रास्ते में इ वे बिल समय सीमा समाप्ति पर लगने वाली पेनल्टी के साथ जी एस टी कर को उच्च न्यायालय ने किया निरस्त

जोधपुर, 25 अप्रैल । माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर ने एक मामले में रास्ते में ई वे बिल की समय सीमा समाप्त होने के बाद लगने वाली पेनल्टी को निरस्त कर दिया है ।

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उक्त निर्णय याचिकाकर्ता फारुक राठौर बनाम उपायुक्त केंद्रीय जी एस टी बीकानेर के मामले में पारित किया है ! याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शफी मोहम्मद चौहान ने बताया कि करदाता द्वारा जयपुर से माल ख़रीदा तथा उसे ट्रक द्वारा बीकानेर लाया जा रहा था रास्ते में ट्रक पंचर होने तथा अन्य किसी कारण से उसे बीकानेर पहुँचने में देरी हो गयी। इसी बीच उसका ई वे बिल जो की माल के साथ होना आवश्यक होता है, की समय सीमा समाप्त हो गयी।

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जी एस टी विभाग के अधिकारीयों द्वारा जब ट्रक की जांच की गयी तो जांच से केवल 44 मिनट पहले ही उसका ई वे बिल की समय सीमा समाप्त हो गयी थी। विभाग द्वारा ट्रक व् मॉल को जप्त कर लिया गया तथा उस पर टैक्स के बराबर पेनल्टी तथा दुबारा उतना ही टैक्स लगा दिया , जितना बिल में लगा हुआ था और आदेश पारित पर दिया।

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करदाता द्वारा इसकी अपील की गयी जो की करदाता के पक्ष में नहीं रही और विभाग का आदेश यथावत रखा गया। करदाता द्वारा माननीय राजस्थान उच्च न्यायलय की मुख्य पीठ जोधपुर के समक्ष इसकी याचिका प्रस्तुत की गयी। करदाता की इस याचिका पर सुनवाई हेतु मामला माननीय न्याधिपति डा. पुष्पेन्द्र सिंह भाटी तथा माननीय न्याधिपति श्री मुंनुरी लक्ष्मण की खंडपीठ के समक्ष आया।

अधिवक्ता शफी मोहम्मद चौहान ने बताया कि माननीय उच्च न्यायलय की खंडपीठ द्वारा मामले की पूर्ण सुनवाई करते हुए यह निर्णय दिया कि जिन परिस्थितियों के कारण देरी हुई है वे करदाता तथा ड्राईवर दोनों के नियंत्रण के बाहर थी तथा पुरे मामले में कहीं भी कर चोरी साबित नहीं होती है। अतः इतनी ज्यादा पेनल्टी लगाना अनुचित है जबकि इस तरह के मामलों में 10000 रूपये की पेनल्टी लगाने का प्रावधान धारा 122 जी एस टी अधिनियम में स्पष्ट है। इस प्रकार करदाता पर लगाई गयी कर के बराबर लगायी पेनल्टी में से केवल 10000 रूपये की पेनल्टी को बरक़रार रखा एवं शेष पेनल्टी तथा विभाग द्वारा पुन लगाये गए सम्पूर्ण कर को अपास्त कर दिया !

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