गच्छाधिपति जैनाचार्य विजय नित्यानंद सूरीश्वरजी को पद्मश्री अवार्ड घोषित
- होने पर गुरु वंदन, अभिनंदन व अनुमोदना
बीकानेर, 28 जनवरी। जैन श्वेताम्बर तपागच्छ के जैनाचार्य गुरु आत्म वल्लभ पट्ट परम्परा के 77 वें पट्धर एवं पंजाब केसरी सम्मान से अलंकृत जैनाचार्य विजय वल्लभ सूरि समुदाय के वर्तमान गच्छाधिपति जैनाचार्य विजय नित्यानंद सूरीश्वरजी को भारत सरकार की ओर से गणतंत्र दिवस 2025 पर पदमश्री सम्मान देने की घोषणा पर मंगलवार को गुरुवंदन, अभिनंदन एवं अनुमोदना कार्यक्रम आयोजित किया गया।
गंगा शहर की मिनी मांडोली में शांति गुरुदेव, देवी सरस्वती व पद्मावती की प्रतिमा की साक्षी श्री पद्म प्रभु जी ट्रस्ट एवं तपागच्छीय पौषधशाला के संयुक्त आयोजित कार्यक्रम में अनेक श्रावक-श्राविकाओं ने जैनाचार्य के कट आउट चित्र का नमन करते हुए खुशी जाहिर की। पद्म प्रभु ट्रस्ट के अध्यक्ष लीलम सिपानी ने कहा कि जैनाचार्य विजय नित्यानंद सूरीश्वरजी को भारत सरकार की ओर से पदमश्री अवार्ड की घोषणा से जैन धर्म व भगवान महावीर के सिद्धान्तों की प्रतिष्ठा हुई है। जैनाचार्यजी को अवार्ड पर समग्र हिन्दुस्तान ही नहीं देश विदेश में प्रवास कर रहे जैन धर्मावलम्बियों ने खुशी जाहिर की है।
ट्रस्ट के मंत्री अजय कुमार सेठिया ने गुरु के आदर्शों का स्मरण दिलाते हुए कहा कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में गच्छाधिपति जैनाचार्य विजय नित्यानंद सूरीश्वरजी महाराज ने धर्म, आध्यात्म, शिक्षा व चिकित्सा तथा सामाजिक जन चेतना जागृत करने के लिए अनुकरणीय कार्य करवाए है। दिल्ली में 3 अगस्त 1958 को जन्में नित्यानंद सूरीश्वरजी ने 9 वर्ष की आयु में हस्तिनापुर में दीक्षा ग्रहण की, वर्ष 1993 में जैनाचार्य व उसके बाद गच्छाधिपति बनें। पिछले 57 वर्षों से पैदल विचरण करते हुए जम्मू से कन्या कुमारी, चिदम्बर एवं कच्छ से कोलकाता, कटक तक की लगभग 2 लाख किलोमीटर की पैदल यात्रा की एवं देशभर में जैन धर्म के मौलिक सिद्धान्तों को स्थापित किया। सन् 2020 में राजस्थान के पाली जिले में जैतपुर स्थित स्टेच्यू ऑफ पीस का उद्घाटन किया ।
इसका निर्माण इन्ही जैनाचार्यश्रीजी की प्रेरणा से निर्मित हुआ।
संघ के संयुक्त मंत्री अजय बैद ने कहा कि बिहार में निस्वार्थ सामाजिक उत्थान एवं आध्यात्म विकास के लिए भारत सरकार ने अवार्ड की घोषणा कर भगवान महावीर के सिद्धान्तों व धर्म का सम्मान किया है। जितेन्द्र बैद, राजेन्द्र बांठिया, गौतम सिपानी, मनीष सिपानी, अशोक कोचर ने जैनाचार्य गच्छाधिपति विजय नित्यानंद सूरीश्वरजी के आदर्शों जैन मंदिरों, दादाबाड़ियों के जीर्णोंद्धार व निर्माण, स्कूल व कॉलेज, अस्पताल खुलवाने, जैसे अनेक जनहित तथा देव, गुरु व धर्म की प्रतिष्ठा के कार्यों का स्मरण करते हुए पद्मश्री अवार्ड पर उनका वंदन, अभिनंदन किया तथा भारत सरकार का धन्यवाद ज्ञापित किया।
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मिनी मांडोली की प्रतिष्ठा दिवस पर अभिषेक, पूजा विजय शांति सूरीश्वरजी 31 जनवरी को
बीकानेर, 28 जनवरी। गंगाशहर स्थित महान योगीराज वसुदेवी नंदन आचार्य श्रीमद् के मंदिर (मिनी मांडोली) में प्रथम प्रतिष्ठा व ध्वजारोहण दिवस पर 31 जनवरी शुक्रवार माघ सुदि दूज को सुबह सात बजे अभिषेक,, नौ बजे से अष्ट प्रकार की पूजा, प्रतिमा का विशेष श्रृंगार व उसके बाद दोपहर स्वामी वात्सल्य का आयोजन होगा।
मंदिर का निर्माण करवाने वाले धर्मनिष्ठ श्रावक हनुमानदास-पन्नालाल सिपानी परिवार के लीलम सिपानी ने बताया कि पिछले वर्ष मिनी मांडोली की प्रतिष्ठा जैनाचार्य गच्छाधिपति विजय नित्यानंद सूरिश्वरजी के सान्निध्य में 11 फरवरी 2024 को करवाई थी। सफेद संगमरमर के इस मंदिर में देवी पद्मावती व देवी सरस्वती प्रतिमा, गुरुजी के पगलिए स्थापित है।