होटल में आग लगने से चार लोगों की मौत, सात घायल


जयपुर,1 मई । अजमेर शहर के डिग्गी बाजार क्षेत्र में बृहस्पतिवार को एक होटल में आग लगने से चार लोगों की मौत हो गई और सात अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।



अधिकारियों ने कहा कि मृतकों में दो पुरुष, एक महिला और चार साल का एक बच्चा शामिल है।


उन्होंने बताया कि वे अजमेर दरगाह पर जियारत करने के लिए अजमेर आए थे। उनके मुताबिक, पांच मंजिला होटल के कुछ मेहमानों ने खिड़कियों से कूदकर अपनी जान बचाई।
अधिकारियों ने बताया कि जिस होटल में आग लगी वह नगर निगम के नियमों के विरुद्ध बनाया गया है और इसके पास अग्निशमन विभाग से एनओसी भी नहीं है।
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने घटना पर दुख जताया है।
पुलिस के अनुसार, डिग्गी बाजार की संकरी गलियों में स्थित नाज होटल में आज सुबह शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई तथा आग की लपटों ने होटल के पूरे भवन को अपनी चपेट में ले लिया। लोगों ने अजमेर दरगाह में जियारत से पहले यहां रुकने के लिए बुकिंग की थी।
जैसे ही आग फैली एक महिला ने अपने बेटे को होटल की खिड़की से बाहर फेंक दिया। एक व्यक्ति खुद को बचाने की कोशिश में होटल की इमारत की चौथी मंजिल से कूद गया। लगभग तीन घंटे के अभियान के बाद आग पर काबू पा लिया गया।
जेएलएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनिल सामरिया ने बताया, “अग्निकांड में दो पुरुषों, एक महिला और एक बच्चे सहित चार लोगों की मौत हो गई। पांच अन्य घायल हैं, जिनमें से चार गंभीर रूप से घायल हैं और उनका इलाज किया जा रहा है। घायल 50 से 90 प्रतिशत तक झुलसे हैं।” दो घायल निजी अस्पताल में भर्ती बताए गए हैं।
मृतकों की पहचान मोहम्मद जाहिद, शबनम नूरानी, उनके बेटे अरमान नूरानी और अल्फाज के रूप में हुई। घायलों में अग्निशमन विभाग की महिला कांस्टेबल भी शामिल हैं।
अजमेर नगर निगम के उप महापौर नीरज जैन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “होटल की इमारत अवैध है। निगम समय-समय पर अवैध निर्माणों पर कार्रवाई करता है। लेकिन, यह कार्रवाई नोटिस जारी करने तक ही सीमित रहती है। यह तभी रुकेगी जब संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाए। इस होटल तक एंबुलेंस और दमकल गाड़ियां पहुंच सकती हैं, लेकिन कई तरह के अवैध निर्माणों की वजह से वे नहीं जा पातीं। मैंने महापौर को इस बारे में अवगत करा दिया है।”
मुख्य अग्निशमन अधिकारी जगदीश प्रसाद ने बताया कि शुरुआती तौर पर आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी, लेकिन विस्तृत जांच से सही कारण पता चलेगा।
उन्होंने कहा कि होटल अवैध रूप से संचालित किया जा रहा था और इसके पास अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) भी नहीं है।
प्रसाद ने बताया कि पिछले वर्ष होटल प्रशासन को अग्निशमन उपकरण लगाने तथा नियमों का पालन करने के लिए नोटिस जारी किए गए थे।
होटल में मौजूद एक व्यक्ति ने बताया कि धमाके की आवाज आई जिसके बाद वह अपनी पत्नी के साथ बाहर भागे।
होटल में ठहरे मांगीलाल कालोसिया ने बताया, “एक महिला ने खिड़की से अपना बच्चा मेरी गोद में फेंक दिया। उसने इमारत से कूदने की भी कोशिश की, लेकिन हमने उसे रोक लिया।”
उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति भी खिड़की से कूद गया और उसके सिर में चोटें आईं।
जमीन से ली गई फुटेज में होटल से घना काला धुआं निकलता हुआ दिखाई दे रहा है। एक वीडियो में दो व्यक्तियों को खिड़की के रास्ते आग से बचते हुए देखा जा सकता है। पहले एक व्यक्ति बगल की इमारत पर कूदता है और सुरक्षित रूप से उतर जाता है।
इसके बाद, एक और आदमी खिड़की से बाहर निकलता है, जो एक तरफ लटक रही रस्सी को पकड़ता है। वह रस्सी से नीचे उतरने का प्रयास करता है लेकिन अंततः जमीन पर गिर जाता है।
अतिरिक्त जिला कलेक्टर (एडीएम) गजेंद्र सिंह राठौर ने बताया कि बचाव अभियान पूरा हो गया है और आग बुझा दी गई है।
उन्होंने कहा, “तलाशी अभियान पूरा हो चुका है; अंदर कोई और नहीं है। होटल प्रबंधक ने संकेत दिया कि आग बिजली के पैनल से शुरू हुई और तेजी से फैल गई।”
राज्यपाल बागडे ने हादसे पर दुख जताया है।मुख्यमंत्री शर्मा ने भी दुख जताते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, “अजमेर के निजी होटल में आग लगने की घटना में हुई जनहानि अत्यंत दुःखद है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ है। घायलों को हर संभव चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन को उचित निर्देश दिए गए हैं।”