लोक जागृति संस्थान की तरफ से स्वतंत्रता सेनानी रामरतन कोचर स्मृति कार्यक्रम संपन्न


- बुनियाद ‘ज़हीन’, शकील ग़ौरी, डॉ कृष्णा आचार्य, डॉ.नमामी शंकर आचार्य, श्री भगवान सैनी एवं राजाराम स्वर्णकार को अर्पित किया गया स्व. रामरतन कोचर स्मृति सम्मान
बीकानेर ,25 मार्च। लोक जागृति संस्थान बीकानेर की तरफ से स्वतंत्रता सेनानी भाईजी रामरतन कोचर की 43वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में महारानी सुदर्शन आर्ट गैलरी नागरी भण्डार बीकानेर में साहित्यकार सम्मान समारोह तथा कवि सम्मेलन मुशाएरा आयोजित किया गया | जिसमें नगर के हिंदी, उर्दू एवं राजस्थानी भाषा के रचनाकारों ने काव्य की सरिता प्रवाहित की |
संस्थान के सचिव इसरार हसन क़ादरी ने बताया कि कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार बुलाकी शर्मा ने की । आपने अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कहा कि स्व.रामरतन कोचर बीकानेर की पावन भूमि पर जन्मे एक ऐसी शख़्सियत थे जिनसे जनता का बहुत गहरा लगाव था। देशभक्ति से ओतप्रोत उनकी जीवन गाथा हम सबको हमेशा प्रेरित करती रहेगी। आपने कहा कि लोक जागृति संस्थान स्व. कोचर जैसी महान शख़्सियत को याद करके बहुत महत्वपूर्ण कार्य कर रही है।



मुख्य अतिथि के रूप में अपनी बात कहते हुए श्री डूंगरगढ़ के वरिष्ठ साहित्यकार श्याम महर्षि ने कहा कि स्व. रामरतन कोचर ने अपने समय की विद्रुपताओं के खिलाफ लड़ाई लड़ी । हमारे देश के स्वतंत्रता संग्राम की बुनियाद जिन स्वतंत्रता सेनानियों ने रखी थी, उन स्वतंत्रता सेनानियों को याद करना हम सब का नैतिक दायित्व है और लोक जागृति संस्थान अपना दायित्व बख़ूबी निभा रही है | विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ कवि कथाकार राजेंद्र जोशी ने कहा कि लोक जागृति संस्थान भाषाई समन्वय को मजबूत कर रही है, साथ ही स्व. कोचर की याद में नगर के साहित्यकारों के सम्मान जैसा महत्वपूर्ण कार्य करते हुए हर साल बेहतरीन कार्यक्रम आयोजित करवा रही है। इसलिए संस्थान के समस्त पदाधिकारी एवं कार्यक्रम से जुड़े हुए आयोजन समिति के तमाम सदस्य धन्यवाद के पात्र हैं।


कार्यक्रम में नगर के हिंदी उर्दू एवं राजस्थानी भाषा के रचनाकारों ने स्व. रामरतन कोचर की स्मृति में अपनी रचनाओं और शे’रो शायरी के माध्यम से अपनी ख़िराजे-अ़कीदत पेश की | प्रारंभ में स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए स्वागताध्यक्ष शिक्षाविद् संस्कृति घर में डॉ.मोहम्मद फ़ारूक़ चौहान ने कहा कि हमें शहीदों के बताए हुए रास्ते पर चलकर उनका अनुसरण करना चाहिए | लोक जागृति संस्थान स्वर्गीय रामरतन कोचर की स्मृति में प्रतिवर्ष कार्यक्रम आयोजित करवा कर एक बहुत ही पुनीत कार्य कर रही है |
संस्थान के अध्यक्ष ग़ुलाम मुस्तफ़ा बाबू भाई ने कहा कि आज़ादी की अलख जगाने में साहित्यकारों की प्रमुख भूमिका रही है | संस्थान साहित्यकारों का सम्मान करके स्वयं को गौरवान्वित महसूस करती है। इस अवसर पर आपने कहा कि भाई जी रामरतन कोचर के विचारों एवं उनके आदर्शों से आने वाली युवा पीढ़ी को परिचित करवाना लोक जागृति संस्थान का उद्देश्य है और इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए प्रतिवर्ष भाई जी रामरतन कोचर स्मृति कार्यक्रम आयोजित किया जाता है | संस्थान सचिव इसरार हसन कादरी ने स्व. रामरतन कोचर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर अपनी बात रखते हुए कहा की वे एक महान आत्मा थे | उनके बताए हुए रास्ते पर चलना ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
कार्यक्रम समन्वयक वरिष्ठ कवि कथाकार क़ासिम बीकानेरी ने बताया कि इस बार भाई जी रामरतन कोचर स्मृति साहित्य सम्मान शाइर बुनियाद ‘ज़हीन’, शाइर शकील ग़ौरी, कवयित्री डॉ कृष्णा आचार्य, डॉ. नमामीशंकर आचार्य,श्रीभगवान सैनी एवं राजाराम स्वर्णकार को अर्पित किया गया | सम्मान स्वरूप कार्यक्रम के अतिथियों एवं संस्थान के पदाधिकारियों ने सभी सम्मानित शख़्सियतों का माल्यार्पण, शॉल, श्रीफल एवं सम्मान प्रतीक भेंट करके सम्मान किया। सभी सम्मानित शख़्सियतों का परिचय युवा कवयित्री कपिला पालीवाल ने प्रस्तुत किया। कवि सम्मेलन एवं मुशाएरा में कलाम पेश करके बीकानेर के कवियों एवं शाइरों ने अपनी रचनाओं से सामइन को लुत्फ़अंदोज़ किया | कवि सम्मेलन में बुनियाद ज़हीन, असद अली असद, ज़ाकिर अदीब, जितेंद्र भाटी एवं इन्द्रा व्यास ने काव्य पाठ करके श्रोताओं से भरपूर वाहवाही पाई |
संस्थान की तरफ से समस्त अतिथियों, कार्यक्रम समन्वयक एवं संचालिका को शॉल तथा माल्यार्पण से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में विजय कुमार कोचर, वरिष्ठ कवि कथाकार कमल रंगा, राजेंद्र कुमार कोचर, अंकित कोचर, कवि गिरिराज पारीक, डॉ अजय जोशी अशफ़ाक़ क़ादरी, डॉक्टर नृसिंह बिनानी, गंगा विशन बिश्नोई ब्रह्मा, योगेंद्र पुरोहित, गिरिराज पारीक, अब्दुल शकूर सिसोदिया, रिफ़त फ़ातिमा, प्रेम नारायण व्यास,शिव प्रकाश, केदारनाथ सुथार,विमलचंद कोचर एवं जगदीश बालेचा सहित स्व. रामरतन कोचर के अनेक परिजन श्रोता के रूप में मौजूद थे |
कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संचालन युवा कवयित्री कपिला पालीवाल ने किया जबकि आभार कार्यक्रम समन्वयक शाइर क़ासिम बीकानेरी ने ज्ञापित किया।