इंडिया अलायंस का मर्सिया नहीं पढ़ा जाना चाहिए- थरुर
जयपुर, 2 फ़रवरी। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में कांग्रेस सांसद शशि थरुर ने केंद्र सरकार के बजट पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- एक लाख रुपए महीना कमाने वाले व्यक्ति को इस बजट में राहत दी गई है, लेकिन जब लोगों की जेब में पैसा ही नहीं है। वह टैक्स कहां से पे करेंगे। उन्होंने कहा- रोजगार तलाशने वालों के लिए इस बजट में कुछ भी नहीं है। केंद्र सरकार सिर्फ कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रही है। इस दौरान उन्होंने कुंभ, इंडिया अलायंस समेत तमाम विषयों पर अपने विचार रखे।
थरूर ने कहा- इंडिया अलायंस जब बना था, तब भी यह साफ था कि यह राज्यों में काम नहीं करेगा। दिल्ली में हम लोकसभा चुनाव के दौरान जरूर साथ थे। लेकिन अब नहीं हैं। यह राज्यों के पॉलिटिकल कैरेक्टर पर निर्भर करेगा। इसलिए इंडिया अलायंस का मर्सिया नहीं पढ़ा जाना चाहिए, न इस बात का जश्न मनाया जाना चाहिए कि अब इंडिया अलायंस के दल अलग – अलग चुनाव लड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अगर आप दिल्ली बिहार से हो और आप मिडिल क्लास से हो जिसे एक लाख सैलरी मिल रही है। तो आप खुश होंगे। लेकिन अगर आप रोजगार की तलाश कर रहे हो, तो आपके लिए इस बजट में कुछ नहीं है। क्यों हमारे देश से निवेशक बाहर जा रहे हैं। सरकार को उन्हें रोकना चाहिए और कहना चाहिए कि आप यहीं निवेश कीजिए। मैंने पूरे बजट में बेरोजगारी शब्द ही नहीं सुना। आपको भले ही टैक्स में राहत मिले, लेकिन आपके जेब में पैसे नहीं है।
सरकार के पास रोजगार को लेकर नहीं कोई सोल्यूशन
उन्होंने कहा- 10 हजार करोड़ के रोजगार सृजन की बात की। उसे घटाकर 6 हजार करोड़ पर लेकर आए। रोजगार को लेकर कोई सोल्यूशन नहीं है। रोजगार को लेकर फोकस रहना चाहिए। सरकार कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने की। कोशिश कर रही है, कुछ नेशनल चैंपियन को प्रमोट कर रही है। इससे एक बड़े वर्ग को नुकसान है। मनरेगा के मजदूर सात – आठ महीने से अपने पैसे का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन सरकार की प्राथमिकता ही नहीं है। इसलिए सरकार को प्राथमिकता तय करनी चाहिए। अगर आपको पढ़ाई को प्रमोट करना है। तो आपको सुविधाएं मुहैया कराना चाहिए। वैसे भी लड़कियों का ड्रॉप आउट बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि चाइनीज बोर्डर पर जो हुआ, वह कभी नहीं होना चाहिए। उन्हें दिखना चाहिए कि हम मजबूत हैं। इसलिए बजट में डिफेंस का हिस्सा बढ़ाया जाना चाहिए। अभी भी अधिकारियों की कमी है। इसे दूर किया जाना चाहिए। 1948 से हम कह रहे हैं कि जीडीपी का 6 फीसदी हिस्सा रहना चाहिए। लेकिन अब तक 4.8 फीसदी पहुंचना चाहिए। इसके लिए प्रयास होने चाहिए।
मेरा मंदिर जाना मेरी पार्टी, या कोई पार्टी तय नहीं करेगी
उन्होंने कहा कि धर्म व्यक्तिगत मसला है। आप मंदिर जाना चाहें, कुंभ जाना चाहें, यह आपका मामला है। राम मंदिर जाना है या नहीं जाना है यह मेरी पार्टी, या कोई पार्टी तय नहीं करेगी। मैं कुंभ गया और मुझे सिक्योरिटी मिली, वीआईपी ट्रीटमेंट मिली और इससे आम लोगों को दिक्कत हो। मैं कुंभ में जाना पसंद नहीं करूंगा। उन्होंने बताया कि नेहरू जी 1957 में एक बार गए और उस दौरान दूर कहीं कुछ भगदड़ हुई और कुछ लोगों का देहांत हो गया।
उन्होंने कहा कि ऐसी जगहों पर वीआईपी को नहीं जाना चाहिए। आम लोगों को जाने देना चाहिए। इसलिए मैं नहीं जाऊंगा। अगर मेरे स्टाफ में भी कोई जाना चाहे तो वह जा सकता है। मैं मदद करूंगा। मैं किसी को अधिकार नहीं दूंगा कि वे इस आधार पर मुझे सनातनी होने, न होने का प्रमाण दें।