आचार्य तुलसी के जीवन सिद्धान्त से मैंने बहुत कुछ सीखा है- अर्जुनराम मेघवाल


- आचार्य तुलसी के अणुव्रत के नियम मैंने अपने जीवन में आत्मसात किए – केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल
बीकानेर , 9 मार्च । जो गाली हम किसी को देते हैं, वह हम स्वयं को ही देते हैं। गाली हिंसा का ही रूप है। आचार्य तुलसी के जीवन से मैंने यही सीखा है कि जीवन में कभी किसी का बुरा मत सोचो, किसी को गाली मत दो। अणुव्रत उनके जीवन का सिद्धान्त था और जब मैंने उनके जीवन से यह प्रेरणा ली, अणुव्रत के नियमों को मैंने आत्मसात कर लिया।



यह बात केन्द्रीय विधी एवं न्याय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने रविवार को आचार्य तुलसी समाधी स्थल ‘नैतिकता का शक्तिपीठ ’ पर आयोजित धर्मसभा में व्यक्त किए। केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने इस अवसर पर उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि श्री कमल कुमार जी से आशीर्वाद लिया। मुनिश्री जी ने केन्द्रीय कानून मंत्री को देशहित में नैतिकता के साथ काम करने और बीकानेर का नाम रोशन करते रहने का आशीर्वाद दिया। केन्द्रीय मंत्री ने इस अवसर पर अणुव्रत गीत का संगान भी किया।


इस अवसर पर आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान की ओर से अध्यक्ष गणेश बोथरा, मुख्य न्यासी महावीर रांका, निवर्तमान अध्यक्ष हंसराज डागा, महामंत्री दीपक आंचलिया ने जैन प्रतीक चिन्ह पहनाकर और साहित्य भेंट कर सम्मान किया गया। पूर्व महामंत्री दीपक आंचलिया ने बताया कि इस दौरान राजेन्द्र पारख, बसंत नौलखा, राजेश बैद, जतन लाल दुगड़, भेरूदान सेठिया, भंवरलाल सेठिया, पवन छाजेड़, जतन संचेती, नारायण चोपड़ा, संजू लालाणी, मीनाक्षी आंचलिया, शारदा डागा, अरिहंत नाहटा, करणीदान रांका सहित बड़ी संख्या में श्रावक- श्राविकाऐं मौजूद रहे।