उच्च स्तरीय भारतीय संगीत की 6 दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ
बीकानेर 24 मई। टी.एम. लालानी एवं विरासत संवर्द्धन संस्थान, बीकानेर और सुर संगम संस्थान, जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में उच्च स्तरीय भारतीय संगीत 6 दिवसीय कार्यशाला आज 24 को टी.एम. डिटोरियम, गंगाशहर बीकानेर में प्रारम्भ हुयी । प्रशिक्षण हेतु चयनित सभी 32 संगीत साधक प्रशिक्षु जो स्नातक स्तर के हैं, वे अपनी संगीत कला में और अधिक पारंगतता प्राप्त करेंगे। यह कार्यशाला वस्तुतः प्रोफेशनल सिंगर ग्रूमिंग कार्यशाला है।
विरासत संवर्द्धन संस्थान के सम्पतलाल दूगड़ ने बताया कि बाहर से आने वाले प्रशिक्षुओं में इलाहाबाद, इन्दौर, रेवा, विदिशा , कोटमा, वाराणसी, मुम्बई, दुर्ग, जयपुर, सासाराम आदि क्षेत्रों से आने हैं। अधिकांश प्रशिक्षु बीकानेर पहुंच गये । इनके आवास, भोजन व प्रशिक्षण आदि की सारी व्यवस्थाएं टी.एम. ओडिटोरियम में की गई है।
सुर संगम के अध्यक्ष के, सी, मालू ने बताया कि उक्त संगीत प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रथम चार दिन भारत के प्रसिद्ध संगीत गुरु पण्डित भवदीप जयपुर वाले के संचालन और निर्देशन के लिए मुम्बई से पधारेंगे। वे बॉलीवुड के प्रतिष्ठित वॉकल गुरु एवं प्रशिक्षक हैं। जो लाइट म्यूजिक की तकनीक के विशेषज्ञ हैं। मालू ने बताया कि पं. भवदीप प्रोफेशनल सिंगिंग की तकनीक व बॉलीवुड संगीत में विभिन्न रागों के उपयोग का प्रशिक्षण प्रदान करेंगे।
सुर संगम के सचिव मुकेश अग्रवाल ने बताया कि इस कार्यशाला के अन्तिम दो दिनों के प्रशिक्षण हेतु विश्व प्रसिद्ध खैरागढ़ संगीत विश्व विद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर टी. उन्नीकृष्णन कोचीन से पधार रहें हैं। वे प्रशिक्षुओं को वॉयस मोड्युलेशन तकनीक, बेहतर वॉयस क्वालिटी व वॉयस कल्चर की विशेष तकनीक का प्रशिक्षण देंगे। कार्यशाला के सफल संयोजना के लिए सुर संगम के अध्यक्ष के.सी. मालू एवं महासचिव मुकेश अग्रवाल बीकानेर पधार गये हैं।
विरासत संवर्द्धन संस्थान के अध्यक्ष टी. एम. लालानी भी आज फरीदाबाद से सपत्नीक बीकानेर पहुंच गए । लालानी का मानना है कि संगीत साधना निष्णात व्यक्तियों के लिए भी योग साधना जैसी ही है और इसमें हमारा योगदान बने, यही उनका व विरासत संवर्द्धन संस्थान के गठन का उद्देश्य है। कार्यशाला के प्रशिक्षु संगीत में विशेष उपलब्धियां हासिल करें। यही कामना व लक्ष्य है। लालानी ने बताया कि संगीत कार्यशाला में उपलब्ध सभी सुविधाएं निःशुल्क है। सभी प्रशिक्षुओं के लिए भोजन व्यवस्था के साथ ही बाहर से समागत प्रशिक्षुओं के लिए आवास व्यवस्था भी निःशुल्क है।
कार्यशाला का शुभारम्भ सत्र दिनांक 24 मई, शुक्रवार दोपहर 02ः30 बजे हुआ । कार्यशाला में प्रशिक्षण के दो सत्र प्रतिदिन प्रातः 09ः30 बजे से दोपहर 12ः30 बजे एवं दोपहर 04ः00 बजे से सायं 07ः00 बजे तक होंगे। कार्यशाला का समापन सत्र 29 मई, 2024 दोपहर का होगा।
टी.एम. लालानी ने बताया कि बीकानेर के संगीत रसिकों के लिए कार्यशाला में देश भर से आये कलाकारों की मधुर प्रस्तुतियां भी होगी। शनिवार 25 मई को सायं 08ः30 बजे फिल्मी गीत व लोक संगीत तथा 26 मई, रविवार की सायं 08ः30 बजे गजल एवं ठुमरी का लुत्फ बीकानेर के सभी कलाप्रेमी ले सकेंगे।
विरासत संवर्द्धन संस्थान के उपाध्यक्ष कामेशरप्रसाद सहल, हेमन्त डागा, सम्पतलाल दूगड़ व विरासत के संगीत प्रशिक्षक पण्डित पुखराज शर्मा आदि संस्थान से जुड़े सभी कार्यकर्ता कार्यशाला की पूरी योजना एवं सभी व्यवस्थाओं सहयोग में जुटे हैं।