श्रीमती यामिनी जोशी के हिंदी काव्यसंग्रह भावों की सरगम का हुआ लोकार्पण


बीकानेर, 4 नवम्बर ।
पवनपुरी स्थित आशीर्वाद भवन में “भावों की सरगम” काव्य संग्रह के लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार भवानीशंकर व्यास विनोद ने कहा कि रागात्मकता, रचनात्मकता व तार्किकता की त्रिवेणी है यह काव्य संग्रह भावों की सरगम।
इनकी कविताएं कथ्य, विषय, क्षेत्र, उपमाओं, उद्धरणों, बिम्ब,विधानों, मानवीय रिश्तों, प्राकृतिक छवियों से भरी पड़ी है। अस्सी पृष्ठों में फैली साठ रचनाएं आश्वस्त करती हैं कि शब्दों को कला में बदलने की खूबी कवयित्री के पास है।

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl

मुख्य अतिथि कवि.कथाकार राजाराम स्वर्णकार ने कहा कि श्रीमती यामिनी जोशी की कविताएं मन में उमंग भरने वाली है। कवयित्री ने मौन साधना की है। आप वरिष्ठ गीतकार भरत व्यास की भतीजी एवं चरित्र अभिनेता बी एम व्यास की सुपुत्री है यानि शब्दों के संस्कारों का बीजारोपण बचपन में ही हो गया था। लंबी साधना के बाद यह नायाब काव्यसंग्रह पाठकों के हाथों में आया है। जिसका सर्वत्र स्वागत होना चाहिए।

mmtc
pop ronak

विशिष्ट अतिथि कवि.कथाकार राजेन्द्र जोशी ने कहा कि साहित्यकार समाज की घटनाओं को अपनी लेखनी के माध्यम से  काव्यमयी  रखता है तो श्रोता उसे शीघ्र आत्मसात कर लेते हैं। कवयित्री का पहला काव्यसंग्रह होते हुए भी परिपक्वता से बढाया पहला कदम है इसके लिए में कवयित्री को साधुवाद देता हूं।
       काव्य संग्रह में से कवयित्री ने रचनाएं साझा की . हमें ऐसा वरदान देना , ज्ञान की गंगा बहा देना , सुरों का ज्ञान करा देना , वाणी को मधुर बना देना , लेखनी की धार बढ़ा देना , हे माँ सरस्वती ! हमें ऐसा वरदान देना। 
बादलों का घूंघट खोल , पूर्णिमा का चांद मुस्कुरा रहा, अपनी पूर्णता का अहसास दिला रहा, शीतल रश्मियां बिखेर , शरद ऋतु के आगमन की , दस्तक सभी को दे रहा। 

khaosa image changed
CHHAJER GRAPHIS

जीवन जोत है आंखें , अनमोल रतन है आंखें,  नयनों की भाषा पढ़ती है, समंदर सी गहरी है आंखें। सुनाकर तालियां बटोरी। व्यंग्यकार डॉ. अजय जोशी ने कवयित्री के रचनाकर्म को इंगित करते हुए सभी के प्रति आभार ज्ञापित किया।

bhikharam chandmal

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *