शिवबाड़ी के गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर महामंगलकारी प्रतिष्ठा द्वार का उद्घाटन

  • सतर भेदी व दादा गुरुदेव की बड़ी पूजा सोमवार को

बीकानेर, 30 जून। जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ के आचार्य जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी व साध्वीवृंद के सान्निध्य शिवबाड़ी के श्री गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर में रविवार को चतुर्विद संघ की साक्षी में परमतारक परमात्मा, गणधर, दादा गुरुदेव, सह देव-देवी की मंगलमय प्रतिष्ठा व अंजनशलाका हुई।

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सोमवार को सुबह मंदिर के द्वार का उद्घाटन,सतर भेदी पूजा, दादा गुरुदेव की बड़ी पूजा होगी। शाम को प्रभु भक्ति में ब्यावर के अरिहंत कांकरिया भजन प्रस्तुति के बाद पांच दिवसीय प्रतिष्ठा व अंजनशलाका महोत्सव का समापन होगा।

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श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ, श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट, श्री पार्श्वनाथ जिन मंदिर जीर्णोंद्धार समिति व अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव समिति व जिनेश्वर युवक परिषद के संयुक्त तत्वावधान में हुए महोत्सव में विधिकारक शासन रत्न बाबूलाल मनोजकुमार हरण ने जिन प्रतिमाओं की अंजनशलाका व प्रतिष्ठा विधि विधान से करवाई। शुभ लग्नांश वेला में सुवर्ण कलश, शिखरोपरि ध्वजारोहण, तोरण स्थापना, माणक स्तंभारोपण स्थापना की गई।

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सात गुम्बज के सफेद संगमरमर के मूलनायक श्री भगवान गंगेश्वर पार्श्वनाथ के मंदिर में मुख्य गर्भगृह भगवान आदिनाथ, भगवान महावीर स्वामी की 27 इंच की प्रतिमा परिकर सहित स्थापित की गई। मंदिर में श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ श्री नाकोड़ा पार्श्वनाथ की 21 इंच की फण सहित प्रतिमा, अनंत लब्धि निधान गणधर श्री गौतम स्वामी, मणिधारी दादा गुरुदेव जिन चन्द्र सूरीजी, नाकोड़ा भैरव, श्री पद्मावती माता की 21-21 इंच की, अंजन के लिए भगवान पार्श्वनाथ की 9 इंची, श्री शांतिनाथ पंचतीर्थी, श्री सिद्धचक्र यंत्र, श्री अष्ट मंगल पाटली (पंच धातू), जिनालय के लिए 15 प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा व अंजनशलाका का विधान किया गया। मंगल मूर्तियों में गणधर गौतम स्वामी, दादा जिन चन्द्र सूरी नाकोड़ा भैरव, देवी पद्मावती की शामिल थी।

अभिनंदन समारोह में श्री गंगेश्वर पार्श्वनाथ के मंदिर में विभिन्न जिन प्रतिमाओं, सह देवी देवताओं की प्रतिमाओं को स्थापित करवाने का लाभ लेने, तोरण, ध्वजा, फल चुनड़ी, श्री गंगेश्वर पार्श्वनाथ जिनालय जीर्णोंद्धार योजनाओं के लाभार्थी , जिनालय नव निर्माण में सहयोगी, प्रतिमा, पूजा सहित विविध धार्मिक अनुष्ठानों के लाभार्थियों सहित पांच दिवसीय महोत्सव में स्वामी वत्सल, नवकारसी सहित विभिन्न लाभ लेने वालों का श्रीफल, दुपट्टा आदि से सम्मान किया गया। फल चुनड़ी का लाभ लेने वाले उदयरामसर के बोथरा परिवार व मुख्य लाभार्थी थानमल पवन बोथरा सहित अनेक श्रावक-श्राविकाएं चुनड़ी के नीचे शहनाई व गाजे बाजे के साथ मंदिर पहुंच कर देव व गुरुवंदना की।

अतिथि के रूप में नगर विधायक जेठानंद व्यास, संभागीय आयुक्त वंदना सिंघवी, अखिल भारतीय खरतरगच्छ संघ अध्यक्ष मुंबई के रिखबचंद झाझू, डालमिया सीमेट के निदेशक महेन्द्र सिंघी, अखिल भारतीय खरतरगच्छ संघ के पूर्व अध्यक्ष पदमचंद नाहटा, मालवा, उज्जैन खरतरगच्छ संघ के बसंत श्रीमाल, महेन्द्र गादिया, बालाघाट के अभय सेठिया, बाड़मेर, फलौदी सहिज राजस्थान के साथ अहमदाबाद, पालीताणा, सूरत, दिल्ली, कोलकाता सहित देश के इलाकों के जैन संघो, मंदिरों, दादाबाड़ी, पढ़ियों के पदाधिकारी व प्रतिष्ठा के विभिन्न कार्यक्रमों के लगभग 151 लाभार्थिर्यों का अभिनंदन किया गया।

अतिथियों व लाभार्थियों का अभिनंदन श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के अध्यक्ष राय सिंह खजांची, सदस्य मंत्री रतन लाल नाहटा, सदस्य सुरेन्द्र खजांची, मालचंद बेगानी, हस्तीमल सेठी, हेमंत खजांची, श्री जिनेश्वर युवक परिषद के संरक्षक पवन पारख, पवन बोथरा, मनोज सेठिया गणेश बोथरा, महावीर सिंह खजांची, महावीर नाहटा, नरेन्द्र मनु मुसरफ, कमल बरड़िया, अध्यक्ष संदीप मुसरफ, मंत्री मनीष नाहटा, उपाध्यक्ष विनीत नाहटा, राजेश खजांची, उद्योगपति बसंत नवलखा, आदि ने साफा, स्मृति चिन्ह, दुपट्टा आदि से किया।

समारोह स्थल पर विधायक जेठानंद व्यास, संभागीय आयुक्त वंदना सिंघवी, खरतरगच्छ सहस़्ास्त्राब्दी समिति के राष्ट्रीय संयोजक दिल्ली के ललित नाहटा, अखिल भारतीय खरतरगच्छ संघ के पूर्व अध्यक्ष हरखचंद चंद नाहटा परिवार के पदम नाहटा, दिलीप नाहटा व आशादेवी नाहटा व सोनेद्र जैन का भी सम्मान किया गया।

खरतरगच्छ युवा परिषद के अध्यक्ष राजीव खजांची व मंत्री अनिल सुराणा ने कुमंकुंम का छापा व तिलक लगाकर मंदिर प्रतिष्ठा की सभी श्रावक-श्राविकाओं को बधाई दी। प्रतिष्ठा महोत्सव में जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के अध्यक्ष अजीत मल खजांची, कोषाध्यक्ष अशोक पारख, श्री आत्मानंद सभा के मंत्री लीलम सिपानी, श्री पार्श्वचन्द्र गच्छ के अध्यक्ष रविन्द्र रामपुरिया, मंत्री प्रताप रामपुरिया, जैन पाठशाला सभा के अध्यक्ष व तपागच्छ के पूर्व मंत्री विजय कोचर, मोरखाणा सुसवाणी माता मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष दिल्ली के सुरेन्द्र राज सुराणा सहित जैन श्वेताम्बर तेरापंथ, तपागच्छ, खरतरगच्छ संघ, पार्श्वचन्द्र गच्छ, साधुमार्गी जैन संघ, शांत क्रांत संघ के पदाधिकारी, श्रावक-श्राविकाएं महोत्सव में शामिल हुए।

 

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