जीने की राह आसान बनाते हैं गुरु और गीता – स्वामी विमर्शानन्दगिरि
बीकानेर, 27 जून (विवेक मित्तल)। जयनारायण व्यास नगर में स्थित श्रीसर्वसिद्धेश्वर महादेव मन्दिर के सत्संग हाल में मासिक सत्संग शृंखला में शिवबाड़ी के अधिष्ठाता स्वामी विमर्शानन्दगिरिजी महाराज का प्रवचन हुआ।
सत्संग में उपस्थित साधकों से स्वामी विमर्शानन्दगिरिजी महाराज ने कहा कि ईश्वर ने हम सभी पर असीम अनुकम्पा की है जिसके कारण भारत की पावन धरती पर हमको जन्म लेने का अवसर प्रदान किया। यह भूमि ऋषि-मुनियों की तपोस्थली है, देवभूमि है। यहां गुरु-शिष्य परम्परा अनादिकाल से सतत् प्रवाहित हो रही है।
हमारे जीवन में गीता, गुरु और गाय महत्वपूर्ण स्थान है। जहां एक ओर गीता में जीवन-जीने की कला के बारे में सूक्ष्मता से बताया गया है तो वहीं दूसरी ओर गुरु हमें मार्गदर्शन देते हैं, मन, मस्तिष्क पर पड़े अज्ञानता के आवरण को हटा कर जीवन-मार्ग में ज्ञान की रोशनी भर देते हैं ताकि हम सद्मार्ग पर चलते हुए सद्कर्म करते रहें। मन्दिर प्रन्यास के सचिव नलिन सारवाल में बताया कि इस अवसर पर हरनारायण खत्री, सुरेश मित्तल, नारायण सिंह खींची, दर्शनलाल, श्रीमती दया सारवाल, चोरुलाल, सतपाल, दिनेश मित्तल, नरेश गुरेजा, पवन मित्तल, इंजी. एम.के. गुप्ता सहित अनेक साधक उपस्थित रहे।