वेपरी ज्ञानशाला के 20 वर्ष पूरे होने पर ‘जागृति’ कार्यक्रम का भव्य आयोजन

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चेन्नई, 28 जून । तेरापंथ सभा के तत्वावधान में संचालित वेपरी ज्ञानशाला की दो दशकों की गौरवशाली यात्रा के पूर्ण होने के उपलक्ष्य में म्यूजिक एकेडमी सभागार में एक विशेष कार्यक्रम “जागृति” का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के शुभारंभ से पूर्व, चेन्नई में विहार कर रहे मुनि श्री मोहजीतकुमार जी (ठाणा 3) और साध्वी श्री उदितयशा जी (ठाणा 4) से मंगल पाठ और आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य मिला। कार्यक्रम की शुरुआत परमपूज्य गुरुदेव के मंगल पाठ से हुई, जिसके बाद श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन किया गया और ज्ञानार्थियों ने मंगलाचरण में तुलसी अष्टकम का मधुर संगान किया।

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इस गरिमामय अवसर पर श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभाध्यक्ष अशोक खतंग, उत्तर तमिलनाडु ज्ञानशाला आंचलिक संयोजिका श्रीमती अनीता चोपड़ा, आंचलिक सहसंयोजिका श्रीमती कविता रायसोनी, ज्ञानशाला प्रभारी राजेश सांड, परामर्शक कमलेश बाफना, और एबीसी कॉलेज से श्रीमती बबीता चोपड़ा सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। इन सभी अतिथियों का स्वागत वेपरी ज्ञानशाला की मुख्य प्रशिक्षिका श्रीमती मंजु मुथा ने किया। सभी अतिथियों ने वेपरी ज्ञानशाला के दो दशक पूरे होने पर अपनी शुभकामनाएं व्यक्त कीं।

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कार्यक्रम में लगभग 40 ज्ञानार्थियों ने नमस्कार महामंत्र पर नवकार पोयम की मनमोहक प्रस्तुति दी। प्रशिक्षिकाओं ने सामूहिक रूप से मधुर गीतिका का संगान किया। ज्ञानार्थियों द्वारा प्रस्तुत लघु नाटिका “क्या फर्क पड़ता है” ने दर्शकों का ध्यान खींचा। इस नाटिका के माध्यम से शुद्ध शाकाहारी रेस्टोरेंट में भोजन करना, वनस्पतिकाय की हिंसा से बचना, मोबाइल का सीमित उपयोग करना और भोजन की बर्बादी न करना जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं को कुशलता से दर्शाया गया।

“ज्ञानशाला भेजना क्यों जरूरी” विषय पर वर्तमान ज्ञानार्थियों के अभिभावकों ने एक नाटक के माध्यम से अपनी सुंदर अभिव्यक्ति प्रस्तुत की। कार्यक्रम में पूर्व ज्ञानार्थियों को भी विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। पूर्व ज्ञानार्थी सुश्री जाह्नवी सांड और सुश्री श्रद्धा तातेड़ ने अपने अनुभव और भावनाएं साझा कीं।

वेपरी ज्ञानशाला के 20 साल की यात्रा और “अर्हम-अर्हम की वंदना” पर ज्ञानार्थियों और प्रशिक्षिकाओं की संयुक्त प्रस्तुति को बड़े पर्दे पर वीडियो के माध्यम से दर्शाया गया, जिसने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। वर्तमान और पूर्व ज्ञानार्थियों, और प्रशिक्षिकाओं के चित्रों से एक कल्पवृक्ष भी बनाया गया, जो इस गौरवशाली यात्रा का प्रतीक था। वर्ष 2023 और 2024 की SSB परीक्षा के वरीयता प्राप्त ज्ञानार्थियों को इस अवसर पर पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथिगण, अभिभावकगण, पूर्व व वर्तमान ज्ञानार्थियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन वेपरी ज्ञानशाला की प्रशिक्षिकाओं द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में लगभग 35 पूर्व ज्ञानार्थी, 57 वर्तमान ज्ञानार्थी, 13 प्रशिक्षक और 120 अभिभावकगण उपस्थित थे। संघगान के साथ इस यादगार कार्यक्रम का समापन हुआ।

 

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