बीकानेर में सुबह छाया भयंकर कोहरा, विजिबिलिटी महज 50 मीटर रही, न्यूनतम तापमान में गिरावट

बीकानेर , 31 जनवरी। बीकानेर का मौसम एक बार फिर बदल गया है। दो दिन से सुबह के समय घना कोहरा छा रहा है। शुक्रवार को गुरुवार से भी ज्यादा घना कोहरा छाया रहा। विजिबिलिटी महज 50 मीटर तक रह गई। पैदल चलने वालों को भी संभलकर चलना पड़ रहा था। न्यूनतम तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। घना कोहरा छाया रहने से कुछ दूरी पर भी विजिबिलिटी नहीं थी। जिसके चलते वाहन चालकों को अपने वाहनों की लाइट जलाकर वाहन चलाना पड़ा। कोहरे के कारण मुख्य मार्गों पर आवाजाही कम रही। अत्यावश्यक होने पर ही लोग घरों से बाहर निकले। 11 बजे बाद सूर्य देव के दर्शन हुए। कोहरा छटने के साथ ही ठिठुरन शुरू हुई। लोग सड़कों व गली-मोहल्लों में अलाव तपते नजर आएं।

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बादलों में छिपा रहा सूर्य
पिछले दो दिन से तापमान भले ही पच्चीस डिग्री सेल्सियस के पास है लेकिन सूर्यदेव के दर्शन फिर भी नहीं हुए। शुक्रवार को भी दिनभर बादलवाही रही,जिससे सर्दी का अहसास ज्यादा रहा। मौसम विभाग ने 3 फ़रवरी को वर्षा होने की संभावना व्यक्त कर राखी है। सुबह सात बजे तक मौसम साफ था लेकिन इसके बाद कोहरा बढ़ता चला गया। आठ बजे बाद तो पूरी तरह शहर कोहरे में लिपटा नजर आया। कुछ दिन पहले बीकानेर का अधिकतम तापमान तीस डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था लेकिन अब मौसम ने फिर करवट ली है। पिछले दो दिनों में न्यूनतम तापमान में गिरावट व अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पिछले चौबीस घंटे में न्यूनतम तापमान आठ डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ है जबकि अधिकतम तापमान पच्चीस डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला गया है।

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प्रशासन व मौसम विभाग में दूरी

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पिछले दिनों जब मौसम विभाग ने स्कूल में छुट्टी की थी, तब कलेक्टर ने स्कूल में समय बदल दिया था। इससे पहले स्कूल बंद करने का फैसला किया था लेकिन अब जब फिर से सर्दी से घना कोहरा छा गया है तो प्रशासन ने समय बदलने के आदेश भी वापस ले लिए है। अब साढ़े आठ बजे की स्कूल होने पर वाहन सुबह सात बजे लेने आ जाते है। साढ़े सात बजे के स्कूल के लिए छह बजे से वाहनों की रेलमपेल शुरू हो जाती है। कोहरे के चलते बच्चों को स्कूल जाने में तकलीफ़ है, वहीं टीचर्स भी दूर दराज गांव में किसी न किसी प्राइवेट वाहन से स्कूल जा रहे हैं। कंपकंपाती सर्दी में नन्हे बालकों को तो भारी परेशानी हो रही है।

जनजीवन पर असर
कड़ाके की सर्दी को लेकर जनजीवन पर भी असर पड़ रहा है। सूर्याेदय से पूर्व उठने वाले थोड़ी देर से उठ रहे हैं। इनमें बुजुर्ग लोग अधिक प्रभावित हैं। एक बुजुर्ग ने बताया कि उन्होंने कई साल बाद ऐसी तेज सर्दी देखी है। इससे जोड़ों में दर्द की समस्या अधिक हो गई है। दिनचर्या भी सूर्योदय बाद शुरू होती है।

 

mahatma gandhi

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