वसुंधरा नहीं तो कौन ? राजस्थान में पीएम की सभा के बाद तस्वीरें हुई साफ ?

सीएम की दौड़ में यह बन सकती हैं राजे का विकल्प

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जयपुर , 26 सितम्बर। भाजपा के अनुसार राजस्थान में अगर सत्ता परिवर्तन होता है और बीजेपी सरकार बनती है तो मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा? क्योंकि मोदी – शाह की जोड़ी वसुन्धरा राजे को किनारे कर चुके हैं। अतः मुख्यमंत्री के नाम को लेकर संशय बरकरार है। बीजेपी हर बार चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करती आई है लेकिन पहली बार ऐसा हो रहा है जब किसी भी नेता को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया गया। राजस्थान के विधानसभा चुनाव में पार्टी पीएम मोदी के चेहरे के भरोसे है। हिमाचल कर्नाटका की हार के बाद मोदी का जादू समाप्ति की राह में है। इधर पिछले 20 साल से बीजेपी का प्रमुख चेहरा रही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को फ्रंट में नहीं रखा गया। राजे पहली ऐसी महिला नेता हैं जो दो बार प्रदेश की सीएम रह चुकी हैं लेकिन इस बार उनकी अनदेखी की जा रही है। हाईकमान की अनदेखी के पीछे का कारण क्या है इसे सभी लोग जानना भी चाहते हैं।
फिलहाल कल जयपुर में हुई पीएम मोदी की सभा में वसुंधरा राजे का भाषण नहीं होने से राजनितिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। अब कयास यह लगाए जा रहे है कि इस बार सीएम फेस में बीजेपी राजे की जगह किसी और को ही मौका देगी। लेकिन वह चहरा कौन होगा ? जिसे कमान सौपी जा सकती है, यह चर्चा का विषय है। कल पीएम की सभा से कुछ ऐसे दृश्य सामने आएं हैं जिनसे तस्वीरें कुछ हद तक साफ दिखाई देने लगी। सोमवार को महिलाओं ने पीएम सभा की पूरी जिम्मेदारी संभाली। इस सभा में एक ऐसा चेहरा निकल कर सामने आया जिन्हें राजस्थान की कमान सौंपी जा सकती है।

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कौन लेगा वसुंधरा राजे का स्थान ?

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राजस्थान के सियासी गलियारों में चर्चा इस बात की हो रही है कि बीजेपी में चल रही इस खींचतान से किसको फायदा होने वाला है। हालांकि पार्टी की ओर से कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिए गए हैं लेकिन सोमवार 25 सितंबर को जयपुर में हुई पीएम मोदी की रैली से तस्वीर साफ होती नजर आ रही है। पीएम मोदी की इस रैली में मंच और पंडाल की बैठक व्यवस्था से लेकर पार्किंग तक की तमाम जिम्मेदारी महिलाओं के पास थी। मंच संचालन राजसमंद सांसद दीया कुमारी ने किया। मंच पर महिला नेताओं को दी गई जिम्मेदारी से कुछ तस्वीरें ऐसी निकलकर आई है जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि वसुंधरा राजे का स्थान कौन ले सकता है।

दीया कुमारी, अल्का गुर्जर, ज्योति मिर्धा या फिर कोई और
पीएम मोदी की सभा के दौरान मंच पर कई महिला नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। मंच पर पूर्व सीएम के साथ सांसद दीया कुमारी, रंजीता कोली, जसकौर मीणा, पार्टी की राष्ट्रीय सचिव अल्का गुर्जर, जिला प्रमुख रमा चौपड़ा, महापौर सौम्या गुर्जर और हाल ही में कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी में शामिल हुई ज्योति मिर्धा मौजूद रही।
इन सब महिला नेताओं में दीया कुमारी और अल्का गुर्जर मुख्य भूमिकाओं में नजर आई। अब वसुंधरा राजे का विकल्प कौन बन सकती है। यह सोचनीय प्रश्न है। जरूरी नहीं कि जो चेहरा सबसे आगे हो उसे ही मौका दिया जाए क्योंकि बीजेपी का राष्ट्रीय नेतृत्व कई बार चौंकाने वाले फैसले लेते हुए उन चेहरों को मुख्य जिम्मा सौंपते हैं जिनके बारे कयास कम ही लगाए जाते हैं। लेकिन फिलहाल इन महिलाओं का पक्ष मजबूत माना जा रहा है।

पीएम मोदी के आने से पहले कहां थी वसुंधरा राजे

राजस्थान में चुनाव जीतने के लिए बीजेपी के शीर्ष नेता पूरी ताकत लगा रहे हैं। लेकिन पार्टी पहले ही साफ कर चुकी है कि इस बार राजस्थान में होने वाला चुनाव बीजेपी केंद्र सरकार की उपलब्धियों और पीएम मोदी के चेहरे पर लड़ेगी। लिहाजा सीएम पद का उम्मीदवार कौन बनेगा। इसे लेकर अभी ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। इन सभी के बीच सोमवार को जयपुर की सभा में जो समीकरण दिखे, उससे यह सवाल बार बार उठ रहा है कि क्या पार्टी ने वसुंधरा राजे को साइडलाइन कर दिया है । दरअसल, जयपुर के दादिया गांव में हुए बीजेपी के कार्यक्रम में पीएम मोदी के आगमन से पहले तमाम नेता मौजूद थे। इस दौरान वसुंधरा राजे की अनुपस्थिति वसुंधरा राजे समर्थकों को खल रही थी।

राजे भी देव दर्शन यात्राओं के जरिए कर चुकी शक्ति प्रदर्शन

एक तरफ पार्टी की ओर से वसुंधरा राजे की अनदेखी की जा रही है और दूसरी तरफ राजे भी पार्टी से अलग हटकर निजी स्तर पर देव दर्शन यात्राओं के जरिए अपना शक्ति प्रदर्शन करती रही हैं। केन्द्रीय नेताओं के साथ राजे ने भले ही परिवर्तन यात्राओं को हरी झंडी दिखाई हो लेकिन प्रदेश की 200 विधानसभा क्षेत्रों से गुजरी परिवर्तन यात्राओं में राजे ने हिस्सा नहीं लिया। पीएम मोदी की सभा से ठीक दो दिन पहले 23 सितंबर को भी राजे के आवास पर हजारों की संख्या में महिलाएं पहुंची और राजे को रक्षा सूत्र बांधा था। अगर यात्राओं के जरिए वसुन्धरा का शक्ति प्रदर्शन सफल रहा तो अंतिम समय में भाजपा युटर्न भी ले ले तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए। बहरहाल राजनीति गर्मा रही है देखतें हैं कि किसकी रोटी सिकेगी ?

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