खमत खामणा
मेरे अहंकार से….
यदि मैने आपको नीचा दिखाया हो।
मेरे क्रोध से…
यदि आपको दुःख पहुचाया हो!
मेरे झूठ से…
किसी आपको कोई परेशानी हुई हो!
मेरे ना कहने से….
आपको सेवा करने में दान देने में, बाधा आयी हो!
मेरे हर एक कण कण से..
मैने आपको कभी निराश किया हो।
मेरे शब्दों से….
आपके हृदय को ठेस पहुंची हो।
जाने-अनजाने में
मैं आपके कष्ट का कारण बना हूं ।।
मेसेज भेजने में
कोई भी गलती हुई हो
या
ज्यादा मेसेज भेज कर
आप को तकलीफ दी हो।
तो मैं मेरा मस्तक झुकाकर,
हाथ जोड़कर,
सहृदयता के साथ
आप से खमत खामणा करता हूं!
सम्वत्सरी के पावन पर्व पर
हृदय के अन्तःकरण से . . अठाई .की तपस्या में प्रतिक्रमण करके
आपसे खमत खामणा
जैन लूणकरण भावना छाजेड़ परिवार एवं थार एक्सप्रेस परिवार