हिंदी विश्व भारती अनुसंधान परिषद ने क्रांतिकारी कवयित्री श्रीमती प्रमिला गंगल के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित की

  • स्वर्गीया प्रमिला जी की क्रांतिकारी पृष्ठभूमि और क्रांतिकारी कविताएं ख़ूब सराही जाती थी

बीकानेर, 19 दिसंबर। नगर की ओजस्वी वरिष्ठ कवयित्री श्रीमती प्रमिला गंगल के निधन का समाचार सुनकर हिंदी विश्व भारती अनुसंधान परिषद के सभी सदस्यगण स्तब्ध रह गए। परिषद के समस्त सदस्यों ने एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन रखकर उन्हें शाब्दिक श्रद्धांजलि अर्पित की। हिंदी विश्व भारती अनुसंधान परिषद बीकानेर के मंत्री डॉ. गिरिजा शंकर शर्मा ने बताया कि श्रीमती प्रमिला गंगल परिषद के समस्त कार्यक्रमों में सक्रिय भूमिका निभाती थी। उन्होंने अपने ओजस्वी कविता पाठ से नगर में अपना एक विशेष स्थान बनाया हुआ था। उनके क्रांतिकारी पृष्ठभूमि और क्रांतिकारी कविताओं के प्रस्तुतीकरण को श्रोताओं द्वारा ख़ूब सराहा जाता था। समस्त श्रोता उनकी कविताएं सुनकर मंत्रमुग्ध हो जाया करते थे और वाह वाह करते नहीं थकते थे। वे कवि सम्मेलनों में कभी कवयित्री के रूप में तो कभी अध्यक्षा के रूप में प्रतिष्ठापित होती थी।

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श्रद्धांजलि सभा में डॉ. घनश्याम आत्रेय, डॉ.मोहम्मद फ़ारुक़ चौहान, डॉ.मनमोहन सिंह यादव, डॉ.मेघराज शर्मा, अमर सिंह खंगारोत, नंदकिशोर सोलंकी, संजय पुरोहित, आत्माराम भाटी, क़ासिम बीकानेरी, विकास पारीक और मयंक पारीक सहित अन्य उपस्थित महानुभावों ने उन्हें शाब्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा प्रेरणादायी सृजन किया और उनके सृजन से आने वाली पीढ़ी को हमेशा नई प्रेरणा मिलती रहेगी।

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