डॉ.बसन्ती हर्ष की चार पुस्तकों का हुआ लोकार्पण

shreecreates
congrtaulation shreyansh & hiri

बीकानेर, 11 दिसम्बर। हर्ष फाउंडेशन के तत्वावधान में डॉ.बसन्ती हर्ष की भिन्न-भिन्न विधाओं में लिखी चार पुस्तकों का लोकार्पण गरिमामय मंच द्वारा किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कमल रंगा ने कहा कि लेखिका के लेखन से नई पीढी की लेखिकाओं को सीख लेते हुए श्रेष्ठ सृजन की तरफ अग्रसर रहते हुए वर्ष 2024 में श्रेष्ठ रचनाकर्म करने की ओर अग्रसर होना चाहिए।

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl
DIGITAL MARKETING
SETH TOLARAM BAFANA ACADMY

मुख्य अतिथि डॉ. मदन सैनी ने कहा कि महिला लेखन में बीकानेर अग्रणी रहा है | लेखिका बसंती हर्ष का लेखन उच्च कोटि का होने के कारण आज इनकी बीस से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है | इनका लेखन समय के साथ वार्तालाप करते हुए आगे बढ़ता है | नए लेखकों के लिए रास्ते बनाता है |

pop ronak

विशिष्ठ अतिथि व्यंग्यकार डॉ. अजय जोशी ने कहा कि डॉ.बसंती हर्ष के लेखन में कविताएं हैं तो कहानियां भी है आलेख हैं तो गीत भी हैं यानी इनका लेखन बहुआयामी है। इससे पहले अतिथियों ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित किया। दर्शना उत्सुक द्वारा वंदना की गई। स्वागत उद्बोधन राजाराम स्वर्णकार ने दिया।

पुस्तकों के लोकार्पण पश्चात दोहावली और हिंदी काव्य संग्रह बासन्ती बयार पर पत्र वाचन करते हुए डॉ. कृष्णा आचार्य ने कहा कि लेखिका की भावप्रवण पुस्तकें पाठकों के पढ़ने हेतु उपयोगी है। पुस्तकें सामाजिक धरातल पर नए आयाम स्थापित करती है। भजन संकलन आराधना और राजस्थानी से हिंदी में अनुवाद पुस्तक जिस विधि रखे राम पर अपनी बात रखते हुए मोनिका गौड़ ने कहा कि अनुवाद करना परकाया प्रवेश जैसा होता है फिर भी लेखिका ने महत्ती भूमिका निभाते हुए शब्दों के साथ न्याय किया है।

डॉ.बसंती हर्ष ने अपनी पुस्तकों से कुछ उद्धरण देते हुए अपनी बात रखी | पुस्तक प्रकाशन में योगदान देने वाले रचनाकारों का हर्ष फाउन्डेशन द्वारा शोल, स्मृति चिन्ह और अपर्णा भेंट कर सम्मान किया गया। वरिष्ठ नागरिक समिति, उजास संस्थान और नव किरण प्रकाशन बीकानेर द्वारा लेखिका डॉ.बसंती हर्ष का सम्मान किया। अभिनंदन पत्र का वाचन कवयित्री / गीतकार ज्योति वधवा रंजना ने किया। शोल, अभिनंदन पत्र यामिनी जोशी, दर्शना उत्सुक, संगीता सेठी द्वारा भेंट किया गया।

डॉ.मधुसुदन व्यास, हेमल व्यास, प्रभा व्यास, संतोष जांगीड, मोहनलाल जांगीड, मुकेश पोपली, कांता चाढा, शीला व्यास, मधुरिमासिंह, डॉ.के.एल.विश्नोई, इंजीनियर गिरिराज पारीक, कासिम बीकानेरी, परितोष झा, इला पारीक, किरण आचार्य, कविता पोपली, प्रेमकुमारी अग्रवाल, प्रभा व्यास, मगन व्यास (अमेरिकी नागरिक) नंदकुमार व्यास, शिवनामसिंह ने पुस्तकों पर अपनी बात रखी | संचालन ज्योतिप्रकाश रंगा ने किया। सभी के प्रति आभार डॉ.एस.एन.हर्ष ने ज्ञापित किया।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *