दीक्षार्थिनी की भव्य शोभायात्रा एवं मंगल भावना समारोह का आयोजन

shreecreates

गुरु शिक्षा में रम जाना, गुरु भेजे वहां जम जाना- मुनि कमल कुमार

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl
DIGITAL MARKETING

गंगाशहर , 26 अप्रैल। तेरापंथ धर्म संघ के आचार्य महाश्रमण जी के कर कमलों से अहमदाबाद में 3 सितंबर 2025 को होने वाले दीक्षा समारोह में गंगा शहर की मुमुक्षु बहन कीर्ति बुच्चा की दीक्षा होने जा रही है। इस उपलक्ष्य में आज 26 अप्रैल 2025,शनिवार को भव्य शोभायात्रा एवं मंगल भावना समारोह का आयोजन किया गया। मंगलभावना समारोह बोथरा भवन में उग्र विहारी तपोमूर्ति मुनिश्री कमल कुमार जी के सानिध्य में रखा गया। इस इस अवसर पर बोलते हुए मुनिश्री कमल कुमार जी ने कहा की दीक्षार्थी बहन को अध्ययन और साधना के द्वारा गुरुओं के हृदय में स्थान बनाना है । अतीत में भी त्याग का स्वागत होता था, वर्तमान में भी होता है और भविष्य में भी होगा ।
भौतिक संसार को त्यागना सबसे बड़ा त्याग है। जन्म और जीवन तभी अच्छा होगा जब हम त्याग, तपस्या और वैराग्य के मार्ग पर आगे बढ़ेंगे। बहन कीर्ति बहुत उत्साह के साथ वैराग्य पथ पर आगे बढ़ रही है। बहन को प्रेरणा देते हुए कहा कि संयम में रम जाना। जहां गुरु भेजें वहां जाना और जम जाना । अच्छे विचार रखना । परिवार और धर्म संघ की गरिमा को बढ़ाना है। विनम्रता सबसे बड़ा गुण है। जो नमता है वही आगे बढ़ता है। विनयशील व्यक्ति का सब जगह मान सम्मान और गुणगान होता है। गुरु दृष्टि की आराधना करना ही मुख्य लक्ष्य रखना है। मुनिश्री ने स्व रचित दोहों से शिक्षा प्रदान की।

pop ronak

इस अवसर पर मुनि श्रेयांस कुमार जी ने कहा कि बहन कीर्ति को उत्तरोत्तर साधना करती हुई धर्म संघ की प्रभावना को बढ़ाना है। गंगाशहर का गौरव बढ़ाना है । इस अवसर पर दीक्षार्थानी के पिता लालचंद जी बुच्चा ने भी अपने विचार रखते हुए कहा की कीर्ति का संकल्प भी इस्पात जैसा मजबूत रहा। हमने गृहस्थ जीवन में रखने की भरसक कोशिश की मगर इसके फौलादी संकल्प के सामने हमें ही जुकना पड़ा।

मुमुक्षु बहिन कीर्ति ने अपने विचार रखते हुए बताया कि वह दीक्षा क्यों ले रही है।इस भौतिक संसार को छोड़ने से ही आत्मा के संसार का भ्रमण कर सकते है। दीक्षा लेने से ही इस संसार रुपी नौका से पार पाया जा सकता है। मोक्ष के मार्ग में आगे बढा जा सकता हैं। हमें दुर्लभ मानव जीवन प्राप्त हुआ है। हम किस चीज का चयन करते है उस पर हमारा भविष्य निर्भर करता है। कीर्ति ने कहा कि वह पढ़ाई के लिए लन्दन जाना चाहती थी परन्तु पहुंच गयी लाडनू जहां वह परमार्थिक शिक्षण संस्था में दाखिला ले लिया यह मेरे पुण्य कर्मो का सुफल था। कीर्ति ने कहा अब तक गंगाशहर से 101 जनों की दीक्षा हो चुकी है मेरा 102 वां नम्बर है परन्तु मेरी कामना है यह आंकड़ा 1020 तक शीघ्र पहुंचे। कार्यक्रम में बुच्चा परिवार की बहनो ने गीतिका का संगान किया। शकुन्तला देवी व राजारानी महनोत ने गीतिका का संगान किया। परिवार से संदीप मरोटी ने भी विचार व्यक्त किये।

दीक्षार्थानी के पिता लालचन्द बुच्चा को अभिनन्दन पत्र भेंट

तेरापंथ महिला मंडल की बहिनों ने गीतिका के माध्यम से वैरागन बहिन का बहुमान किया। तेयुप से ललित राखेचा, अणुव्रत समिति से मनोज छाजेड़, तेरापंथी सभा से हनुमान मल सेठिया ने दीक्षार्थी बहिन के प्रति शुभकामनाएं एवं मंगलभावना व्यक्त की। सभा के उपाध्यक्ष पवन छाजेड़ ने अभिनन्दन पत्र का वाचन किया। महिला मंडल, तेरापंथी सभा व तेरापंथ युवक परिषद गंगाशहर ने पताका, साहित्य से सम्मान किया। दीक्षार्थानी के पिता लालचन्द बुच्चा को अभिनन्दन पत्र जैन लूणकरण छाजेड़ , पवन छाजेड़ , जतन लाल संचेती, शान्तिलाल पुगलिया , ललित राखेचा ने भेंट किया।

छाजेड़ निवास के आगे भव्य स्वागत करते भावना छाजेड़

इससे पूर्व भव्य शोभायात्रा दीक्षार्थीनी बहिन के घर से प्रारम्भ होकर गंगाशहर के विभिन्न मार्गो से होती हुई शान्ति निकेतन सेवा केन्द्र पहुंची। वहां सभी साध्वी श्री जी ने आगामी साध्वी जीवन के प्रति मंगलकामना की। साध्वी श्री विशद प्रज्ञा जी ने मंगलपाठ सुनाया। दक्षार्थानी का जगह जगह भव्य स्वागत किया गया व बादाम मिश्री भेंट की गयी व माल्यार्पण किया गया ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *