लाइक्स’ और ‘रेटिंग’ देने पर रुपए कमाने का झांस देकर पार्ट-टाइम जॉब के नाम हो रहा फ्रॉड, मोटी कमाई का स्क्रीनशॉट भेजकर फंसाते


जयपुर , 20 जून। राजस्थान में पार्ट टाइम जॉब के नाम पर ठगी का नया जाल फैलाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर ‘लाइक्स’ और ‘रेटिंग’ देने का काम बताकर साइबर क्रिमिनल्स रुपए ऐंठ रहे हैं। लालच में फंसाने के लिए मोटी कमाई का फर्जी स्क्रीनशॉट भी शेयर किया जा रहा है। साइबर क्राइम ब्रांच की ओर से सतर्क रहने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है।




एसपी (साइबर क्राइम) शांतनु कुमार ने बताया- साइबर क्रिमिनल लगातार अपनी कार्यप्रणाली बदल रहे हैं। अब वे लोगों को बिजनेस वेबसाइटों पर ‘लाइक्स’ और ‘रेटिंग’ देने के बदले आकर्षक पेमेंट का लालच दे रहे हैं। यह धोखाधड़ी बेहद सुनियोजित तरीके से की जाती है। शुरुआत में साइबर क्रिमिनल कॉल या सोशल मीडिया के जरिए लोगों से कॉन्टैक्ट करते हैं। उन्हें कुछ वेबसाइटों या पोस्टों को ‘लाइक’ या ‘रेटिंग’ देने के लिए कहते हैं।


शुरुआती टास्क के लिए वे तुरंत थोड़े पैसे का भुगतान करते हैं, जिससे पीड़ितों का विश्वास जीतना आसान हो जाता है। एक बार जब पीड़ित को लगने लगता है कि यह एक सही है तो क्रिमिनल उनसे उनकी यूपीआई आईडी, फोन नंबर जैसे व्यक्तिगत डिटेल मांगते हैं। उन्हें ऐसे सोशल मीडिया ग्रुप्स में शामिल करते हैं, जहां साइबर क्रिमिनल्स के अन्य सहयोगी भी मौजूद होते हैं। इन ग्रुप्स में क्रिमिनल के सहयोगी लगातार ‘लाइक्स’ और ‘रेटिंग’ से हुई मोटी कमाई के फर्जी स्क्रीनशॉट शेयर करते हैं। इससे दूसरों को भी ज्यादा पैसे कमाने का लालच आए।
जैसे ही पीड़ित ‘लाइक्स’ और ‘रेटिंग’ के अपने टास्क पूरे करते हैं और पेमेंट का दावा करते हैं। अपराधी उनसे कमीशन या टैक्स के नाम पर बड़ी रकम की मांग करना शुरू कर देते हैं। वे पीड़ितों को यह विश्वास दिलाते हैं कि एक बड़ी राशि इकट्ठा हो रही है, जिसे निकालने के लिए ये फीस जरुरी है। लालच में फंसे लोग लगातार पैसे देते रहते हैं, लेकिन उन्हें कभी भी अपनी मूल कमाई या दिए गए पैसे वापस नहीं मिलते। इस प्रक्रिया में वे नहीं केवल अपनी मेहनत की कमाई गंवा देते हैं, बल्कि अपनी गोपनीय जानकारी भी साइबर अपराधियों के हाथ लग जाती है, जिसका दुरुपयोग किया जा सकता है।
राजस्थान पुलिस की सलाह
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ‘रेटिंग’ या ‘लाइक्स’ करने के लिए पैसे नहीं मिलते हैं। ऐसे किसी भी प्रलोभन से बचें। ऑनलाइन ग्रुप्स में दिखाए जा रहे कमाई के स्क्रीनशॉट पर आंख बंद करके भरोसा न करें। ये अक्सर धोखेबाजों के सहयोगी द्वारा डाले गए फर्जी प्रमाण होते हैं। यदि आप इस प्रकार की किसी घटना के शिकार होते हैं, तो तुरंत कार्रवाई करें। साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930, साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल https://cybercrime.gov.in पर या अपने निकटतम पुलिस स्टेशन/साइबर पुलिस स्टेशन में इसकी सूचना दें।