24 को गुरु पुष्य नक्षत्र, पुष्य है 27 नक्षत्रों का राजा, इस बार पुष्य नक्षत्र पर कर्क राशि में मंगल और चंद्र भी साथ आ रहे

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जयपुर , 22 अक्टूबर। इस बार दीपावली से पहले 24 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है। यह हर तरह की खरीदारी के लिए सर्वोत्तम दिन माना जाता है। कार्तिक के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर गुरुवार को पड़ने की वजह से इसे गुरु पुष्य नक्षत्र भी कहते हैं।

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उज्जैन के ज्योतिषि पंडित अजयकृष्ण शंकर व्यास बताते हैं कि पुष्य नक्षत्र पर कर्क राशि में मंगल और चंद्र साथ आ रहे हैं। साथ ही लक्ष्मीनारायण, सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग छोटी से बड़ी हर तरह की खरीदी के लिए इस समय को शुभ और फलदायी बना रहा है। दिवाली से पहले आने से इसका और महत्व बढ़ गया है।

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27 नक्षत्रों में सबसे शुभ और पवित्र, नक्षत्रों का राजा होने से पुष्य का काफी महत्व

पुष्य नक्षत्र में किए गए कार्य पुण्यदायी और फल देने वाले होते हैं। उज्जैन पंचांग के अनुसार, 24 अक्टूबर को दोपहर 11.38 से 25 अक्टूबर को दोपहर 12.35 बजे तक पुष्य नक्षत्र का योग रहेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पुष्य नक्षत्र 27 नक्षत्रों में से 8वें स्थान में आता है। पुष्य नक्षत्र की राशि कर्क है। इसे 27 नक्षत्रों में से सबसे शुभ, पुण्य और पवित्र माना जाता है।

24 अक्टूबर: दोपहर से रात तक सर्वार्थ सिद्धि व अमृत सिद्धि योग

शुभ कार्य के लिए 24 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे से 1:30 बजे और शाम 4:30 से रात 9 बजे तक सबसे अच्छा योग बन रहा है। 24 अक्टूबर को दिनभर सर्वार्थ सिद्धि के साथ अमृतसिद्धि योग शुभता प्रदान करेगा। इस नक्षत्र का प्रतीक चिह्न गाय का थन माना जाता है।

पंडित व्यास के विचार से इस योग में किए गए कार्यों में सफलता निश्चित तौर पर मिलती है। साथ ही मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। पुष्य का अर्थ पोषण करने वाला होता है। पुष्य नक्षत्र का स्वामी शनि होता है। देव गुरु बृहस्पति को पुष्य नक्षत्र का अधिष्ठाता देवता माना गया है।

चौघड़िया अनुसार खरीदी के मुहूर्त

सुबह 10:46 से अपराह्न 3 बजे तक
शाम 5:50 से रात 9:00 बजे तक।
25 अक्टूबर: दोपहर 12:35 बजे तक पुष्य नक्षत्र का योग रहेगा

इस दिन सूर्योदय से कुछ समय के लिए सर्वार्थ सिद्धि और अमृतसिद्धि योग शुभता प्रदान करेंगे, जिनका प्रभाव पूरे दिन रहेगा।

चौघड़िया अनुसार खरीदी के मुहूर्त

सुबह 6:32 से सुबह 9:21 बजे तक
दोपहर 12:10 से दोपहर 1:35 बजे {शाम 4:24 से शाम 5:49 बजे तक।
पुष्य नक्षत्र में खरीदारी करने का प्रचलन है, इसलिए ही इसे शुभ माना जाता है

इस नक्षत्र में चल-अचल संपत्ति जैसे सोने, चांदी के आभूषण, सिक्के, महालक्ष्मी की प्रतिमा, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल्स, फर्नीचर, बाइक-कार, उद्योग के लिए जमीन, प्लाॅट की खरीदी सबसे ज्यादा शुभ मानी गई है। साथ ही पुष्य नक्षत्र में निवेश के लिए भी सबसे शुभ माना जाता है।

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