पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का निधन, 92 साल की उम्र में ली आखिरी सांस
नई दिल्ली , 26 दिसम्बर। एक बड़ी खबर इस वक्त सामने आई है। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन हो गया है। भारत के चौदहवें प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें दिल्ली के एम्स के आपातकालीन कक्ष में भर्ती कराया गया था। पीएम ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। कांग्रेस और अन्य राजनैतिक दलों ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की है।
गुरूवार के दिन रात आठ बजे उन्हें एम्स में एडमिट करवाया गया था। उन्हें हार्ट से जुड़ी परेशानी बताई जा रही थी। उन्हें एम्स के इमरजेंसी वॉर्ड में एमडिट करवाया गया था। डॉक्टर मनमोहन सिंह का इलाज कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. नितीश नाइक के अंतर्गत किया जा रहा था। पहले भी पूर्व पीएम एम्स में भर्ती हो चुके थे। 13 अक्टूबर 2021 को वो बुखार की परेशानी के चलते एम्स में भर्ती हुए थे। उनका बुखार तो सही हो गया था, लेकिन कमजोरी के चलते उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। 26 सितंबर 1932 को डॉक्टर मनमोहन सिंह का जन्म हुआ था। वो अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के एक गांव में पैदा हुए थे। अपने जीवन में शिक्षा, अर्थशास्त्र और राजनीति के जरिए उन्होंने कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की थी।
मनमोहन सिंह को काम से मिली वाहवाही
1948 में पंजाब विश्वविद्यालय से मैट्रिक की परीक्षा पास की थी। बाद में उन्होंने अर्थशास्त्र में प्रथन श्रेणी ऑनर्स की डिग्री कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से पास की थी। 1971 में वो भारत सरकार से जुड़े और वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार भी बने थे। 1972 में उन्हें वित्त मंत्रालय का मुख्य आर्थिक सलाहकार बनाया गया था। इसके बाद वो कई बड़े पदों पर काम करते हुए दिखाई दिए थे। डॉ मनमोहन सिंह भारत के वित्त मंत्री रहे थे। इस दौरान उन्होंने एक व्यापक नीति लागू की थी, जिसे विश्वभर में तारीफ मिली।
डॉ. मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। 2004 के चुनावों में कांग्रेस पार्टी की जीत के बाद उन्होंने पदभार संभाला था। 2009 में उन्हें दूसरे कार्यकाल के लिए फिर से चुना गया। प्रधानमंत्री के रूप में वे अपने शांत, संतुलित व्यवहार और आर्थिक विकास तथा वैश्विक कूटनीति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते थे। प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभालने से पहले वे 1991 से 1996 तक केंद्रीय वित्त मंत्री रहे।
इससे पहले वे वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार और बाद में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार, वित्त मंत्रालय में सचिव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष भी रहे। उन्हें व्यापक उदारीकरण उपायों की शुरुआत करने का श्रेय दिया जाता है, जिसमें अर्थव्यवस्था को खोलना, विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करना और भारत के वित्तीय परिदृश्य को बदलना शामिल है।
पूर्व प्रधानमंत्री ने पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में संकाय सदस्य के रूप में भी काम किया, जहाँ अर्थशास्त्र में उनकी विशेषज्ञता ने विचारकों की भावी पीढ़ियों को आकार देने में मदद की। उनके वैश्विक अनुभव में संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (UNCTAD) में एक संक्षिप्त कार्यकाल और 1987 से 1990 तक जिनेवा में दक्षिण आयोग के महासचिव के रूप में कार्य करना भी शामिल है।
अपने पूरे करियर के दौरान, डॉ. सिंह ने कई पुरस्कार अर्जित किए, जिनमें भारत का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान, पद्म विभूषण (1987), वर्ष के वित्त मंत्री के लिए एशिया मनी अवार्ड (1993, 1994), और वर्ष के वित्त मंत्री के लिए यूरो मनी अवार्ड (1993) शामिल हैं। उन्हें कैम्ब्रिज और ऑक्सफोर्ड सहित कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से मानद उपाधियाँ भी मिली थीं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी दी श्रद्धांजलि
द्रौपदी मुर्मू की ओर से लिखा गया, ‘पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह जी उन दुर्लभ राजनेताओं में से एक थे, जिन्होंने शिक्षा और प्रशासन की दुनिया में भी समान सहजता से काम किया। सार्वजनिक कार्यालयों में अपनी विभिन्न भूमिकाओं में, उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्हें राष्ट्र के प्रति सेवा, उनके बेदाग राजनीतिक जीवन और उनकी अत्यंत विनम्रता के लिए हमेशा याद किया जाएगा। उनका निधन हम सभी के लिए बहुत बड़ी क्षति है। मैं भारत के सबसे महान सपूतों में से एक को आदरपूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं।
Former Prime Minister Dr Manmohan Singh Ji was one of those rare politicians who also straddled the worlds of academia and administration with equal ease. In his various roles in public offices, he made critical contributions to reforming Indian economy. He will always be…
— President of India (@rashtrapatibhvn) December 26, 2024
पीएम मोदी ने एक्स पर कहा, “भारत अपने सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक, डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन पर शोक व्यक्त करता है। साधारण पृष्ठभूमि से उठकर, वे एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री बन गए। उन्होंने वित्त मंत्री सहित विभिन्न सरकारी पदों पर कार्य किया, और वर्षों से हमारी आर्थिक नीति पर एक मजबूत छाप छोड़ी। संसद में उनके हस्तक्षेप भी व्यावहारिक थे। हमारे प्रधान मंत्री के रूप में, उन्होंने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास किए।”
India mourns the loss of one of its most distinguished leaders, Dr. Manmohan Singh Ji. Rising from humble origins, he rose to become a respected economist. He served in various government positions as well, including as Finance Minister, leaving a strong imprint on our economic… pic.twitter.com/clW00Yv6oP
— Narendra Modi (@narendramodi) December 26, 2024
प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी दी श्रद्धांजलि
वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी अपनी भावनाएं जाहिर की। वह लिखती हैं, ‘सरदार मनमोहन सिंह जी ने जो सम्मान पाया, वैसा राजनीति में कम ही लोग पाते हैं। उनकी ईमानदारी हमारे लिए हमेशा प्रेरणा बनी रहेगी और वह हमेशा उन लोगों के बीच खड़े रहेंगे जो वास्तव में इस देश से प्यार करते हैं, एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जो अपने विरोधियों द्वारा अनुचित और गहरे व्यक्तिगत हमलों के बावजूद देश की सेवा करने की अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ रहे। वह अंत तक समतावादी, बुद्धिमान, दृढ़ इच्छाशक्ति वाले और साहसी थे। राजनीति की कठिन दुनिया में एक अद्वितीय प्रतिष्ठित और सज्जन व्यक्ति।’
Few people in politics inspire the kind of respect that Sardar Manmohan Singh ji did.
His honesty will always be an inspiration for us and he will forever stand tall among those who truly love this country as someone who remained steadfast in his commitment to serve the nation… pic.twitter.com/BXA6zHG2Fq
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 26, 2024