20 वर्षों के अन्तराल के बाद चेन्नई में होगा इतिहास का पुनरावर्तन
चेन्नई , 5 फ़रवरी। तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशम अनुशास्ता युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी ने भूज गुजरात की धरा पर 161वें मर्यादा महोत्सव समारोह में आगामी 2025 के विभिन्न स्थानों पर साधु-साध्वीयों के चातुर्मासिक प्रवास स्थल की घोषणा की।
इसी क्रम में चेन्नई में तीन स्थलों पर चातुर्मास की घोषणा की। जिसमें साहूकारपेट में साध्वी श्री उदितयशाजी ठाणा 4 का, किलपाॅक में मुनिश्री मोहजीतकुमारजी ठाणा 3 का और पल्लावरम् में मुनिश्री दीपकुमारजी ठाणा 2 के चातुर्मासिक प्रवास की घोषणा की। इसके अतिरिक्त तमिलनाडू के मदुरै में मुनिश्री हिमांशुकुमारजी ठाणा 2 का एवं मुनिश्री रश्मिकुमारजी ठाणा 2 का गुडियात्तम में चातुर्मास फरमाया हैं। तेरापंथ सभा अध्यक्ष अशोक खतंग ने कहा कि गुरुदेव की चेन्नई और तमिलनाडू पर विशेष कृपा दृष्टि से पूरा श्रावक समाज हर्षित, प्रफुल्लित हैं।
चेन्नई के इतिहास में दूसरी बार होंगे तीन चातुर्मास
माधावरम तेरापंथ ट्रस्ट बोर्ड प्रबंधन्यासी घीसूलाल बोहरा ने बताया कि इससे पूर्व प्रथम बार सन् 2005 में चेन्नई महानगरपालिका सीमा में तीन चातुर्मास हुए थे। पूरे बीस साल के अन्तराल के बाद दूसरी बार 3 स्थानों पर चातुर्मास होंगे।
तेरापंथ सभा किलपाॅक के अध्यक्ष अशोक परमार ने नवगठित सभा गठन के दूसरे वर्ष ही आचार्य प्रवर द्वारा हम क्षेत्र वासीयों को विद्वान मुनिवर का चातुर्मास हमारे क्षेत्र में आध्यात्मिक जागरण का शंखनाद करेगा। पल्लावरम् ट्रस्ट सभा अध्यक्ष दिलीप भंसाली ने कहा कि हमारी आठ वर्षों की मांग पर गुरुदेव ने मोहर लगवाकर हमें लाभान्वित किया।