राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री हरिशंकर भाभड़ा का निधन
- भैरोंसिंह सरकार में वित्त मंत्री रहे, वसुंधरा ने भी बनाया था चेयरमैन
जयपुर , 25 जनवरी। भाजपा के कद्दावर नेता , राजस्थान के उप मुख्यमंत्री व विधानसभा अध्यक्ष रहे हरिशंकर भाभड़ा का देर रात निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार थे। 96 साल की उम्र में जयपुर के रूंगटा अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन के बाद सीएम भजनलाल शर्मा से लेकर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने शोक व्यक्त किया।उनका अंतिम संस्कार जयपुर में किया जा रहा है।
राजस्थान की राजनीति में भाभड़ा बड़ा चेहरा रहे। भैरोंसिंह शेखावत से लेकर वसुंधरा सरकार में वे पद पर रहे। विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर भी वे नेताओं के बीच लोकप्रिय रहे। राजस्थान के नए विधानसभा भवन के निर्माण में उनकी अहम भूमिका मानी जाती है।
लंबा राजनीतिक करियर रहा
हरिशंकर भाभड़ा 1978 से लेकर 1984 तक राज्यसभा सासंद रहे। चूरू जिले की रतनगढ़ सीट से तीन बार विधायक रहे। सबसे पहले 1985 में विधायक बने। दूसरी बार 1990 से 1992 और तीसरी बार 1993 से 1998 तक विधायक रहे। भाभड़ा 16 मार्च 1990 से 21 दिसंबर 1993 और 30 दिसंबर 1993 से 5 अक्टूबर 1994 तक विधानसभा अध्यक्ष रहे। इसके बाद वे शेखावत सरकार में डिप्टी सीएम बने।
जनसंघ से लेकर भाजपा तक का मुखर चेहरा
हरिशंकर भाभड़ा छात्र जीवन से ही आरएसएस से जुड़ गए थे। आरएसएस के चिंतकों में दिग्गज पंडित बच्छराज व्यास के शिष्य रहे। डीडवाना में वकील के तौर पर प्रैक्टिस की। इसी दौरान वे जनसंघ से जुड़े। नागौर जिले में विपक्ष की राजनीति के शुरुआती चेहरों में थे। हालांकि उन्हें अपने गृह जिले में कभी चुनावी सफलता नहीं मिली, लेकिन संगठन को खड़ा करने में उनकी अहम भूमिका रही।
सबसे पहले वे 1963 में भारतीय जनसंघ के नागौर जिला सचिव बने। इसके बाद नागौर के जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई। वे 1966 से 1972 तक जनसंघ के कोषाध्यक्ष थे। इसके बाद 1974 में वे उपाध्यक्ष बने। उन्होंने 1981 से 1986 तक राजस्थान बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाली।
नया विधानसभा भवन बनाने में अहम भूमिका
हरिशंकर भाभड़ा 1990 से 1994 तक विधानसभा के अध्यक्ष रहे। अब तक रहे विधानसभा अध्यक्षों में से उनका कार्यकाल सबसे कुशल प्रशासक के तौर पर माना जाता हैं। सदन में विधायकों का आचरण कैसा रहे। इस पर उन्होंने सबसे ज्यादा काम किया।
राजस्थान विधानसभा का नया भवन साल 2001 में बनकर तैयार हुआ। लेकिन इसकी अवधारणा करने वालों में हरिशंकर भाभड़ा का नाम सबसे पहले आता है। जब वे विधानसभा अध्यक्ष थे। तब ही नया विधानसभा भवन बनाना तय हो गया था इसलिए नए भवन में उनका योगदान सबसे ज्यादा माना जाता है।
किताब पढ़ने और पान खाने के शौकीन
हरिशंकर भाभड़ा आर्थिक और वित्तीय मामलों के जानकार माने जाते थे। उन्होंने राजस्थान के वित्त मंत्री के तौर पर भैरोंसिंह शेखावत के कार्यकाल में बजट भी पेश किया था। वहीं उनकी इसी खूबी के चलते ही वसुंधरा सरकार ने उन्हें वित्त आयोग का चेयरमैन भी बनाया था।
उन्हें किताब पढ़ने और पान खाने का शौक था। अपने अंतिम समय तक उन्होंने दोनों चीजों को नहीं छोड़ा। जब भी कोई नई किताब बाज़ार में आती तो वे उसे पढ़ते जरूर थे। वहीं रोज पान खाते थे। इसके अलावा हरिशंकर भाभड़ा को टाइम मैनेजमेंट के लिए भी जाना जाता था। इससे जुड़े कई रोचक किस्से आज भी उनके साथ काम करने वाले और उनके राजीनिति में जूनियर याद करते हैं।