सत्य.तथ्य और कथ्य लोगों के सामने आना चाहिए – आचार्य मनोज दीक्षित

  • अखिल भारतीय साहित्य परिषद् बीकानेर महानगर इकाई द्वारा गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया

बीकानेर 28 जुलाई। अखिल भारतीय साहित्य परिषद् बीकानेर महानगर इकाई द्वारा भव्य समारोह आयोजित कर होटल राजमहल के सभागार में गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया गया।

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समारोह में मुख्य अतिथि महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित ने गुरु पूर्णिमा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरु का दर्जा भारतीय संस्कृति में सदा पूजनीय रहा है। सत्य, तथ्य और कथ्य लोगों के सामने आना चाहिए। बीकानेर में शिक्षा के विकास हेतु बीकानेर महाराजा गंगासिंह और मदनमोहन मालवीय के सद्प्रयासों की सराहना की।

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कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए साहित्य परिषद् के क्षेत्रीय अध्यक्ष डॉ. अन्नाराम शर्मा ने साहित्य परिषद् की भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथि समाजसेवी डॉ. नरेश गोयल ने कहा साहित्य समाज की पूंजी है जो अपनी जड़ों से जुड़ना सिखाती है ।

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इससे पहले अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित किए। प्रस्तावना इकाई के संरक्षक विनोद ओझा ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम में इकाई के महामंत्री जितेंद्रसिंह राठौड़ द्वारा परिषद् गीत गाया गया। इस समारोह में शहर के अनेक गण्य मान्य साहित्यकार एवं प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।

समारोह में साहित्य परिषद द्वारा सात भारतीय भाषाओं में उत्कृष्ट सृजन करने वाले नौ रचनाधर्मियों का सम्मान किया गया। संस्था के सचिव जितेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि हिंदी भाषा के लिए रवि पुरोहित और प्रो. डॉ. अजय जोशी, राजस्थानी भाषा के लिए कमल रंगा तथा शंकरसिंह राजपुरोहित, संस्कृत भाषा में इला पारीक , उर्दू भाषा के लिए डॉ. जियाउल हसन कादरी, सिंधी भाषा के लिए मोहनलाल थानवी, ब्रज भाषा के लिए प्रमिला गंगल तथा मगधी भाषा में उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉ.चंचला पाठक को सम्मानित किया गया।

अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन प्रचार प्रमुख राजाराम स्वर्णकार ने किया। कार्यक्रम का संचालन इकाई अध्यक्ष इंजी.आशा शर्मा ने किया।

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