चातुर्मासिक चतुर्दशी से जैन धर्म के व्रत नियम, जप,तप व साधना के अनुष्ठान शुरू

वर्षावास में धर्म, ध्यान, साधना, आराधना व देव गुरु की भक्ति करें-आचार्यश्री

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl

बीकानेर, 19 जुलाई। आचार्यश्री जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी आदि ठाणा 18, साध्वीश्री विचक्षणश्रीजी की शिष्या साध्वी विजय प्रभा, साध्वीश्री चन्द्रप्रभाकी शिष्या साध्वीश्री प्रभंजनाश्रीजी आदिठाणा 4 सान्निध्य शनिवार को चातुर्मासिक चतुर्दशी से सर्वमंगलमय वर्षावास (चौमासी पर्व ) विभिन्न तपस्याएं, प्रतिक्रमण,सामयिक,प्रभु पूजा, नवकारसी, देववंदन व परमात्म की आराधना के अनुष्ठान शुरू हुए।

mmtc
pop ronak

आचार्यश्री जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी ने ढढ्ढा चौक के यशराग निकेतन में प्रवचन में कहा कि वर्षावास में पांच ’’प’ का उपयोग करते हुए धर्म, ध्यान, साधना, आराधना व देव गुरु की भक्ति करें। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन देव पूजन वंदन, प्रतिक्रमण, प्रत्याख्यान व परोपकार के कार्य करें तथा नियमित प्रवचन श्रवण करें।

khaosa image changed
CHHAJER GRAPHIS

अभक्ष्य, कंदमूल, रात्रि भोजन व लिलोतरी का त्याग करें। छोटे-छोटे व्रत के माध्यम से अपनी कमियों व दोषों को दूर करें । पापों से बचे तथा पुण्यों का अर्जन करें। बीकानेर के मुनिश्री सम्यक रत्न म.सा. ने एक जैन श्रावक व सरदारजी की कहानी के माध्यम से बताया कि जैन धर्म के सभी सिद्धान्त, नियम, परमात्मा व गुरुवाणी कल्याणकारी व मोक्ष प्रदायनी है। वर्षावास में आराधना को ऑन लाईन तथा वीरादना को ऑफ लाईन करें।

श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के मंत्री रतन लाल नाहटा ने बताया कि श्रावकों का प्रतिक्रमण ढढ्ढा चौक के कोठारी भवन में व श्राविकाओं का रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में शाम को छह बजे सामूहिक प्रतिक्रमण होगा। रविवार प्रवचन पांडाल में गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाया जाएगा।

श्री जिनेश्वर युवक परिषद के अध्यक्ष संदीप मुसरफ ने बताया कि चातुर्मासिक चतुर्दशी व गुरु पूर्णिमा पर आचार्यश्री के दर्शन वंदन करने के लिए छतीसगढ़ व मध्यप्रदेश आदि स्थानों से अनेक श्रावक-श्राविकाएं बीकानेर पहुंचे है। उनके आवास व भोजन की व्यवस्था परिषद की ओर से महावीर भवन आदि स्थानों पर की गई है। शनिवार को सुश्रावक बाबूलाल, गेवरचंद, संतोकचंद, नरेन्द्र मनु मुसरफ व सुश्रावक नव रतन, पवन पारख परिवार की ओर से श्रावक-श्राविकाओं का प्रभावना से अभिनंदन किया गया।

चातुर्मास में अधिकाधिक जप,तप व साधना करें-मुनिश्री पुष्पेन्द्र विजय
बीकानेर, 20 जुलाई। आचार्यश्री विजय नित्यानंद सूरीश्वरजी के आज्ञानुवर्ती मुनिश्री पुष्पेन्द्र विजय एवं मुनिश्री श्रुतानंद विजय के सान्निध्य में जैन श्वेताम्बर तपागच्छ के चातुर्मासिक अनुष्ठान शनिवार को रांगड़ी चौक की पौषधशाला में शुरू हुए। मुनिवृंद के सान्निय में नियमित तपस्याएं, प्रतिदिन लक्की ड्रा के आयोजन होंगे। विजेताओं को श्री आत्मानंद जैन सभा की ओर से पुरस्कृत किया जाएगा।

मुनि श्री पुष्पेन्द्र विजय ने कहा कि वर्षाकाल के चातुर्मास में अधिकाधिक धर्म आराधना, तपस्याएं और जिनालयों में दर्शन वंदन करें । मुनिश्री श्रुतानंद विजय ने कहानी के माध्यम से बताया कि चातुर्मास के नियमों का पालना करते हुए देव, गुरु व धर्म के बताए मार्ग पर चलें। श्री आत्मानंद जैन सभा के सुरेन्द्र बद्धाणी, शांति लाल कोचर, अजय बैद, दिलीप कोचर व राजेन्द्र कोचर ने लक्की ड्रा के विजेताओं को पुरस्कृत किया।

पार्श्वचन्द्र गच्छ
जैन श्वेताम्बर पार्श्वचन्द्र गच्छ की साध्वीश्री पदम प्रभा व सुव्रताश्रीजी के सान्निध्य में गुरुपूर्णिमा से आसानियों के चौक के रामपुरिया उपाश्रय में चातुर्मासिक जप,तप,पूजा, साधना व आराधना के अनुष्ठान शुरू होंगे।

bhikharam chandmal

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *