। तब तक दम घुटने से 6 बच्चों की मौत हो गई। इनके शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए जीटीबी अस्पताल भेजा गया है।

रेस्क्यू किए गए 5 बच्चों को एडवांस NICU अस्पताल में शिफ्ट किया गया है। चाइल्ड हॉस्पिटल के दोनों तरफ दो रेसिडेंशियल बिल्डिंग से 11-12 लोगों को बचाया गया। फायर सर्विस ने करीब डेढ़ घंटे मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह काबू पाया।

ऑक्सीजन सिलेंडर रीफिलिंग के दौरान धमाके की आवाज हुई
फायर डिपार्टमेंट और पुलिस के मुताबिक, बेबी केयर सेंटर के पास किसी एम्बुलेंस में ऑक्सीजन गैस की रीफिलिंग की जा रही थी। उसी दौरान धमाके की तेज आवाज सुनाई दी। इसके बाद पूरे बिल्डिंग में आग की लपटें फैल गई।

एक स्थानीय नागरिक ने बताया कि हमारा घर पास ही है। हमें रात में फोन आया कि यहां धमाके हुए हैं। मौके पर आए तो पता चला कि बिल्डिंग के सामने वैन में ऑक्सीजन सिलेंडर में रीफिलिंग का काम चल रहा था। तभी सिलेंडर ब्लास्ट हो गया।

पहला सिलेंडर फटकर बिल्डिंग के अंदर गया, जिससे आग लग गई। आग लगते ही हॉस्पिटल के सभी स्टाफ बच्चों को छोड़कर भाग गए। उसके बाद एक के बाद एक तीन और सिलेंडर में ब्लास्ट हुए। हम बिल्डिंग के पीछे गए और शीशे तोड़कर बच्चों को बाहर निकाला।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि बेबी केयर सेंटर के नीचे काफी समय से ऑक्सीजन रीफिलिंग का काम होता था। यहां रोज बड़ी संख्या में ऑक्सीजन सिलेंडर लाए जाते थे। इसको लेकर पहले ही कई बार शिकायत की गई थी। हालांकि, कोई सुनवाई नहीं हुई।

घटना के बाद परिजन अपने-अपने बच्चे की तलाश में जुटे हैं। एक नवजात के रिश्तेदार सुमित ने कहा- 20 मई को मेरे भाई के बच्चे को न्यू बोर्न बेबी केयर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हम पुलिस स्टेशन गए और बच्चे की जानकारी मांगी। उन्होंने हमें अस्पताल जाने का कहा।

एक बच्चे की मां ने कहा- मेरा बच्चा पिछले तीन दिनों से यहां भर्ती था। उसे सिर्फ बुखार था। आज सुबह एक रिश्तेदार से आग लगने की खबर मिली। अस्पताल से कोई जानकारी नहीं दी गई। सुबह से इधर-उधर भाग रहे हैं, लेकिन बच्चे की कोई जानकारी नहीं है।

एक अन्य बच्चे के एक रिश्तेदार ने बताया- कल हमने अपने बच्चे को देखा था। वे हमें यहां रहने नहीं दे रहे थे। अब हमें उसकी कोई कोई जानकारी नहीं मिल रही है। डीएनए टेस्ट के बाद पहचान पाएंगे कि मृतकों में हमारा बच्चा था या नहीं।

घटना के बाद परिजन अपने-अपने बच्चे की तलाश में जुटे हैं। एक नवजात के रिश्तेदार सुमित ने कहा- 20 मई को मेरे भाई के बच्चे को न्यू बोर्न बेबी केयर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हम पुलिस स्टेशन गए और बच्चे की जानकारी मांगी। उन्होंने हमें अस्पताल जाने का कहा।

एक बच्चे की मां ने कहा- मेरा बच्चा पिछले तीन दिनों से यहां भर्ती था। उसे सिर्फ बुखार था। आज सुबह एक रिश्तेदार से आग लगने की खबर मिली। अस्पताल से कोई जानकारी नहीं दी गई। सुबह से इधर-उधर भाग रहे हैं, लेकिन बच्चे की कोई जानकारी नहीं है।

एक अन्य बच्चे के एक रिश्तेदार ने बताया- कल हमने अपने बच्चे को देखा था। वे हमें यहां रहने नहीं दे रहे थे। अब हमें उसकी कोई कोई जानकारी नहीं मिल रही है। डीएनए टेस्ट के बाद पहचान पाएंगे कि मृतकों में हमारा बच्चा था या नहीं।

bhikharam chandmal

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *